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नोटबंदी के खिलाफ NSUI का प्रदर्शन, कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने भांजी लाठियां

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Published : Nov 8, 2019, 3:11 PM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में तीन साल पहले हुए नोटबंदी को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया. 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का एलान किया गया था. वहीं शुक्रवार को नोटबंदी को लेकर कहीं लोगों ने केंद्र सरकार की शव यात्रा निकाली तो कहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों के ऊपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन.

लखनऊ: शुक्रवार को नोटबंदी को तीन साल पूरे हो गए हैं. 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का एलान किया गया था. वहीं राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में शुक्रवार को तीन साल पहले हुई नोटबंदी के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया.

नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज.

लखनऊ में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने किया प्रदर्शन
कांग्रेस के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस कार्यालय से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लिए मार्च निकाला. प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कांग्रेस कार्यालय से थोड़ी दूर पर रोका. इसको लेकर पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच नोक झोंक हो गई, जिसकी वजह से पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठियां चलाई.

नोटबंदी की वजह से देश में आर्थिक विषमता
राज भवन कॉलोनी के सामने रोके गए एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने वापस लौट जाने के लिए कहा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया गोमती नगर स्थित कार्यालय तक जाने के लिए कार्यकर्ताओं ने जब पुलिस का दायरा तोड़कर आगे निकलने की कोशिश की तो पुलिस ने लाठी भांज कर उन्हें रोका. पुलिस ने बैरिकेडिंग कर पूरा रास्ता रोक रखा था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ पुलिस के सारी कोशिशें नाकाम कर दी. एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार की नोटबंदी के फैसले ने देश में आर्थिक विषमता पैदा कर दी है. रोजगार खत्म हो गया है. पूरा देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है.

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वाराणसी में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की गई थी. शुक्रवार को नोटबंदी को तीन साल बीत गए हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार की शव यात्रा निकाली. उनका कहना है कि नोटबंदी का खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है, क्योंकि जो छात्रों के बैंक के खाते जीरो पेमेंट पर खुला करते थे अब उसके लिए दो से तीन हजार देने पड़ रहे हैं. शव यात्रा निकालने के दौरान छात्रों और पुलिस प्रशासन से नोक झोंक हुई.

8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी के समय 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए गए थे, जिससे खासा परेशानी हुई थी. उस समय पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नोटबंदी की वजह से कई ऐसी गलत चीजें जो देश में हो रही हैं, वह बंद हो जाएंगी. जितना भी काला धन है वह भी बाहर आ जाएगा, जिससे भारत विकास की दौड़ में सबसे आगे दिखाई पड़ेगा.

Intro:लखनऊ. कांग्रेस के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को नोट बंदी के खिलाफ कांग्रेस कार्यालय से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लिए मार्च निकाला प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कांग्रेस कार्यालय से थोड़ी दूर पर रोका धक्का-मुक्की हंगामे के बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठियां भी चलाई.


Body:राज भवन कॉलोनी के सामने रोके गए एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने वापस लौट जाने के लिए कहा नोटबंदी और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारा लगा रहे कार्यकर्ता नहीं माने. रिजर्व बैंक आफ इंडिया गोमती नगर स्थित कार्यालय तक जाने के लिए आमादा कार्यकर्ताओं ने जब पुलिस का दायरा तोड़कर आगे निकलने की कोशिश की तो पुलिस ने लाठी भांज कर उन्हें रोका. राज भवन कॉलोनी परिषद के सामने हालांकि पुलिस ने बैरिकेडिंग का पूरा रास्ता रोक रखा था लेकिन इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग फांद कर पुलिस के सारी कोशिश नाकाम कर दी प्रदर्शन कर रहे है एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने ईटीवी भारत से कहा की मोदी सरकार की नोटबंदी के फैसले ने देश में आर्थिक विषमता पैदा कर दी है रोजगार खत्म हो गया है पूरा देश आर्थिक मंदी के दुष्चक्र में फंस गया है इसका छात्रों पर भी असर पड़ रहा है. छात्र संगठन किसी का विरोध करना चाहे रहे हैं और उन्हें जबरन रोका जा रहा है लेकिन हम मानेंगे नहीं.

बाइट/ प्रशांत तिवारी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई

पीटीसी अखिलेश तिवारी


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