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अब सत्यापन के बाद बुजुर्गों को मिलेगी पेंशन की अगली किस्त

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Published : Jun 7, 2021, 1:45 PM IST

समाज कल्याण निदेशालय
समाज कल्याण निदेशालय

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार सत्यापन के बाद ही अब बुजुर्गों को पेंशन देने का निर्णय लिया है. समाज कल्याण निदेशालय ने सभी जिलाधिकारियों को इसके लिए 15 जून तक वैरीफिकेश का काम पूरा करने का निर्देश दिया है.

लखनऊ: प्रदेश के 51 लाख से अधिक बुजुर्गों को इस बार वृद्धा पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ेगा. राज्य सरकार ने भौतिक सत्यापन के बाद ही अब बुजुर्गों को पेंशन देने का निर्णय लिया है. सरकार का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और अपात्र लोगों की पेंशन रोकी जा सकेगी. समाज कल्याण विभाग ने इसके लिए कसरत शुरू कर दी है.

15 जून तक सत्यापन करने के निर्देश
समाज कल्याण निदेशालय ने इसके लिए सभी जिलों के डीएम को 15 जून तक सत्यापन कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया है. वैरीफिकेशन के दौरान उन लोगों के नाम भी हटाए जाएंगे जिनकी मृत्यु हो गई है या फिर वे पेंशन के पात्र नहीं हैं. इस मशक्कत का लाभ उन बुजुर्गों को मिलेगा जो पेंशन योजना की प्रतीक्षा सूची में हैं. ऐसे में अप्रैल मई-जून की पेंशन इस माह के अंत तक अथवा जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही बुजुर्गों के खाते में जा सकेगी.


500 रुपये प्रतिमाह मिलती है पेंशन
राज्य सरकार समाज कल्याण विभाग के जरिए 60 वर्ष की आयु पूरा कर चुके गरीब बुजुर्गों को किसान पेंशन योजना और वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह की पेंशन देती है. 3 माह की पेंशन एक साथ बुजुर्गों के खाते में भेजी जाती है. जिलाधिकारियों को 15 जून तक सत्यापन का डाटा अपलोड कराने को कहा गया है. यदि समय से यह कार्य पूरा हो गया तभी इस माह के अंत तक पेंशन बुजुर्गों के खाते में पहुंच सकेगी.

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हर साल होता है भौतिक सत्यापन
समाज कल्याण निदेशक के मुताबिक यह कोई नया कार्यक्रम नहीं है बल्कि सरकार जिला अधिकारियों के माध्यम से हर साल लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन कराती है. कोरोना के कारण इस बार सत्यापन में विलंब हुआ. सत्यापन के दौरान जिलाधिकारी द्वारा बनाई गई टीम घर घर जाकर यह देखती है कि जिन्हें पेंशन मिल रही है वह कहीं अपात्र तो नहीं हैं. अपात्र मिलने पर अथवा फर्जीवाड़ा पाए जाने पर संबंधित की पेंशन निरस्त कर दी जाती है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी होती है.

महामारी के कारण अवमुक्त की जा चुकी है पेंशन
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जून के पहले सप्ताह में कोविड महामारी को देखते हुए पिछली तिमाही की वृद्धावस्था, निराश्रित महिला, दिव्यांगजन व कुष्ठावस्था पेंशन के लाभार्थियों को मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनके खाते में पेंशन ट्रांसफर कर दी गई थी. पिछले वर्ष भी लॉकडाउन और महामारी के कारण लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन नहीं हो पाया था. इसके बावजूद सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के 1000 रुपये अतिरिक्त के साथ पेंशन की एक किस्त भी बुजुर्गों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई थी.

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