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निकाय चुनाव के बाद शुरू होगी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी, धरातल पर उतरेंगे 10 लाख करोड़ के प्रस्ताव

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Published : Apr 27, 2023, 1:19 PM IST

यूपी सरकार की ओर से निकाय चुनाव के बाद ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी शुरू कर दी जाएगी. सीएम ऑफिस से इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. अफसर तैयारियों में जुट गए हैं.

यूपी सरकार ने शुरू की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी.
यूपी सरकार ने शुरू की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी.

लखनऊ : निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन होना है. चुनाव के बाद जुलाई और अगस्त महीने में राज्य सरकार बड़ा आयोजन करके करीब 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारते का प्रयास करेगी. इसके लिए भूमि पूजन भी किए जाएंगे. सीएम ऑफिस से इस संबंध में उद्यमियों की समस्याओं को दूर करने के साथ ही एमओयू के आधार पर NOC आदि की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं.

राज्य सरकार निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए एक बड़े आयोजन की तैयारी कर रही है. फरवरी महीने में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 33 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर पहुंचाने के साथ भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. सरकार का लक्ष्य है कि जो 33 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं, उनमें से करीब दस लाख करोड़ के प्रस्ताव धरातल पर उतार दिए जाएं. जिससे अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके और प्रदेश को विकास की राह पर तेजी से आगे ले जाया जा सके.

मुख्यमंत्री कार्यालय से कहा गया है कि विकास और उपेक्षा का दंश झेलने वाले बुंदेलखंड और पूर्वांचल के लिए व्यापक निवेश प्रस्ताव ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मिले थे. उद्यमियों ने मैन्यूफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, ईवी, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, सर्कुलर इकॉनमी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित हर सेक्टर में निवेश की रुचि दिखाई थी. सूत्र बताते हैं कि सीएम ऑफिस से इंडस्ट्री डिपार्टमेंट को कहा गया है कि 16 लाख करोड़ से अधिक राशि के 13 हजार से अधिक ऐसे प्रस्ताव इन्वेस्ट समिट में मिले हैं, जिन्हें निवेशकर्ता द्वारा तत्काल जमीन पर उतारने की तैयारी कर ली गई है. ₹2.80 लाख करोड़ मूल्य के 29 एमओयू पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीएसयू कंपनी) की ओर से मिले हैं. निवेशकर्ता इन प्रोजेक्ट पर तत्काल काम शुरू करने को तैयार हैं. सरकार के साथ मिलकर पीपीपी मोड पर विकास कार्यों के लिए 2.45 लाख करोड़ के 99 एमओयू हुए हैं. इन सभी प्रस्ताव को धरातल पर उतारने के लिए हर स्तर पर काम को अंतिम रूप दे दिया जाए.

शासन की तरफ से कहा गया है कि निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए यह आवश्यक है कि निवेशकर्ता से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखा जाए, उनकी जरूरतों, अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश की जाए, एनओसी आदि में देरी न लगाई जाए.
कोई भी फाइल किसी भी स्तर पर लंबित न रहे, निर्णय लेने में कतई देरी न हो, हर एक निवेश एमओयू की नियमित रूप से समीक्षा की जाए.

औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी ने ईटीवी भारत से फोन पर बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 33 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले थे. इन प्रस्तावों को धरातल पर ले जाने के लिए हम काम शुरू कर रहे हैं. हमने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी करने की तैयारी तेज कर दी है. निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियों को और तेज कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि 6 महीने के अंदर जो प्रस्ताव आए हैं उनके लिए उद्यमियों को जमीन मुहैया करा दी जाए. इसके अलावा अन्य सभी जरूरी एनओसी, क्लीयरेंस आदि की प्रक्रिया भी तेजी से पूरी की जाए.

यह भी पढ़ें : देश के बड़े औद्योगिक घराने को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने दिया झटका, मांगी ये जानकारी

लखनऊ : निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन होना है. चुनाव के बाद जुलाई और अगस्त महीने में राज्य सरकार बड़ा आयोजन करके करीब 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारते का प्रयास करेगी. इसके लिए भूमि पूजन भी किए जाएंगे. सीएम ऑफिस से इस संबंध में उद्यमियों की समस्याओं को दूर करने के साथ ही एमओयू के आधार पर NOC आदि की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं.

राज्य सरकार निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए एक बड़े आयोजन की तैयारी कर रही है. फरवरी महीने में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 33 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर पहुंचाने के साथ भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. सरकार का लक्ष्य है कि जो 33 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं, उनमें से करीब दस लाख करोड़ के प्रस्ताव धरातल पर उतार दिए जाएं. जिससे अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके और प्रदेश को विकास की राह पर तेजी से आगे ले जाया जा सके.

मुख्यमंत्री कार्यालय से कहा गया है कि विकास और उपेक्षा का दंश झेलने वाले बुंदेलखंड और पूर्वांचल के लिए व्यापक निवेश प्रस्ताव ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मिले थे. उद्यमियों ने मैन्यूफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, ईवी, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, सर्कुलर इकॉनमी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित हर सेक्टर में निवेश की रुचि दिखाई थी. सूत्र बताते हैं कि सीएम ऑफिस से इंडस्ट्री डिपार्टमेंट को कहा गया है कि 16 लाख करोड़ से अधिक राशि के 13 हजार से अधिक ऐसे प्रस्ताव इन्वेस्ट समिट में मिले हैं, जिन्हें निवेशकर्ता द्वारा तत्काल जमीन पर उतारने की तैयारी कर ली गई है. ₹2.80 लाख करोड़ मूल्य के 29 एमओयू पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीएसयू कंपनी) की ओर से मिले हैं. निवेशकर्ता इन प्रोजेक्ट पर तत्काल काम शुरू करने को तैयार हैं. सरकार के साथ मिलकर पीपीपी मोड पर विकास कार्यों के लिए 2.45 लाख करोड़ के 99 एमओयू हुए हैं. इन सभी प्रस्ताव को धरातल पर उतारने के लिए हर स्तर पर काम को अंतिम रूप दे दिया जाए.

शासन की तरफ से कहा गया है कि निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए यह आवश्यक है कि निवेशकर्ता से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखा जाए, उनकी जरूरतों, अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश की जाए, एनओसी आदि में देरी न लगाई जाए.
कोई भी फाइल किसी भी स्तर पर लंबित न रहे, निर्णय लेने में कतई देरी न हो, हर एक निवेश एमओयू की नियमित रूप से समीक्षा की जाए.

औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी ने ईटीवी भारत से फोन पर बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 33 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले थे. इन प्रस्तावों को धरातल पर ले जाने के लिए हम काम शुरू कर रहे हैं. हमने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी करने की तैयारी तेज कर दी है. निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियों को और तेज कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि 6 महीने के अंदर जो प्रस्ताव आए हैं उनके लिए उद्यमियों को जमीन मुहैया करा दी जाए. इसके अलावा अन्य सभी जरूरी एनओसी, क्लीयरेंस आदि की प्रक्रिया भी तेजी से पूरी की जाए.

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