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जातिगत जनगणना पर विधान परिषद में सपा-भाजपा आमने सामने, शाहनवाज और केशव मौर्य में तीखी नोकझोंक

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2023, 3:03 PM IST

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SP Vs BJP on Caste Census : समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि वह जातीय जनगणना से पीछे हट रह है. इससे पिछड़ों के साथ धोखा हो रहा.

लखनऊ: शीतकालीन सत्र के दौरान विधान परिषद में जातीय जनगणना के सवाल पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. समाजवादी पार्टी की ओर से भाजपा पर आरोप लगाया गया कि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण समर्थन और पिछड़ों के लिए खड़े होने का केवल ढोंग कर रही है. जातीय जनगणना से पीछे हट रही है भारतीय जनता पार्टी और यहां तक की 2021 की जनगणना भी अब तक नहीं कराई गई है.

सपाइयों ने विधान परिषद से किया वाक आउटः इसका जवाब भारतीय जनता पार्टी की ओर से सदन के नेता केशव प्रसाद मौर्य ने दिया. उन्होंने कहा कि जनता का समर्थन बता रहा है कि समाज का हर वर्ग किस पार्टी के साथ खड़ा है. समाजवादी पार्टी ने अपनी सरकार के समय में जनगणना क्यों नहीं कराई. इस मुद्दे पर नाराज होकर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने विधान परिषद से वाकआउट किया.

सपा नेता शाहनवाज खान ने उठाई जातिवार जनगणना की मांगः विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के शाहनवाज खान ने जातिवार जनगणना की मांग की. सदन की कार्यवाही रोक कर चर्चा की मांग की. समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि भाजपा जातीय जनगणना नहीं करवा रही है. यूपीए के समय में 2011 में जातीय जनगणना कारवाई गई थी. मग़र आंकड़े नहीं पेश किए गए. कोरोना की वजह से 2021 की जनगणना अब तक नहीं हुई है.

केजीएमयू में आरक्षण का मुद्दा उछलाः भाजपा भी कहती है कि जातीय जनगणना करवाई जाए. इस देश और प्रदेश में सभी को न्याय देने के लिए जनगणना जरूरी है. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को निष्प्रयोज्य कर दिया गया. वहां सुनवाई होती थी. समाजवादी पार्टी यह सवाल उठाती है कि Kgmu में प्रोफेसर रखने को लेकर कोई आरक्षण नहीं दिया गया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी कहा करते थे कि कि वे पिछड़े वर्ग से आते हैं, इसलिए उनको नीच कहा गया था. जब वे पिछड़े वर्ग के होने पर शोषित हो सकते हैं. आम आदमी का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है. इसलिए जातीय जनगणना बहुत आवश्यक है.

केशव प्रसाद मौर्य ने क्या जवाब दियाः जवाब में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भेदभाव करना हमारी सरकार का काम नहीं है. जब समाजवादी सत्ता में आते हैं तब इनको पिछड़े की याद नहीं आती है. 2012 में इनको जनता का समर्थन मिला था. मग़र 2014 में हमने लोकसभा में 73 सीटें जीत ली. 2017 विधानसभा चुनाव में यूपी की 325 सीटों पर भाजपा जीती. 2019 लोकसभा चुनाव में सब मिल गए. इसके बावजूद हमको 51 प्रतिशत वोट मिला.

सपा नेताओं ने किया हंगामाः 2022 के विधानसभा चुनाव में भी इनके दुष्प्रचार के बावजूद हम जोरदार तरीके से जीते. सच सुनने का साहस इनमें नहीं है. सच्चाइयों को छिपाया नहीं जाता है. जनता को हमारे उपर पूरा भरोसा नहीं है. हमारी सरकार मे आरक्षण में कोई अन्याय नहीं होगा. Kgmu में जो गड़बड़ी हुई उसको रोका गया है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ समाजवादी सरकार में गंभीर मुकदमे लगाए गए थे. अदालत से मैं छूटा. पिछड़े वर्ग का इनको कोई ख्याल नहीं. हम जातीय जनगणना के खिलाफ नहीं है. आप जब सत्ता में थे तब आपने जातीय जनगणना नहीं करवाई. केशव प्रसाद मौर्य के बयान पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने हंगामा किया. नारेबाजी कर के विपक्षी सदन छोड़कर चले गए.

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