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PFI सदस्य मुनीर की 10 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर

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Published : Jul 5, 2023, 9:53 PM IST

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एनआईए/एटीएस की विशेष अदालत ने विवेचक की याचिका पर पीएफआई सदस्य की दस दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर दी है. पीएफआई सदस्य पर देश विरोधी गतिविधियों की साजिश में शामिल होने का आरोप है.

लखनऊ: एनआईए/एटीएस की विशेष अदालत ने देश विरोधी गतिविधियों की साजिश के मामले में निरुद्ध पीएफआई सदस्य मोहम्मद मुनीर आलम की दस दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है. कस्टडी रिमांड की अवधि 6 जुलाई की सुबह 10 बजे से शुरू होकर 16 जुलाई की शाम छह बजे तक होगी. अदालत ने यह आदेश पुलिस उपाधीक्षक व इस मामले के विवेचक सुशील कुमार सिंह की अर्जी पर दिया है.

विवेचक की अर्जी पर विशेष वकील एमके सिंह ने बहस की. एमके सिंह ने कहा कि अभियुक्त ने पूछताछ में बताया है कि वह वर्ष 2015 से पीएफआई का सक्रिय सदस्य है. प्रतिबंधित संगठन होने के बावजूद वह चोरी छिपे इस संगठन का प्रचार-प्रसार करता था. इससे संबधित सामग्री उसने एकत्रित कर रखी है. कहा, अभियुक्त ने उस सामग्री को बरामद कराने की बात कही है. इसके लिए अभियुक्त सहारनपुर, मेरठ, नोएडा, शामली, बागपत व मुज्जफरनगर ले जाना है. यह भी बताया गया कि गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त के पास से मोबाइल बरामद हुई थी. उस मोबाइल को विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ भेजकर उसका डाटा प्राप्त करना है. इसके विश्लेषण से प्राप्त तथ्यों पर पूछताछ करना है तथा अन्य साथियों की भी शिनाख्त करनी है. उल्लेखनीय है कि अभियुक्त को मुज्जफरनगर के दधेडूकला से गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की रिपोर्ट मेरठ के थाना खैरखौदा में दर्ज हुई थी. मामले की विवेचना एटीएस कर रही है.

गैर इरादतन हत्या में दस वर्ष की सजा: वहीं, एडीजे शालिनी सागर ने गैर इरादतन हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त मंगलू को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सरकारी वकील मो. इन्तजार अहमद गाजी के मुताबिक अभियुक्त पर नशे में गांव के दयाशंकर पर हमला करने का आरोप है. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. वह रात नौ बजे अपने घर से दूसरे मकान पर सोने के लिए जा रहे थे. 12 अक्टूबर, 2016 को इस मामले की एफआईआर मृतक के भतीजे अवधेश कुमार ने थाना बंथरा में दर्ज कराई थी.

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