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मच्छरों का आतंक : यूपी में 16 हजार के पार डेंगू के मामले

यूपी में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. मथुरा, फिरोजाबाद समेत कई जिलों में बीमारी भयावह हो गई है. रोज सैकड़ों मरीज चपेट में आ रहे हैं. अब मरीजों की संख्या 16 हजार पार कर गई है. इसमें लखनऊ के 28 केस हैं.

16 हजार पार डेंगू के केस
16 हजार पार डेंगू के केस
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Published : Oct 26, 2021, 7:55 PM IST

लखनऊ : मच्छरों के आतंक से पूरा उत्तर प्रदेश बेहाल है. यहां डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. मथुरा, फिरोजाबाद समेत कई जिलों में बीमारी भयावह हो गई है. रोज सैकड़ों मरीज चपेट में आ रहे हैं. अब मरीजों की संख्या 16 हजार का आंकड़ा पार कर गई है. इसमें लखनऊ के 28 केस हैं. राजधानी के फैजुल्लागंज में लगातार डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं.


308 और मरीज डेंगू की गिरफ्त में

राज्य में बुखार का प्रकोप नहीं थम रहा है. यहां मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी भयावह हो रही है. जलभराव व गंदगी से स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरोसिस व डेंगू-मलेरिया की समस्या बढ़ रही है. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. मंगलवार को 308 मरीज राज्य में मिले. अब कुल मरीजों की संख्या 16 हजार 108 पहुंच गई है. इसके अलावा 35 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया है.

अस्पतालों में 314 बेड रिजर्व, कई बुखार से पीड़ित भर्ती

बलरामपुर चिकित्सालय में कुल 128 बेड आरक्षित किए गए हैं. इसमें 12 डेंगू पॉजिटिव व 17 बुखार के भर्ती हैं. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय में 70 बेड आरक्षित हैं. जिनमें 5 डेंगू व 15 बुखार के मरीज भर्ती हैं. लोकबन्धु चिकित्सालय में 70 बेड के वार्ड में 35 बुखार के मरीज भर्ती हैं. बीआरडी चिकित्सालय में 20 बेड, टीबी चिकित्सालय में 14 बेड, रानी लक्ष्मी बाई संयुक्त चिकित्सालय में 12 बेड आरक्षित हैं. जिले में कुल 314 बेड डेंगू के लिए आरक्षित किए गए हैं.

हल्के में न लें बुखार को, 90 फीसद में डेंगू स्ट्रेन-टू

केजीएमयू की आईसीएमआर की लैब प्रभारी डॉ सुरुचि शुक्ला के मुताबिक किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं. कोविड में जहां 90 फीसद में डेल्टा वायरस मिल रहा है, वहीं डेंगू के 90 फीसद मरीज में स्ट्रेन-टू मिल रहा है. यह घातक है.


डेंगू के प्रकार

टाइप- 1- सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.


टाइप- 2- डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं. जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.


टाइप - 3 - डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाते हैं. जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.


डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना, चेहरा, गर्दन, चेस्ट, पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.

ऐसे करें डेंगू से बचाव

घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.

इसे भी पढे़ं- कानपुर एटीएस के हत्थे चढ़े चार संदिग्ध, सियालदह राजधानी से कर रहे थे यात्रा

खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी व तैलीय खाना न खाएं.

लखनऊ : मच्छरों के आतंक से पूरा उत्तर प्रदेश बेहाल है. यहां डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. मथुरा, फिरोजाबाद समेत कई जिलों में बीमारी भयावह हो गई है. रोज सैकड़ों मरीज चपेट में आ रहे हैं. अब मरीजों की संख्या 16 हजार का आंकड़ा पार कर गई है. इसमें लखनऊ के 28 केस हैं. राजधानी के फैजुल्लागंज में लगातार डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं.


308 और मरीज डेंगू की गिरफ्त में

राज्य में बुखार का प्रकोप नहीं थम रहा है. यहां मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी भयावह हो रही है. जलभराव व गंदगी से स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरोसिस व डेंगू-मलेरिया की समस्या बढ़ रही है. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. मंगलवार को 308 मरीज राज्य में मिले. अब कुल मरीजों की संख्या 16 हजार 108 पहुंच गई है. इसके अलावा 35 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया है.

अस्पतालों में 314 बेड रिजर्व, कई बुखार से पीड़ित भर्ती

बलरामपुर चिकित्सालय में कुल 128 बेड आरक्षित किए गए हैं. इसमें 12 डेंगू पॉजिटिव व 17 बुखार के भर्ती हैं. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय में 70 बेड आरक्षित हैं. जिनमें 5 डेंगू व 15 बुखार के मरीज भर्ती हैं. लोकबन्धु चिकित्सालय में 70 बेड के वार्ड में 35 बुखार के मरीज भर्ती हैं. बीआरडी चिकित्सालय में 20 बेड, टीबी चिकित्सालय में 14 बेड, रानी लक्ष्मी बाई संयुक्त चिकित्सालय में 12 बेड आरक्षित हैं. जिले में कुल 314 बेड डेंगू के लिए आरक्षित किए गए हैं.

हल्के में न लें बुखार को, 90 फीसद में डेंगू स्ट्रेन-टू

केजीएमयू की आईसीएमआर की लैब प्रभारी डॉ सुरुचि शुक्ला के मुताबिक किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं. कोविड में जहां 90 फीसद में डेल्टा वायरस मिल रहा है, वहीं डेंगू के 90 फीसद मरीज में स्ट्रेन-टू मिल रहा है. यह घातक है.


डेंगू के प्रकार

टाइप- 1- सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.


टाइप- 2- डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं. जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.


टाइप - 3 - डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाते हैं. जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.


डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना, चेहरा, गर्दन, चेस्ट, पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.

ऐसे करें डेंगू से बचाव

घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.

इसे भी पढे़ं- कानपुर एटीएस के हत्थे चढ़े चार संदिग्ध, सियालदह राजधानी से कर रहे थे यात्रा

खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी व तैलीय खाना न खाएं.

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