लखनऊ: उत्तर प्रदेश में तबादला नीति (health department transfer policy) के तहत स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों (up health department transfer list) को लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने अपने ही विभाग में सवाल उठाया था. उप मुख्यमंत्री ने बीते दिनों अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तबादले किए जाने का कारण स्पष्ट करते हुए पूरा विवरण मांगा. जिसके बाद गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक कमेटी बनाई गई है, जो तबादलों से संबंधित शिकायतों की जांच कर 3 दिनों में अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी.
स्वास्थ्य महानिदेशक लिली सिंह ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि 2022-23 में महानिदेशालय के स्तर से किये गए सभी संवर्गों के तबादलों से संबंधित जो भी शिकायतें आई हैं, उसके लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जा रही है. ये कमेटी 3 दिनों में सभी शिकायतों व प्रत्यावेदनों की जांच कर निदेशालय को रिपोर्ट सौंपेगी.
निदेशक स्तर के 5 डॉक्टर करेंगे जांच
डॉक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ के हुए तबादलों से जुड़ी शिकायतों को जांच करने के लिए सीएमएसडी निदेशक डॉ. अशोक कुमार, संचारी रोग निदेशक डॉ. अविनाश कुमार सिंह, निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम डॉ. आभा वर्मा, पीएचसी उप निदेशक डॉ. शैलेष श्रीवास्तव और संचारी रोग जॉइंट डायरेक्टर डॉ. पंकज सक्सेना को कमेटी में रखा गया है.
DCM ने तबादलों पर उठाए थे सवाल
तबादला नीति पर सवाल उठाते हुए डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव अमित मोहन को पत्र लिखते हुए कहा था कि उनके संज्ञान में आया है कि वर्तमान सत्र में जो भी ट्रांसफर किए गए हैं, उनमें तबादला नीति का पूर्णतः पालन नहीं किया गया है. जिन-जिन का ट्रांसफर किया गया है, उनके ट्रांसफर किए जाने का कारण स्पष्ट करते हुए उसका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जाए. यही नहीं डिप्टी CM ने हाल ही में हुए सभी तबादलों की जानकारी मांगी है.
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उन्होंने आशंका जताई है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में नियमों को दरकिनार किया गया है. वहीं डिप्टी CM के पत्र से एक बात और साफ होती है कि ट्रांसफर करते वक्त उनको भरोसे में नहीं लिया गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था.
बवाल उठते ही रद्द होने लगे तबादले
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जैसे ही डॉक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ के हुए तबादलों पर सवाल उठाये, वैसे ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. अब जिन तबादलों पर शिकायतें आई हैं, उन्हें रद्द किया जा रहा है. तबादला नीति के तहत हरदोई में तैनात डॉ. विपुल वर्मा का तबादला कन्नौज कर दिया गया था. लेकिन, आज शासन ने तबादला रद्द करते हुए उन्हें हरदोई में ही रहने के निर्देश दिए हैं.
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