ETV Bharat / state

ब्लैक फंगस के इलाज में दक्ष किए गए 422 डॉक्टर

author img

By

Published : May 27, 2021, 10:50 PM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ में पीजीआई-केजीएमयू के विशेषज्ञों ने ब्लैक फंगस के इलाज की ट्रेनिंग दी. वर्चुअली ट्रेनिंग में 422 डॉक्टर शामिल हुए. यह सभी सरकारी-निजी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर थे.

ब्लैक फंगस के इलाज की ट्रेनिंग.
ब्लैक फंगस के इलाज की ट्रेनिंग.

लखनऊ: राजधानी में गुरुवार को ब्लैक फंगस के इलाज की ट्रेनिंग दी गई. पीजीआई और किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों से 52 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर जुड़े. इसमें ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर लंबा विमर्श किया गया. इसमें 422 चिकित्सकों ने भाग लिया. पीजीआई न्यूरो ओटोलॉजी प्रो. अमित केशरी ने केस स्टडी की विस्तार से जानकारी दी.

प्रोफेसर ने दी केस स्टडी की जानकारी

उन्होंने कहा कि बीमारी की पहचान के लिए मल्टी स्पेशिएल्टी की जरूरत है, जिसमें रेडियोलॉजी, माइक्रोबायलॉजी सहित अन्य विशेषज्ञ मिल कर बीमारी का पता कर सकते हैं. एंटी फंगल थेरेपी इसमें काफी कारगर साबित हो रही है. केजीएमयू के प्रो. डी हिमांशु ने भी केस स्टडी की जानकारी दी. इस दौरान एसजीपीजीआई के निदेशक, केजीएमयू के वीसी सहित कई विशेषज्ञों ने इलाज के बारे में बताया. विशेषज्ञों ने बताया कि साइनस में फंगस ग्रो हो जाता है, जिसके कारण कई तरह की परेशानी होती है. इस परेशानी का मुख्य कारण शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होना है. देखा गया कि इम्यूनो सप्रेसिव दवा पर रहने वाले लोग, जिनमें शुगर नियंत्रित नहीं रहता है उनमें इसकी आशंका रहती है.

होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना संक्रमित में परेशानी कम देखी गई है. नाक बंद हो जाना, नाक से खून या काला तरल पदार्थ निकलना, आंखों में सूजन और दर्द, पलकों का गिरना, धुंधला दिखना और आखिर में अंधापन होना. मरीज के नाक के आस-पास काले धब्बे भी हो सकते हैं. ये सभी म्यूकरमाइकोसिस के लक्षण माने जाते हैं. म्यूकरमाइकोसिस संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि कोरोना का इलाज करा रहे या ठीक हो चुके लोगों को स्टेरॉयड की सही खुराक तय समय पर दी जाए.

पढ़ें-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की योगी सरकार की सराहना, इलाज के लिए उठाये कदमों से संतुष्ट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.