लखनऊ: प्रतापगढ़ में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में निलंबित हुए आबकारी इंस्पेक्टर शंकर लाल ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है. शंकर लाल प्रतापगढ़ के कुंडा में क्षेत्र-3 में आबकारी इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. मार्च, 2021 में प्रतापगढ़ में जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत होने के मामले में जिला आबकारी अधिकारी राजेश कुमार, आबकारी निरीक्षक शंकर लाल और आबकारी सिपाही रामभजन काे निलंबित कर दिया गया था. बीते 26 महीने से शंकर लाल निलंबित चल रहे हैं, उनको प्रयागराज में आबकारी आयुक्त कार्यालय से अटैच किया गया था.
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को पत्र लिखते हुए निलंबित आबकारी इंस्पेक्टर शंकर लाल ने उनसे मिलने लिए समय मांगा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि अब तक आबकारी आयुक्त ने विभागीय कार्यवाही में यथोचित निर्णय नहीं लिया है. इसकी वजह से मुझे और मेरे परिवार को मानसिक, सामाजिक, आर्थिक रूप से संकट का सामना करना पड़ रहा है. समाज और रिश्तेदार मुझे बार-बार अपमानित करते हैं. इस दशा में इच्छा मृत्यु ही एकमात्र विकल्प रह जाता है, जिसके लिए आपकी अनुमति की आवश्यकता है. शंकर लाल द्वारा इच्छा मृत्यु की मांग भरा पत्र लिखने पर अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने कहा कि अभी इस प्रकरण की जांच जारी है. निलंबित आबकारी निरीक्षक यदि इच्छा मृत्यु की धमकी दे रहा है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या था शराब कांड: दरअसल, प्रतापगढ़ जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र में 30 मार्च की रात से 31 मार्च 2021 की देर शाम तक शराब पीने के बाद दो सगे भाइयों और उनके मामा समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में एसओ उदयपुर को लापरवाह मानते हुए तत्काल निलंबित कर दिया गया था. जांच में सामने आया था कि कटरिया गांव में ग्राम प्रधान चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे दावेदार डब्बू सिंह के घर 30 मार्च की रात शराब की दावत थी. जहां लोगों ने शराब पी थी. इस मामले में अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने जिला आबकारी अधिकारी राजेश कुमार, आबकारी निरीक्षक शंकर लाल और आबकारी सिपाही रामभजन काे निलंबित कर दिया था.
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