लखनऊ : प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए लगातार काम हो रहा है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सक्रियता से कार्रवाई कर रहे हैं. लापरवाह डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. सोमवार को हाथरस के छह लापरवाह डॉक्टरों पर गाज गिरी. यह डॉक्टर लगातार ड्यूटी से गैरहाजिर चल रहे थे. ड्यूटी में शिथिलता बरतने पर डॉक्टरों पर कार्रवाई हुई है. हाथरस के जिला महिला चिकित्सालय, बांगला संयुक्त जिला चिकित्सालय, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टरों पर कार्रवाई हुई है. अस्पताल के उच्च अधिकारी लगातार डॉक्टरों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे. पत्र भी भेजा. किसी भी डॉक्टर ने पत्र का जवाब नहीं दिया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के संज्ञान में मामला आया. इस संबंध में हाथरस जिलाधिकारी से भी जानकारी मिली है.
नियमों की अनदेखी करने वाले होंगे बर्खास्त : डिप्टी सीएम ने अनिधकृत रूप से अनुपस्थित चल रहे डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई का फैसला किया. सीएमओ, जिला महिला व पुरुष चिकित्सालय के सीएमएस से मामले की जांच के बाद रिपोर्ट तलब की. रिपोर्ट के बाद डिप्टी सीएम ने अनधिकृत रूप से अनुपस्थित चल रहे डॉक्टरों को निलंबित करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि भविष्य में यदि ये डॉक्टर गड़बड़ी करते हैं. सरकारी सेवा नियमावली का उल्लंघन करते हैं तो बर्खास्तगी जैसे कदम उठाए जायेंगे. नियमों की अनदेखी करने वालों को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इन डॉक्टरों को किया गया सस्पेंड
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टिकारी के मेडिकल ऑफिसर डॉ. हरिओम श्योरान.
- लाढपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. रोहित सिंह चक.
- सीएचसी महौ में तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. आदित्य श्रीवास.
- बागला संयुक्त चिकित्सालय की पैथोलॉजिस्ट डॉ. मोहम्मद राफे.
- जिला चिकित्सालय महिला में तैनात त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. मीनल अग्रवाल.
- जिला चिकित्सालय महिला में एनस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. शालिनी गुप्ता.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि 'डॉक्टर नियमित रूप से तय समय पर ड्यूटी पर आएं. ओपीडी व भर्ती मरीजों को इलाज उपलब्ध कराएं. सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराएं. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.' राजधानी लखनऊ स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी हास्पिटल (सिविल) के पोस्टमार्टम हाउस में शव को सील करने के लिए कर्मचारी द्वारा रिश्वत के प्रकरण की जांच होगी. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मामले को गंभीरता से लिया है. हॉस्पिटल के निदेशक को जांच के आदेश दिये हैं. पर्यवेक्षणीय दायित्वों में शिथिलता के आरोप में निदेशक से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. आरोप है कि रविवार को सिविल हॉस्पिटल की मर्च्यूरी में शव को सील करने के एवज में कर्मचारी ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से 800 रुपये की मांग की थी. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने प्रकरण पर सख्त रुख अख्तियार किया है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील मसले की जांच कर दोषी कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए. मंगलवार शाम तक आख्या उपलब्ध कराई जाए, साथ ही निदेशक सिविल द्वारा उनके पर्यवेक्षणीय दायित्व शिथिल होने के दृष्टिगत स्पष्टीकरण मांगा गया है.'
मेरठ मेडिकल कॉलेज में फर्श पर लेटे हुए मरीज का वीडियो वायरल हुआ. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि 'इस तरह की घटनाओं से विभाग की छवि धूमिल हो रही है. किन कारणों से मरीज को बेड नहीं मिला? कर्मचारियों ने रोगी को बेड पर क्यों नहीं लिटाया. इन बिन्दुओं पर जांच की जाए. एक सप्ताह के अंदर आख्या उपलब्ध कराई जाए. रिपोर्ट आने पर कठोरतम कार्यवाही की जाएगी. वहीं, उन्नाव स्थित रसूलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती को स्टाफ नर्स ने भर्ती करने से इनकार कर दिया. यही नहीं, आशा बहु ने गर्भवती को निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया. गर्भवती से धन उगाही भी हुई. डिप्टी सीएम ने उन्नाव सीएमओ को पूरे मामले की जांच के लिए निर्देशित किया है. तीन दिन के अंदर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने के आदेश दिए गए हैं. सीतापुर जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर पर पैसे लेकर मरीज को इलाज उपलब्ध कराने का प्रकरण सामने आया है. इस प्रकरण में भी जांच के आदेश दिए गए हैं.'
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