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UP Budget 2023 : अखिलेश ने बजट को बताया दिशाहीन, आर्थिक सलाहकार बदलने की दी नसीहत, रामचरित मानस पर कही यह बात

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Published : Feb 28, 2023, 1:18 PM IST

Updated : Feb 28, 2023, 3:42 PM IST

विधानसभा में बजट पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने (UP Budget 2023) ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हो रही है. सीएम को आर्थिक सलाहकार बदल देना चाहिए. इसके अलावा रामचरित मानस मामले पर भी बात रखी.

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लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने बजट 2023 पर बोलते हुए कहा कि सरकार का यह सातवां बजट है. सरकार ने इसे बड़ा और ऐतिहासिक बजट बताया है. पहले भी सरकार ने बजट पेश किया है, लेकिन प्रदेश के हालात सूधरे नहीं हैं, दिशाहीन बजट है. इसमें वर्तमान के लिए ना कोई सुझाव और ना भविष्य का रास्ता दिखाई देता है. किसानों की आय दोगुनी करने का वादा था जो पूरा नहीं हुआ. ना रोजगार में कोई विचार दिखाई दे रहा है.


नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी की जनता को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनामी का सपना दिखाया जा रहा है. सरकार को नीति आयोग का डाटा भी देखना चाहिए. नीति आयोग की रिपोर्ट में यूपी 28 राज्यों की सूची में सबसे नीचे के पायदानों पर है. भुखमरी समाप्त करने में यूपी पांचवे नंबर पर है. क्लीन वॉटर में 20वें नंबर पर, इंडस्ट्री इंफ्रास्ट्रक्चर में 17वें नंबर पर है. सातवें बजट में हम कहां खड़े हैं सरकार को बताना चाहिए. जहां इन्वेस्टर मीट हुई वहां 20 दिन से सफाई नहीं हुई. 19 हजार एमओयू जो 33 लाख करोड़ के हैं सब हवा में दिखाए गए हैं. 16.8 ग्रोथ रेट वित्त मंत्री ने बताई थी. एवरेज ग्रोथ रेट 7.8 है. सपा सरकार के दौरान 12.8 % थी. 19% ग्रोथ कैसे हासिल करेंगे, इसका सोर्स क्या है, यह सरकार को बताना चाहिए. वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी के लिए 34% ग्रोथ चाहिए. 34% ग्रोथ हासिल करने के लिए जो सहयोग आप चाहे हम साथ खड़े हैं.


नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपना इकोनामिक एडवाइजर बदल देना चाहिए जो आपको सच्चाई ना बताए उस सलाहकार का क्या करेंगे. सपा का घोषणा पत्र ले लें 34% ग्रोथ मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि एक संस्था को हायर किया गया है फिर झूठ बताने के लिए. आपके सारे विभाग फेल हो गए क्या जो 200 करोड़ देकर सलाह ले रहे हैं. सरकार ने एक संस्था को हायर किया गया है, सिर्फ झूठ बोलने के लिए आप 200 करोड़ रुपये एक संस्था को दे रहे हैं. आर्थिक सलाहकार, प्लानिंग कमीशन सभी फेल, वित्त विभाग फेल, 200 करोड़ देकर आप डेलोयट कंपनी से आप सुझाव ले रहे हैं. सभी संस्थाओं को आपने धक्का मार दिया है.


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 4.2% अनइंप्लॉयमेंट बताया जा रहा है. सरकार को एंप्लॉयमेंट रेट बताना चाहिए. विभागों में खाली पड़े पद सरकार कब भरेगी. 2017-22 के बीच एंप्लॉयमेंट डाटा गिरा है. अग्निवीर व्यवस्था हम समाजवादी कभी स्वीकार नहीं कर सकते हैं. अग्निवीर व्यवस्था के पक्ष में हम नहीं है, अगर एमएसएमई लगी है तो कितने बिजली कनेक्शन हुए. सरकार बताए आज तक कितनी आलू की खरीद हुई है. गन्ना को लेकर हम पूछते हैं की बकाया कितना है. सरकार कहती है हमने इतना भुगतान कर दिया. सरकार को खुशबू से आखिर क्या नफरत है. कन्नौज के इत्र उद्योग को बजट में क्या मिला है, ये बताना चाहिए.


कानपुर के उद्योगपति पर छापे पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सदन में सवाल खड़े करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया के गलती से जिसके यहां छापा पड़ना था दूसरे के यहां छापा डाल दिया. यह छापामार सरकार है. कम से कम बीजेपी के लोगों ने कांग्रेस से कुछ सीखा है. बीजेपी ने कांग्रेस के रास्ते पर चलने का काम किया है. दिल्ली में जो बैठता है वह छापे मारता है. इन्वेस्टर समिट में एक मित्र उद्योगपति नहीं आए, एक रिपोर्ट ने मित्र उद्योगपति को दूसरे नंबर पर कहां पहुंचा दिया है. मित्र की पहचान तभी होती है जब बुरा वक्त आता है और बीजेपी ने अपने मित्र को छोड़ दिया. जब मित्र को छोड़ दिया तो वित्त मंत्री एक्सप्रेस वे से लखनऊ कैसे आएंगे. अमेरिका ने सड़क के बनाई सड़क ने अमेरिका बनाया. डबल द स्पीच ट्रिपल द इकोनॉमी, क्या तय समय में गंगा एक्सप्रेस वे बन जाएगा.


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दिल्ली वालों ने यूपी को किस एक्सप्रेस वे के लिए बजट दिया है. यह नेता सदन को बताना चाहिए. 27470 करोड़ PWD का बजट था, लेकिन 7570 करोड़ ही खर्च कर पाए, समझा जा सकता है कि कैसे विकास हो रहा है. इस तरह से हमको 1 ट्रिलियन इकोनोमी नहीं मिल सकती, नोएडा में एलिवेटेड रोड समाजवादियों की थी. नेता सदन छह साल में एक भी रोड बनाए हों तो बता दें. मुजफ्फरनगर से देवबंद सहारनपुर, लखनऊ, मलिहाबाद, हरदोई, शाहजहांपुर, फोर लेन, एटा इटावा फोर लेन, सीतापुर लखीमपुर फोर लेन, शिकोहाबाद से बेवर तक फोर लेन, कन्नौज तिरवा से बिधूना तक फोर लेन, छिबरामऊ से सौरिख तक फोर लेन, बहराइच से श्रावस्ती फोर लेन, गोंडा बलरामपुर तक आरसीसी रोड बनाई, कालपी से हमीरपुर फोर लेन,उरई जालौन से औरैया फोर लेन, आजमगढ़ से मऊ, जौनपुर से इलाहाबाद फोर लेन, बाबतपुर एयरपोर्ट से भदोही फोर लेन, सोनभद्र से बनारस फोर लेन यह सड़कें जब बनती हैं तब बजट खर्च होता. छह साल में अगर एक भी सड़क यूपी स्टेट बजट के हेड से आपने फोर लेन बनाई हो तो आप बता दें.


अखिलेश यादव ने कहा जब सड़क बनती है तब बजट खर्च होता. आपने एक भी फोरलेन बनाई हो तो बता दीजिए. आपकी डबल इंजन सरकार में क्या इंजन टकरा रहे हैं. एक्सप्रेस वे के लिए यूपी को बजट नहीं मिलता है. आज जो बिजली बन रही है वह सपा सरकार की देन है. बीजेपी सरकार ने कौन सा नया पाॅवर प्लांट बनाया बता दें. डॉयल हंड्रेड, पुलिस मुख्यालय, लोक भवन जैसे बिल्डिंग सपा सरकार में बनी है. अटल चिकित्सा विश्वविद्यालय की यूनिवर्सिटी लोहिया की छठी फ्लोर पर चल रही है. पीपीपी मोड पर व्यवस्था देने का मतलब है स्वास्थ्य सेवाएं प्राइवेट हाथों में चली जाएं. स्वास्थ्य का बजट का 44 हजार 387 रुपये करोड़ था, खर्च हुआ 21 हजार करोड़. स्वास्थ्य मंत्री की इसमें गलती नहीं है, क्योंकि उन्हें तो पैसा ही नहीं मिलता है. छापा मंत्री को वित्त मंत्री के यहां छापा मारना चाहिए. छापे अस्पतालों में मार रहे जबकि वित्त मंत्री के यहां मारने चाहिए. अपने संकल्प पत्र को पॉलिसी में क्यों नहीं ला रहे हैं. कॉलेज जाने वाली महिला को स्कूटी कब मिलेगी. अपने संकल्प पत्र के लिए विभाग वार बजट क्यों नहीं दिया. शिक्षामित्रों का समाधान अभी तक नहीं मिल पाया है.


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में जीरो टॉलरेंस नहीं है. जब तक जातीय जनगणना नहीं होगी तब तक नहीं सुनी जाएगी. एसडीएम की भर्ती में जो आरोप लगे वह सूची पटल पर रखी जाए. 2011 में 30 एसडीएम की भर्ती में सिर्फ 5 यादव थे. उन्होंने कहा कि जाति और आबादी के हिसाब से सबको लाभ मिलना चाहिए. जातीय जनगणना होनी चाहिए. अगर आप जातीय जनगणना के खिलाफ हैं तो फिर प्राइवेटाइजेशन और आउटसोर्सिंग के खिलाफ क्यों नहीं हैं. सरकारी संस्थाओं का प्राइवेटाइजेशन खत्म होना चाहिए. मुख्यमंत्री जब जाएं तो और न रहें और दूसरा आए तो गंगाजल से धुलवाएं. जब मुझे काले झंडे दिखाए जाते थे तो मैं अधिकारी को बुलाकर समस्या पूछता था.

रामचरित मानस को लेकर कहा कि यह लड़ाई आज की नहीं 5000 साल पुरानी है. मैंने रामचरितमानस के बारे में नहीं पूछा था. मैंने पूछा था शूद्र क्या है, शुद्र ही आपके लिए ढाल बनते हैं और आप सरकार में आते हैं. हम रामचरितमानस के खिलाफ नहीं हैं. भगवान सबके हैं किसी एक के नहीं हैं, जो गलत है वो गलत है. किसने कह दिया हम रामचरितमानस के खिलाफ हैं. आप लोग गलत प्रचार कर रहे हैं. मैं भी 100 लोगों को खड़ा करके ताड़न का अर्थ बता सकता हूं. परंपराओं पर चलना है तो कुछ चीजें छोड़नी होंगी. जब आप किसी के पिताजी पर बोलेंगे तो सवाल आप पर भी उठेंगे ही. इसलिए उस पर बोलना ही नहीं चाहिए. अगर मेरे पिता पर कोई बात बोलेंगे तो दूसरा भी कोई आपकी पिता पर बोलेगा. ये ठीक नहीं है क्योंकि नेताजी ने हमको ऐसी शिक्षा नहीं दी है.

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Last Updated : Feb 28, 2023, 3:42 PM IST
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