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42 साल पुराने मारपीट मामले में सपा विधायक बरी

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Published : Sep 2, 2022, 9:39 PM IST

सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा (SP MLA Ravidas Mehrotra) को तोड़फोड़ व मारपीट के मामले में 42 साल बाद बरी कर दिया गया. उन पर सहायक रजिस्ट्रार लखनऊ विश्वविद्यालय से हाथापाई एवं गाली गलौज करने का आरोप लगा था.

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सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा तोड़फोड़ व मारपीट के मामले में 42 साल बाद बरी

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़, मारपीट करने और गाली गलौज करने के 42 साल से अधिक पुराने मामले में सपा विधायक व पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा समेत तीन अभियुक्तों को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) के विशेष एसीजेएम अम्बरीश श्रीवास्तव (Special ACJM Ambareesh Srivastava) ने दोषमुक्त करार दिया है.

कोर्ट ने आदेश में कहा है कि अभियोजन आरोपियों पर लगाए गए आरोपों को साबित करने में असफल रहा है. कोर्ट ने आदेश में आगे कहा है कि इस मामले में अभियोजन मात्र एक गवाह कोर्ट में पेश कर सका. मामले के वादी की मौत हो गई. अन्य गवाहों का पता न चलने पर अभियोजन के साक्ष्य का अवसर समाप्त कर दिया गया. कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में गवाहों को हाजिर होने के लिए जहां सम्मन, वारंट, गिरफ्तारी वारंट और नोटिस जारी किया गया. वहीं पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी और अभियोजन के संयुक्त निदेशक को पत्र लिखकर गवाहों को हाजिर करने के लिए भी कहा गया था. लेकिन कोर्ट के इन प्रयासों के बावजूद गवाह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए.

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पत्रावली के अनुसार मामले की रिपोर्ट 8 फरवरी 1979 को सहायक रजिस्ट्रार लखनऊ विश्वविद्यालय (Assistant Registrar Lucknow University) डीपी दीक्षित ने हसनगंज थाने में दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 6 फरवरी 1979 को रविदास मेहरोत्रा व 40 अन्य लोग रजिस्ट्रार बिल्डिंग में घुस आए तथा हाथापाई एवं गाली गलौज की. इसके साथ ही उनके स्टाफ के साथ मारपीट भी की. यह भी आरोप था कि तोड़फोड़ के दौरान हमलावरों ने रजिस्टर इत्यादि कागजात भी फाड़ दिए. मामले की विवेचना के बाद पुलिस ने 18 नवंबर 1979 को रविदास मेहरोत्रा, बृजेंद्र अग्निहोत्री व अनिल कुमार सिंह के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी.
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