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सुन्नी वक्फ बोर्ड में सपा और बसपा क्यों चाहती थी बदलाव

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Published : Mar 10, 2021, 6:49 AM IST

उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पद पर जुफर फारूकी ने लगातार तीसरी बार अपना कब्जा बरकरार रखा है. बापू भवन में मंगलवार को हुए मतदान में फारूकी को 6 और माबूद को पांच वोट मिले. चेयरमैन के विरोध में मतदान करने वाले बसपा सांसद और समाजवादी पार्टी के विधायक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

सपा विधायक और बसपा सांसद ने चेयरमैन का किया विरोध
सपा विधायक और बसपा सांसद ने चेयरमैन का किया विरोध

लखनऊ: नवगठित उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मंगलवार को अपना चेयरमैन मिल गया. जुफर अहमद फारुकी सुन्नी वक्फ बोर्ड के चौथी बार चेयरमैन चुने गए. हालांकि उनके विरोध में बार काउंसिल के दोनों सदस्य और सपा बसपा के सांसद समेत समाजवादी पार्टी के एक विधायक रहे. चेयरमैन के विरोध में मतदान करने वाले बसपा सांसद और समाजवादी पार्टी के विधायक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

सपा विधायक और बसपा सांसद ने चेयरमैन का किया विरोध
लोकतंत्र में बदलाव की होती जरूरतबहुजन समाज पार्टी के अमरोहा से लोकसभा सांसद और उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नवनिर्वाचित सदस्य कुंवर दानिश अली ने चेयरमैन जुफर अहमद फारुकी के विरोध में मंगलवार को मतदान किया. मतदान के बाद ईटीवी से बात करते हुए उन्होंने अपने फैसले को लेकर कहा कि "लोकतंत्र में बदलाव की जरूरत होती है और हम यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में भी बदलाव चाहते थे. इसलिए हमने ज़ुफर फारूकी को समर्थन न करते हुए बार काउंसिल के सदस्य एडवोकेट इमरान माबूद खान को समर्थन किया, लेकिन सपा के एक विधायक ने ज़ुफर फारूकी को वोट किया, जिससे वह चेयरमैन बन गए."वक्फ बोर्ड को बचाने के लिए काम करेंगेसुन्नी वक्फ बोर्ड के नवनिर्वाचित सदस्य और समाजवादी पार्टी के विधायक नफीस अहमद ने मतदान के बाद ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि "सपा ने हमेशा से हक की लड़ाई लड़ने का काम किया है. इसीलिए समाजवादी पार्टी ने इस चुनाव में अपना पक्ष रखा. सपा विधायक ने कहा कि हम लोग वक्फ को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे और वक्फ बोर्ड कायदे से चले इस पर भी जोर रहेगा."
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