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अपराध का शतकवीर! भाई सपा एमएलए, भतीजा बसपा सांसदः पढ़ें बाहुबली पवन पाण्डेय की क्या है कहानी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 7, 2023, 5:26 PM IST

Updated : Nov 7, 2023, 9:35 PM IST

Pawan Pandey Story: यूपी के बाहुबली नेताओं में शामिल पवन पाण्डेय को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. पवन पाण्डेय ने बुजुर्ग महिला को इंजेक्शन लगाकर करोड़ों की जमीन हड़प ली थी. पवन पाण्डेय का क्या है इतिहास, आईए इस रिपोर्ट में जानते हैं.

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लखनऊ: यूपी के बाहुबली नेताओं में शामिल पवन पाण्डेय अकबरपुर सीट से विधायक रह चुके हैं. वर्ष 1991 के विधानसभा चुनाव में पवन पाण्डेय शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने थे. लेकिन, विधायक बनने से पहले उन्होंने बाहुबली नेता बनने की ओर अपना कदम बढ़ा दिया था. उनके खिलाफ वर्ष 1984 में लड़ाई झगड़े का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद उन पर गैंगस्टर की कार्रवाई हो गई.

पवन पाण्डेय दर्ज हो चुके हैं 100 मुकदमेः इतना ही नहीं देखते-देखते पवन पाण्डेय ने मुकदमों का शतक भी लगा दिया. यानी पवन पाण्डेय पर 100 मुकदमे दर्ज हो गए. आर्म्स एक्ट से लेकर गुंडा एक्ट और बाबरी मस्जिद गिराने से लेकर एक अबला महिला की करोड़ों की जमीन हड़पने तक के मामले बाहुबली नेता पवन पाण्डेय पर दर्ज हैं. महिला की करोड़ों की जमीन हड़पने के मामले में ही यूपी एसटीएफ ने पवन पाण्डेय को गिरफ्तार किया है.

पवन पाण्डेय का परिवार राजनीति मेंः बाहुबली छवि रखने के साथ पवन पाण्डेय का पूरा कुनबा भी राजनीति में है. खास बात यह है कि सभी लोग अलग-अलग पार्टी से नाता रखते हैं लेकिन, परिवार एक ही है. पवन पाण्डेय खुद तो शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक रह चुके हैं. जबकि उनका भाई राकेश पाण्डेय वर्तमान में सपा से जलालपुर सीट के विधायक हैं. यही नहीं पवन पाण्डेय का भतीजा रितेश पाण्डेय अकबरपुर से बसपा सांसद है. मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि और बाहुबली छवि वाले पवन पाण्डेय के अपराधिक किस्से बहुत लंबे हैं.

यूपी पुलिस की टॉप सूची में बदमाशः हैरानी की बात है कि उत्तर प्रदेश पुलिस सात साल से टॉप 50 अपराधियों की लिस्ट बना रही है. इन अपराधियों पर हर वर्ष कार्रवाई भी करती है. लेकिन, पवन पाण्डेय को कभी भी इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया. अंबेडकरनगर जिले के कोटवा अकबरपुर के रहने वाले पवन पाण्डेय को यूपी एसटीएफ ने अब गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार जमीन हड़पने के मामले में हुई है, जो पवन पाण्डेय ने बंदूक और दबंगई के दम पर नहीं बल्कि नशे का इंजेक्शन लगा कर महज 20 लाख रुपए में हड़प ली थी.

नशीला इंजेक्शन देकर हथिया ली थी करोड़ों की जमीनः पीड़िता चंपा देवी ने पांच जून 2022 को बाहुबली पवन पाण्डेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. चंपा देवी ने बताया था कि उनकी अकबरपुर हाईवे पर करोड़ों की जमीन थी. जिसे पवन पाण्डेय ने उनके बेटे अजय सिंह को नशे का इंजेक्शन देकर उनकी 25 करोड़ की जमीन महज 20 लाख रुपए में ट्रांसफर करवा ली थी. बाहुबली ने एक लड़की को कागजों में अजय सिंह की पत्नी बना दिया और उसी का सहारा लेकर उसकी बाकी जमीन भी ट्रांसफर करने के फिराक में था.

हत्या कराकर हादसे का दिया था रूपः चंपा देवी का आरोप है कि बाहुबली नेता पवन पाण्डेय ने ही उनके बेटे अजय सिंह की हत्या भी करवा दी और उस घटना को सड़क हादसे का रूप दे दिया. जमीन हड़पने और बेटे की मौत के मामले की जांच हाईकोर्ट ने अपने सुपरविजन में एसटीएफ को सौंप दी थी. उसी जांच के तहत एसटीएफ ने पवन पाण्डेय को बीते शुक्रवार को गिरफ्तार किया है.

पवन पाण्डेय कैसे बना बाहुबली नेताः वर्ष 1984 से राजनीति में सक्रिय हुए पवन पाण्डेय पूर्वांचल में अपनी एक अलग पहचान स्थापित करना चाहते थे. लिहाजा गुंडादर्दी और बाहुबल के जरिए लोगों के बीच अपनी पैठ बनानी शुरू की थी. कम ही समय में अकबरपुर इलाके में उन पर गैंगस्टर तक लग चुका था. वर्ष 1984 से शुरू हुई पवन पांडेय की अपराधिक गतिविधियां वर्ष 1990 तक जारी रहीं. इस दौरान उनके खिलाफ पांच बार गैंगस्टर और एक बार गुंडा एक्ट की कार्रवाई हो चुकी थी. मुकदमों की बढ़ती फेहरिस्त और बाहुबली छवि को देख लोकप्रियता बढ़ चुकी थी.

राम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय रहा था पवन पाण्डेयः इतना ही नहीं वह राम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे थे. इसी दौरान वर्ष 1991 में विधानसभा इलेक्शन हुए और शिवसेना से टिकट पाकर अकबरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और बाहुबली के साथ विधायक बन गए. इसी दौरान राम मंदिर आंदोलन उफान पर हुआ और छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस हुई. इस मामले में सीबीआई ने पवन पांडेय को भी आरोपी बनाया. इस केस ने पवन पांडेय को राज्य भर में बाहुबली नेता के रूप में पेश कर दिया. ऐसे में अब पवन पांडेय अपने अपराधिक दुनिया में सबसे ऊंचे पायदान में खड़ा होना चाहता था.

हर तरह के अपराध में शामिल रहे पवन पाण्डेयः शिवसेना के टिकट पर जीत कर विधायक बने पवन पाण्डेय ने कई बार निर्दलीय और अन्य दलों से चुनाव लड़ा लेकिन जीत हासिल नहीं हुई. लेकिन, पवन पाण्डेय ने अपराध करना नहीं छोड़ा. वर्ष 1991 तक 27 मुकदमे दर्ज होने के बाद भी पवन पाण्डेय नहीं रुके. जमीन हथियाना, शराब व हथियारों की तस्करी करना, टेंडर लेने के लिए लोगों को धमकाना जैसे अपराधों को करना पवन पाण्डेय ने जारी रखा. वर्ष 2022 तक पवन पांडेय ने बीते 38 वर्षों में मुकदमों का शतक लगा दिया. उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट, आबकारी एक्ट, हत्या, जान से मारने के प्रयास, गुंडा एक्ट और गैंगस्टर जैसे 97 मुकदमे दर्ज हो गए. हालांकि बाबरी मस्जिद विध्वंस समेत कई केस में पवन पाण्डेय आरोप मुक्त हो गए थे.

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Last Updated : Nov 7, 2023, 9:35 PM IST
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