ETV Bharat / state

नोएडा में बनेगा यूपी का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क, तैयारियां तेज

author img

By

Published : Aug 13, 2021, 11:41 AM IST

उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-28 में यूपी का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क बनाया जाएगा. जिसके लिए 350 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई है. मेडिकल डिवाइस पार्क के जरिए 5,250 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.

सीएम योगी
सीएम योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश का पहला और सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क (Up Biggest Medical Device Park) यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) के एरिया में बनने जा रहा है. इसके लिए गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के सेक्टर-28 में 350 एकड़ जमीन तय कर ली गई है. इस मेडिकल डिवाइस पार्क में इनक्यूबेशन सेंटर (Incubation Center) भी बनाया जाएगा. यह सेंटर पांच एकड़ में बनेगा.

माना जा रहा है कि इस सेंटर से स्टार्टअप कंपनियों को फायदा मिलेगा. इनक्यूबेशन सेंटर के लिए यीडा ने आईआईटी कानपुर से अनुबंध किया है. दो चरणों में बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क के जरिए 5,250 करोड़ रुपए का निवेश होगा और 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.

भारतीय दवा उद्योग का दुनिया में तीसरा नंबर है. इसके बावजूद तमाम दवाओं के कच्चे माल के लिए भारत चीन पर निर्भर है. कुछ दवाओं के कच्चे माल के संदर्भ में तो यह निर्भरता 80 से 100 फीसद तक है. कोरोना के संक्रमण की शुरुआत हुई तो स्वाभाविक रूप से कच्चे माल का संकट भी हुआ. लिहाजा नीति आयोग, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्र के संबंधित विभागों ने तय किया कि देश को दवाओं और चिकित्सकीय उपकरणों के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए देश में ही फार्मा और फार्मा उपकरण बनाने वाले पार्क बनाए जाएं.

इसी के तहत केंद्र सरकार ने देश में चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने का निर्णय लिया. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और नोएडा में ऐसे पार्क बनाने की स्वीकृति प्रदान करने को केंद्र सरकार को पत्र लिखा. मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा था कि मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए लखनऊ और नोएडा बिल्कुल उपयुक्त हैं. लखनऊ में केंद्र के चार दवा अनुसंधान केंद्र हैं. इनके शोध का स्तर बेहद स्तरीय है. इनके द्वारा कई रोगों की उच्च कोटि की दवाएं और चिकित्सकीय उपकरण बनाए भी जा रहे हैं. इसके अलावा गौतमबुद्ध नगर नोएडा का शुमार देश के विकसित औद्यौगिक क्षेत्रों में होता है. वहां जेवर में अंतराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बन जाने से निर्यात भी आसान हो जाएगा. सरकार की नई औद्योगिक और फार्मा नीति भी निवेशकों के बेहद मुफीद है. लिहाजा उप्र को दो बल्क ड्रग्स या मेडिकल डिवाइस पार्क आवंटित करने का कष्ट करें.

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार यूपी में जिस मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को अनुमति देगी उसे केंद्र सरकार से करीब 100 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा. इसके अलावा यूपी की इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों के चलते देशी तथा विदेशी कंपनियां यूपी के मेडिकल डिवाइस पार्क में निवेश करने में रूचि लेंगी.

इस सोच के तहत यूपी में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को लेकर सरकार ने अपने प्रयास जारी रखे. जिसके तहत नोएडा के सेक्टर-28 में 350 एकड़ भूमि मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने ले लिए चिह्नित की गई. इस भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क दो चरणों में विकसित किया जाएगा. यहां प्लॉट के बजाय तैयार शेड उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे. ताकि शीघ्र इकाई लगाकर मेडिकल उपकरणों का उत्पादन किया जा सके. पहले चरण में 125 एकड़ में शेड बनाकर उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे. दूसरे चरण में भी 225 एकड़ एरिया में यही योजना आएगी. विशाखापत्तनम में इसी तरह के मेडिकल डिवाइस पार्क बना है. यीडा के अधिकारियों ने विशाखापत्तनम के मेडिकल डिवाइस पार्क का कुछ माह पूर्व ही दौरा भी किया था. वहां की बारीकियों को देखा और अब यहां पर उनको अमल में लाया जाएगा. इसी क्रम में प्राधिकरण ने हैदराबाद के कलाम इंस्टिट्यूट से मेडिकल डिवाइस पार्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाई है.

इस पार्क की एक खास बात यह भी है कि नोएडा के मेडिकल डिवाइस पार्क में इनक्यूबेशन सेंटर बनाएगा. प्राधिकरण ने कानपुर आईआईटी को इसके लिए अनुबंध किया है. जिससे नई तकनीक का आदान-प्रदान हो सके. मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाली स्टार्टअप कंपनियों को भी फायदा मिलेगा. इससे दो फायदे होंगे. पहला इनक्यूबेशन सेंटर और समृद्ध होगा. दूसरा स्टार्टअप कंपनियों को कानपुर आईआईटी से सहयोग मिल सकेगा. प्राधिकरण ने इसकी कार्य योजना तैयार कर ली है. इसके अलावा यीडा मेडिकल डिवाइस पार्क में कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी विकसित करेगा. इसमें यहां आने वाली कंपनियों के लिए तमाम सुविधाएं दी जाएंगी. एक ही छत के नीचे कंपनियों को उनकी जरूरत के मुताबिक सुविधाएं मिलेंगी. कुल मिलाकर सेक्टर-28 में बनने वाले इस मडिकल डिवाइस पार्क की खूबियों के चलते हेल्थ सेक्टर में कार्यरत दुनिया की विख्यात कंपनियां यहां निवेश करने के लिए आगे आएंगी.

इसे भी पढ़ें- सीएम योगी की अपील! कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाएं नाग पंचमी


क्या है इन्क्यूबेशन सेंटर(Incubation Center)
स्टार्टअप व्यवसाय को विकसित करने में मदद करने वाले संस्थानों को इन्क्यूबेशन सेंटर कहा जाता है. इन्क्यूबेशन सेंटर प्रारंभिक चरण में स्टार्टअप्स के लिए संजीवनी के सामान होते हैं. ये संस्थान आम तौर पर स्टार्टअप्स को व्यापारिक एवं तकनीकि सुविधाओं, सलाह, प्रारंभिक विकास निधि, नेटवर्क और सम्बन्ध, सहकारी रिक्त स्थान, प्रयोगशाला की सुविधा, सलाह और सलाहकार समर्थन जैसी सुविधाएं प्रदान करती हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.