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Uttar Pradesh Transport : रोड हिप्नोसिस का शिकार हो रहे रोडवेज के चालक, जानिए वजह

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Published : Jul 10, 2023, 9:29 PM IST

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रोडवेज बसों की बढ़ती दुर्घटनाओं के बाद परिवहन निगम ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. दुर्घटनाओं के पीछे की वजह बस चालकों का रोड हिप्नोसिस का शिकार होना पाया गया है. ऐसे में अधिकारी कार्यशाला के माध्यम से चालकों को जागरूक कर रहे हैं.

रोड हिप्नोसिस का शिकार हो रहे रोडवेज के चालक. देखें खबर

लखनऊ : यूपी रोडवेज के ड्राइवर रोड हिप्नोसिस का शिकार हो रहे हैं और इसके चलते रात में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. परिवहन निगम की तरफ से समय-समय पर रात में हो रहे हादसों की जांच में यह बात सामने आई है. रोड हिप्नोसिस का शिकार होने से चालकों को बचाने के लिए परिवहन निगम ने अब रात की बसों पर दो ड्राइवर भेजने शुरू किए हैं जिससे ज्यादा देर तक एक ड्राइवर को बस संचालित न करनी पड़े और इस तरह की घटना न हो. अब रोड हिप्नोसिस के बारे में चालकों को अधिकारी जागरूक भी कर रहे हैं.

रोड हिप्नोसिस का शिकार हो रहे रोडवेज के चालक.
रोड हिप्नोसिस का शिकार हो रहे रोडवेज के चालक.
फ्रस्ट्रेशन का शिकार हैं ड्राइवर : रोड हिप्नोसिस की भी एक बड़ी वजह है ड्राइवरों का फ्रस्ट्रेशन. दरअसल, रोडवेज के ही जानकार बताते हैं कि संविदा पर नियुक्त चालकों को इतना वेतन नहीं मिलता है जिससे उनके घर का खर्च भी चल पाए. ऐसे में बस संचालन के दौरान भी चालक का दिमाग बस की स्टीयरिंग से इतर अपनी समस्याओं की तरफ भी चला ही जाता है. जिससे हादसे हो जाते हैं. ड्राइवर की आंखें तो खुली रहती हैं, लेकिन उसके मन में कुछ चल रहा होता है. उसे समझ ही नहीं आता है कि अचानक क्या हो गया. ऐसे में या तो बस सामने आ रहे किसी वाहन से टकरा जाती है या तो कोई अन्य वाहन बस से टकरा जाता है जिससे हादसा हो जाता है.
रोड हिप्नोसिस का शिकार हो रहे रोडवेज के चालक.
रोड हिप्नोसिस का शिकार हो रहे रोडवेज के चालक.
रोड हिप्नोसिस का शिकार हो रहे रोडवेज के चालक.
रोड हिप्नोसिस का शिकार हो रहे रोडवेज के चालक.
फ्री हेल्थ कैंप में होती है स्वास्थ्य की जांच : परिवहन निगम की तरफ से चालकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए फ्री हेल्थ कैंप का भी आयोजन किया जाता है. इसमें उनकी आंखों के साथ ही ब्लड प्रेशर वगैरह की भी जांच होती है, साथ ही उनके मन: मस्तिष्क को पढ़ने का भी प्रयास किया जाता है. आंखों की जांच की जाती है. आंख कमजोर होने पर चश्मे भी वितरित किए जाते हैं.

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