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खुलासाः मुर्तजा की हो रही थी ऑनलाइन ट्रेनिंग, अरबी के तीन शब्द जेहन में रखने को कहा गया था...

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Published : Apr 9, 2022, 11:59 AM IST

गोरखनाथ पीठ के सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी की तीन चरणों में ऑनलाइन ट्रेनिंग हो रही थी. उसने एटीएस की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

3 चरणों में हो रही थी मुर्तजा के ऑनलाइन ट्रेनिंग
3 चरणों में हो रही थी मुर्तजा के ऑनलाइन ट्रेनिंग

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC के 2 जवानों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी यूपी ATS की रिमांड में है. हर रोज मुर्तजा ATS के सामने खुलासे कर रहा है. ISIS कैम्प में रहने वाली लड़की के चक्कर में आतंकियों के संपर्क में कैसे आया और उनसे किस कोड में वह बात करता था, एटीएस ने मुर्तजा से उगलवा लिया है. मुर्तजा ने ATS के सामने एक और खुलासा किया है. सूत्रों के मुताबिक उसने बताया है कि उसे ISIS ने ऑनलाइन बात करते वक़्त तीन अरबी शब्दो पर केंद्रित रहने के लिए कहा था. यही नही उसकी ट्रेनिंग भी तीन स्तर पर होनी थी, जिसमें मन्दिर में हमला करना उसके सेकेंड स्टेज की ट्रेनिंग थी. इस ट्रेनिंग को फुट ऑन द डोर नाम दिया गया था.


सूत्रों को मुताबिक मुर्तजा ने बताया है कि ISIS कैम्प में रहने वाली एक लड़की से बातचीत शुरू होने के बाद जब वो आतंकियों के संपर्क में आया था तब उसे तीन शब्द सिखाये गए थे और उसे कहा गया था कि अब उसकी जिंदगी इन्ही तीन शब्दो के इर्द गिर्द घुमनी चाहिए.

  • तौहीद-अल-हकीमिया: मुर्तजा ने बताया है कि उसके आकाओं ने कहा था कि ये जिहाद का पहला चैप्टर है जिसका मतलब होता है कि अल्लाह ही इकलौता क़ानून बनाने वाला है. मुर्तजा ने बताया कि आतंकियों ने इसी हदीस की दुहाई देते हुए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तबाह करने की बात कही थी.
  • कुफ्र बी ताघुत: मुर्तजा ने बताया कि उसके आकाओं ने ये अरबी शब्द को उसके जिहाद की लड़ाई के लिए दूसरा पाठ बताया था. इस शब्द का अर्थ है केवल अल्लाह पर भरोसा. इसमें अन्य किसी भी बुतपरस्ती को ख़ारिज किया जाता है.
  • अल वाला वल बारा : मुर्तजा ने ATS को बताया है कि इस तीसरे शब्द के लिए उसके आकाओं ने जोर देते हुए कहा था कि यही उसकी रूह को ठंडक देगी. इस शब्द का अर्थ है जिहादी आंदोलन का विरोध करने वाले हर सिस्टम को खारिज करना.

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सूत्रों के मुताबिक ATS की जांच में सामने आया है कि मुर्तजा को ISIS के आतंकियों ने फुट ऑन द डोर की तकनीक से ट्रेनिंग दी थी. जिसमें उसकी दो स्टेज की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी थी, बस आखिरी स्टेज बचा था. जांच में सामने आया है कि डोर टू डोर के तहत पहले स्टेज में मुर्तजा से ISIS आतंकी ने गोपनीय चैट रूम का हिस्सा बनने की गुजारिश की थी. उस चैट रूम में जिहाद, सीरिया व वर्मा के वीडियो दिखाए गए थे.

इसके बाद दूसरे चरण में मुर्तजा को संगठन का सदस्य बनने के लिए कहा गया था. साथ ही विशेषाधिकार हासिल करने के लिए कोई क़दम उठाने को कहा गया था. इसी चरण को पूरा करने के लिए उसने गोरखपुर मंदिर में हमला करने की ठानी थी, जिससे वो अपने आकाओं को खुश कर सके और विषेशाधिकार प्राप्त कर सके.

सूत्रों के मुताबिक उसका तीसरा चरण मंदिर पर हमले के बाद पूरा होना था. इसके तहत उसे ISIS की एक प्रतिबंधित किताब THE BEE पढ़ने के लिए कहा गया था. इस किताब से पढ़कर मैकिनकल इंजीनियर मुर्तजा को बम बनाने की ट्रेनिंग लेने के लिए कहा गया था. हालांकि उससे पहले ही यूपी एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

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