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लखनऊ पीडबल्यूडी में कलमबंद हड़ताल, अफसरों के साथ वार्ता रही विफल

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Published : Oct 28, 2022, 2:36 PM IST

प्रमुख अभियंता परियोजना और नियोजन से संगठनों की प्रथम चरण की वार्ता विफल होने के बाद लोक निर्माण विभाग में शुक्रवार को हड़ताल का आगाज हुआ.

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लखनऊ: उप्र लोनिवि के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को दो दिवसीय 28 और 29 अक्टूबर को कलमबंद हड़ताल पर हैं. कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश में कार्यरत विभागीय कर्मचारियों की पदोन्नति, स्थाईकरण, ज्येष्ठता सूची सहित कई बिन्दुओं पर प्रमुख अभियंता विकास और विभागाध्यक्ष से वार्ता के बाद मांगों को लेकर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. इस वजह से दोबारा हड़ताल पर जाने की घोषणा की गई.

कलमबंद हड़ताल (Penal strike in Lucknow PWD) के बाद मुख्यालय में काम पूरी तरह से बंद रहा. यह हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही. निकाय चुनाव को लेकर लोक निर्माण विभाग के जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी है. उनका विवरण 30 अक्टूबर तक भेजना है. पिछले कई दिनों से छुट्टी है. इसी बीच दफ्तर खुलने के पहले ही कर्मचारियों ने 28 और 29 अक्टूबर कलम बंद हड़ताल की घोषणा कर दी थी. इसके बाद में 30 अक्टूबर को रविवार है. ऐसे में निकाय चुनाव के लिए ड्यूटी करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों की जानकारी चुनाव आयोग तक कैसे पहुंचेगी यह बड़ा सवाल है. दूसरी ओर कर्मचारी संगठन हड़ताल को लेकर अडिग है. नेताओं की वार्ता अफसरों से विफल हो गई है.

अपनी विभिन्न मांगों के संबंधित हड़ताल (Employees strike in Lucknow) के बाबत प्रान्तीय अध्यक्ष, प्रान्तीय महामंत्री मिनिस्ट्रियल एसोसिशन कार्यालय प्रमुख अभियन्ता, क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता, प्रान्तीय अध्यक्ष, प्रान्तीय महामंत्री यूपीपीडी सर्किल ऑफिसर मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन, प्रान्तीय अध्यक्ष, प्रान्तीय महामंत्री उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग मिनिस्ट्रियल रियल एसोसिशन, प्रेरणा सदन की अपील जारी की है.

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अपील में कहा गया है कि साथियों, जैसा कि आप सब को विदित है कि हम समस्त कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश में कार्यरत विभागीय कर्मचारियों की पदोन्नति, स्थाईकरण, ज्येष्ठता सूची और अन्य कई बिन्दुओं पर प्रमुख अभियन्ता (विकास) और विभागाध्यक्ष के समक्ष चर्चा हुई थी. जारी कार्यवृत्त पर सम्बंधित उच्चाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई थी. इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं को दूर करने हुए कर्मचारी समाज में व्याप्त मानसिक और आर्थिक पीड़ा को दूर करना है. साथ ही सरकार और शासन को उन हठधर्मी कर्मचारी विरोधी उच्चाधिकारियों को बेनकाब करना है. ऐसे में निकाय चुनाव के लिए कर्मचारी और अधिकारियों की सूची भेजने का काम लोक निर्माण विभाग में बुरी तरह से प्रभावित होगा. ऐसे में छुट्टियों के बाद भी लोक निर्माण विभाग में कोई काम सोमवार तक नहीं हो सकेगा और तब तक निकाय चुनाव के लिए अधिकारियों कर्मचारियों की सूची भेजने का समय निकल जाएगा.

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