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ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की कोर्ट की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग वाली याचिका खारिज

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Published : Jul 19, 2022, 10:37 PM IST

लखनऊ  हाईकोर्ट
लखनऊ हाईकोर्ट

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली संरचना की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करके जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिका पर विस्तृत निर्णय लिया है. 10 जून को मामले की सुनवाई के उपरांत न्यायालय ने याचिका पर क्षेत्राधिकार के अभाव में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया था व विस्तृत आदेश बाद में जारी करने को कहा था. मंगलवार को विस्तृत आदेश जारी करते हुए न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने सुधीर सिंह समेत 6 याचियों की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया.

साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में अपील दाखिल करने के लिए प्रमाण पत्र देने से भी इंकार कर दिया है. न्यायालय ने पाया कि याचिका पोषणीय नहीं है, क्योंकि मामला वाराणसी का है और वहां का क्षेत्राधिकार इलाहाबाद हाईकोर्ट को प्राप्त है. वहीं राज्य सरकार की ओर से भी यह दलील दी गई थी कि इस मामले पर पहले ही सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले चुका है. वहीं केंद्र सरकार व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिवक्ता एसएम रायकवार ने भी क्षेत्राधिकार के आधार पर याचिका का विरोध किया था.

उल्लेखनीय है कि याचियों की ओर से कहा गया था कि ज्ञानवापी परिसर में मिली संरचना को हिंदू शिवलिंग बता रहे हैं, जबकि मुस्लिम उसे फव्वारा करार दे रहे हैं. ऐसे में इस दुविधा के कारण दोनों समुदायों के बीच विवाद की स्थिति बन गई है. इससे न केवल द्वेष बल्कि बाकी दुनिया में गलत संदेश भी जा रहा है. याचिका में आगे कहा गया कि सरकार व एएसआई ने अपना दायित्व नहीं निभाया है अन्यथा उक्त संरचना की जांच कराकर विवाद को जड़ से समाप्त किया जा सकता था.

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