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लखनऊ: कोरोना से निपटने के लिए नवीन तकनीकी 'आईडियाथन' का आयोजन

यूपी के लखनऊ में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में कोरोना से निपटने के लिए नवीन तकनीकी आईडियाथन का आयोजन किया जा रहा है. आयोजन के मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानितकर ने कहा कि प्रत्येक समस्या का समाधान इंजीनियरिंग से संभव है.

लखनऊ समाचार.
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय.
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Published : May 8, 2020, 2:22 PM IST

लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ओर से कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए नवीन तकनीकी आईडियाथन का आयोजन किया जा रहा है. बृहस्पतिवार को प्रतियोगिता के द्वितीय और तृतीय चरण के विजेताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंस से ई- प्रमाण पत्र सौंपे गए. आयोजन के मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानितकर ने कहा कि प्रत्येक समस्या का समाधान इंजीनियरिंग से संभव है.

मुकुल कानितकर ने कहा कि कोरोना लगातार अपने में बदलाव कर रहा है, लेकिन प्रोटीन का कोई न कोई रूप इसमें शामिल है. ऐसे में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेंज और नैनो पार्टिकल का उपयोग कोरोना के खात्मे की वजह बन सकता है. उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों का आह्वान किया कि वे कोरोना को नियंत्रित करने के लिए शॉर्ट टर्म शोध करने के साथ ही लांग टर्म शोध पर भी विचार करें.

उन्होंने कहा कि हमें श्रमिक आधारित कृषि के विकास की दिशा में नए अन्वेषण करने की जरूरत है. महात्मा गांधी के स्वदेशी अपनाओ मंत्र को मूर्त रूप देने का यह सही अवसर है.

विजेताओं को ई-सर्टिफिकेट दिया गया

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती रिवर्स इकोनॉमी को जन्म दे रही है. इससे भारत को निश्चित ही लाभ मिलेगा और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में वृद्धि होगी. उन्होंने एकेटीयू के कोविड-19 आईडियाथन को भारत के नागरिकों की आवश्यकता बताया. साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक मिलकर इस वैश्विक महामारी को परास्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

इस ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान ही ऑनलाइन वीकली कोविड-19 आईडियाथन चैलेंज के द्वितीय और तृतीय चरण के विजेताओं की घोषणा की गई. विजेताओं को ई-सर्टिफिकेट प्रदान किया गया.

लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ओर से कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए नवीन तकनीकी आईडियाथन का आयोजन किया जा रहा है. बृहस्पतिवार को प्रतियोगिता के द्वितीय और तृतीय चरण के विजेताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंस से ई- प्रमाण पत्र सौंपे गए. आयोजन के मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानितकर ने कहा कि प्रत्येक समस्या का समाधान इंजीनियरिंग से संभव है.

मुकुल कानितकर ने कहा कि कोरोना लगातार अपने में बदलाव कर रहा है, लेकिन प्रोटीन का कोई न कोई रूप इसमें शामिल है. ऐसे में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेंज और नैनो पार्टिकल का उपयोग कोरोना के खात्मे की वजह बन सकता है. उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों का आह्वान किया कि वे कोरोना को नियंत्रित करने के लिए शॉर्ट टर्म शोध करने के साथ ही लांग टर्म शोध पर भी विचार करें.

उन्होंने कहा कि हमें श्रमिक आधारित कृषि के विकास की दिशा में नए अन्वेषण करने की जरूरत है. महात्मा गांधी के स्वदेशी अपनाओ मंत्र को मूर्त रूप देने का यह सही अवसर है.

विजेताओं को ई-सर्टिफिकेट दिया गया

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती रिवर्स इकोनॉमी को जन्म दे रही है. इससे भारत को निश्चित ही लाभ मिलेगा और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में वृद्धि होगी. उन्होंने एकेटीयू के कोविड-19 आईडियाथन को भारत के नागरिकों की आवश्यकता बताया. साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक मिलकर इस वैश्विक महामारी को परास्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

इस ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान ही ऑनलाइन वीकली कोविड-19 आईडियाथन चैलेंज के द्वितीय और तृतीय चरण के विजेताओं की घोषणा की गई. विजेताओं को ई-सर्टिफिकेट प्रदान किया गया.

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