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मायावती और अखिलेश शासन के कार्यों की जांच करेगी एसआईटी, कई दिग्गज जांच के घेरे में

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Published : Sep 5, 2020, 4:56 AM IST

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछली सरकारों में अल्पसंख्यक विभाग के कई कार्यों की जांच एसआईटी से कराने का फैसला लिया है. जांच के दायरे में पूर्ववर्ती दोनों सरकारों के अल्पसंख्यक मंत्री और आला अफसर घेरे में आ सकते हैं.

मायावती और अखिलेश शासन के कार्यों की जांच करेगी एसआईटी
मायावती और अखिलेश शासन के कार्यों की जांच करेगी एसआईटी

लखनऊ: योगी सरकार ने पिछली सरकारों में अल्पसंख्यक विभाग के कई कार्यों की जांच एसआईटी से कराने का फैसला लिया है. जांच के दायरे में पूर्ववर्ती दोनों सरकारों के अल्पसंख्यक मंत्री और आला अफसरों का घेरे में आना लगभग तय माना जा रहा है.

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • पिछली सरकारों में अल्पसंख्यक विभाग के कई कार्यों की जांच करेगी एसआईटी.
  • जांच के दायरे में कई दिग्गज आ सकते हैं.
  • अल्पसंख्यक मंत्री नंद गोपाल नंदी ने पूर्ववर्ती दोनों सरकारों में हुए कार्यों की समीक्षा कर एसआईटी को इसकी जांच सौंपी है.

उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री नंद गोपाल नंदी ने मायावती और अखिलेश शासनकाल के दौरान हुए कार्यों की समीक्षा कर एसआईटी को इसकी जांच सौंपी है. अल्पसंख्यक कल्याण कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के मुताबिक दोनों ही सरकारों में विभागों में लूट की गई है, जिसे लेकर समीक्षा की जा रही है. जल्द ही एसआईटी के जांच के बाद दोनों ही सरकारों के पूर्व मंत्रियों पर कार्रवाई होगी. ज्ञात हो कि बसपा सरकार में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और सपा की अखिलेश सरकार में आजम खान मंत्री रहे थे.

सूत्रों के मुताबिक गृह विभाग ने एसआईटी जांच के आदेश दे दिए हैं. हज हाउस निर्माण की एसआईटी जांच होगी, तो कई बड़े लोग फंस सकते हैं. दरअसल लखनऊ और गाजियाबाद में हज हाउस बने थे. वहीं सीएंडडीएस के अफसरों पर भी इससे शिकंजा कसेगा, क्योंकि इनमें करीब 100 करोड़ से ज्यादा का निर्माण कार्य हुआ था. इसके साथ ही जल निगम के इंजीनियरों के लपेटे में आने की पूरी संभावना जताई जा रही है.

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