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यूपी के सरकारी चिकित्सालयों में विशेषज्ञ डाॅक्टरों की कमी बरकरार, जानिए क्या है वजह

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 4:16 PM IST

स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि 'स्तर एक के डॉक्टरों को वरिष्ठता क्रम (government hospitals of up) न जारी होने से प्रमोशन रुके हैं. वरिष्ठता क्रम का कार्य पूरा हो चुका है, जल्द ही सूची जारी करके प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.'

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लखनऊ : प्रदेश की सरकारी चिकित्सालय में विशेषज्ञों की कमी लगातार बरकरार है. प्रदेश में करीब 19,650 चिकित्सकों के कैडर में स्वास्थ्य विभाग के पास मात्र 11,800 डॉक्टर हैं. डॉक्टरों की इस कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु 62 से बढ़ाकर 65 साल कर दी है. बावजूद, निकट भविष्य में डॉक्टरों की कमी खत्म नहीं होने वाली है, क्योंकि डॉक्टरों की नई सेवा नियमावली से विभाग में नए डॉक्टरों की नियुक्ति पर अघोषित रोक लग चुकी है.

स्वास्थ्य भवन
स्वास्थ्य भवन

जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 100 मंडलीय, 85 जिला अस्पताल के अलावा 856 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 3620 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. इन अस्पतालों के लिए साल 2020 की नियमावली के अनुसार, चिकित्सकों के 19,011 पद स्वीकृत हैं. इसके बाद प्रदेश में 50 व 100 बेड के कई नए अस्पताल खोले गए हैं, और उनमें डॉक्टरों के पद भी सृजित किए गए हैं, लेकिन डॉक्टरों की स्थाई नियुक्ति न होने की दशा में विभाग द्वारा नेशनल हेल्थ मिशन और विभागीय संविदा के डॉक्टरों को नियुक्ति कर अस्पताल चलाए जा रहे हैं.

विभाग की समस्याएं : जानकारी के अनुसार, स्तर एक को छोड़कर चिकित्सकों की कमी हर स्तर पर सृजित पदों में (स्तर टू से लेकर 6 तक) हैं. वजह, स्तर एक में 3620 पद के सापेक्ष 5904 डॉक्टर हैं, 2284 डॉक्टर ज्यादा होने की वजह से नए चिकित्सकों की भर्ती पर अघोषित रोक लगी है. यह समस्या बीते कई वर्षों से प्रमोशन न होने की वजह से बनी है. विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए विभागीय अधिकारियों ने नई सेवा नियमावली में स्तर दो के 7240 पदों को, दो हिस्सों में बांट दिया और 3620 पदों पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की सीधी भर्ती का रास्ता खोला और अधियाचन भेजकर मात्र 490 डॉक्टरों की भर्ती कर सके, मतलब 3130 पद रिक्त रह गए. नवनियुक्त डॉक्टरों में से भी अधिकांश छोड़कर जा चुके हैं.



नई नियमावली बन रही समस्या : प्रांतीय चिकित्सा सेवा एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री डॉ. अमित सिंह ने बताया कि 'पुरानी नियमावली के तहत चार साल की सेवाएं देने के बाद स्तर दो में प्रमोशन हो जाता था, स्तर दो में छह साल की सेवाएं या 11 साल की नौकरी होने पर स्तर तीन में प्रमोशन मिल जाता था. प्रक्रिया सही थी, लेकिन साल 2020 में जारी नई सेवा नियमावली से प्रमोशन पर ब्रेक लग चुकी है. जब तक प्रमोशन नही होंगे नये चिकित्सकों की नियुक्ति का रास्ता नहीं खुलेगा.'

पदोन्नति की हो रही तैयारी : इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने कहा कि 'स्तर एक के डॉक्टरों को वरिष्ठता क्रम न जारी होने से प्रमोशन रुके हैं. वरिष्ठता क्रम का कार्य पूरा हो चुका है, जल्द ही सूची जारी करके प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और सब कुछ सामान्य हो सकेगा. पूरी कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी हो जाए.'

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