लखनऊ: प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में घायल गनर राघवेंद्र सिंह की बुधवार इलाज के दौरान मौत हो गई थी. गुरुवार को लखनऊ पुलिस लाइन में शहीद गनर राघवेंद्र को अंतिम सलामी दी गई. इस मौके पर राजधानी पुलिस कमिश्नरेट के आलाधिकारी मौजूद रहे. हालांकि इस मौके पर पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर की गैरमाजूदगी चर्चा का विषय बना रहा.
लखनऊ की पुलिस लाइन में प्रयागराज घटना में मारे गए कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह को गुरुवार को पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने नम आंखों से अंतिम सलामी दी. इस दौरान संयुक्त पुलिस कमिश्नर पियूष मोर्डिया समेत कई डीसीपी और पुलिस अधिकारी मौजूद रहे.
बता दें कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में घायल गनर राघवेंद्र का पीजीआई में इलाज किया जा रहा था. मंगलवार को डॉक्टरों ने उसके शरीर में संक्रमण फैलने की बात बताई थी. बुधवार को उसने दम तोड़ दिया. इससे पहले उमेश पाल और एक गनर संदीप निषाद की मौत मौके पर ही हो गई थी. गंभीर रूप से घायल राघवेंद्र को प्रयागराज से पीजीआई रेफर कर दिया गया था.
रायबरेली के लालगंज निवासी कांस्टेबल राघवेंद्र की प्रयागराज में ही तैनाती थी. उन्हें उमेश पाल की सुरक्षा में लगाया में गया था. बीते शुक्रवार को प्रयागराज के धूमनगंज में हुई बमबाजी और गोलीबारी में उमेश पाल की जान बचाने के लिए राघवेंद्र और अन्य गनर संदीप निषाद शूटरों के सामने आ गए थे. शूटरों ने दोनों पर गोलियों और बम से हमला किया गया था. संदीप निषाद और उमेश पाल की मौत पर ही मौत हो गई थी, वहीं राघवेंद्र बुरी तरह घायल हो गए थे.
घायल होने पर राघवेंद्र को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उसके शरीर से गोली निकाल दी गई थी लेकिन बम से उसका कंधा उड़ने की वजह से काफी खून रिसाव हो गया था. बम लगने से उनके फेफड़े में काफी चोट आ गई थी. इसके बाद पीजीआई लखनऊ रेफर किया गया था. राघवेंद्र के पिता भी पुलिस में थे. परिजनों ने बताया कि पांच मई को राघवेंद्र की शादी होने वाली थी.
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