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जर्जर इमारत...ढहने को चली छत और नीचे मिड डे मील का खाना खाते बच्चे

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Published : Sep 23, 2019, 3:25 PM IST

जर्जर इमारत...ढहने को चली छत और पलास्टर छोड़ती दीवारें...इन्हीं दीवारों से टेक लगा जमीन पर बैठे नौनिहाल और प्लेटों में परोसी गई खिचड़ी...ये तस्वीर है सूबे की राजधानी लखनऊ की...जहां बलराम प्राथमिक विद्यालय के दिन पूरे हो रहे हैं और जिम्मेदार हैं कि आंखों को मूंद मौन धारण कर चुके हैं...

गाजीपुर बलराम प्राथमिक विद्यालय की बदहाल अवस्था.

लखनऊ: केंद्र और प्रदेश की सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लाख दावे करती हो, लेकिन धरातल पर ये दावे खोखले नजर आते हैं. राजधानी के गाजीपुर बलराम प्राथमिक विद्यालय में मासूम बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. विद्यालय में जर्जर बिल्डिंग के जिस बरामदे में मासूम बच्चों को बैठाकर मिड डे मील खिलाया जाता है, उसकी दीवार कब गिर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता.

देखें वीडियो.

जिम्मेदारों को स्कूल की दशा नहीं आती नजर
अब ऐसे में राजधानी लखनऊ के शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आती है. वो भी तब जब शिक्षा विभाग के सचिवालय, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सभी मंत्री गण यहां पर रहते हैं. वहीं अध्यापिका अर्चना चौधरी का कहना है कि हम जर्जर बिल्डिंग की शिकायत कर चुके हैं और यह पहले से ही अनुपयुक्त बिल्डिंग घोषित कर दी गई है, लेकिन पर्याप्त रूम न होने और चारों तरफ गंदगी होने के कारण हमें मजबूरी में बच्चों को इस बिल्डिंग में बिठाना पड़ता है. इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए हमने लखनऊ बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर अमरकांत सिंह से जानकारी जुटाई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है.

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मैं एक साल पहले गाजीपुर प्राथमिक विद्यालय में गया था. तब तो ऐसी कोई समस्या नहीं थी और बरामदा भी ठीक-ठाक था. ऐसा कोई मामला नहीं है.
-डॉ. अमरकांत सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

बाद में जब उनसे पूछा गया कि अगर ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है तो आप क्या करेंगे तो उन्होंने इस मामले को संज्ञान में लेकर सुधार करने की बात कही. वहीं सूबे के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना से विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं से सम्बन्धित सवाल पूछा गया तो उन्होंने कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया. अब यह देखने वाली बात होगी कि राजधानी लखनऊ में प्रशासन की यह लापरवाही कितनी बड़ी गलती को दावत दे रही है.

Intro: हाल ही में कुछ दिन पहले शिक्षा विभाग के ऊपर काफी सवाल खड़े हुए थे जिसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह तरह की टिप्पणियां भी कर रहे थे कहीं मिड डे मील की शिकायतें थी तो कहीं मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर लोग सोशल मीडिया पर ट्रोल करते नजर आ रहे थे देश में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार भले ही बच्चों पर उनकी शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए लाख दावे करती हो और उनको शिक्षा मुहैया कराने की लाख कोशिश कर रही हो लेकिन धरातल पर इस सरकार के दावे शिक्षा के क्षेत्र में खोखले नजर आते हैं राजधानी लखनऊ के गाजीपुर बलराम में स्कूल की जर्जर बिल्डिंग में मासूम बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है और जर्जर बिल्डिंग में बैठा कर उनको खाना खिलाया जा रहा है जर्जर बिल्डिंग की छत देखकर साफ देखा जा सकता है यह बिल्डिंग अब गिर जाए कब गिर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता


Body: वैसे तो शिक्षा विभाग पर उनकी लापरवाही को लेकर लोग सोशल मीडिया पर लाख टिप्पणी कर रहे हैं वहीं सरकार भी ऐसे मामलों पर टिप्पणी करने वालों के खिलाफ भी संदेह की नजर से देख रही है और शिक्षा विभाग के आला अधिकारी भी सोशल मीडिया की पोस्टों को गलत बताने के लिए सामने आ रहे हैं और अपनी लापरवाही को झूठा बताते हैं लेकिन राजधानी लखनऊ के गाजीपुर बलराम प्राथमिक विद्यालय में जर्जर बिल्डिंग के बरामदे में मासूम बच्चों को मिड डे मील खिलाया जाता है उस बरामदे की बिल्डिंग ऐसी है जो अब गिर जाए कब गिर जाए इसका कुछ पता नहीं है अब ऐसे में राजधानी लखनऊ के शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आती है इस बरामदे में आप खुद ही देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि इसमें कितने मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ घटना घटने का इंतजार किया जा रहा है जहां राजधानी लखनऊ में शिक्षा विभाग के सचिवालय हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बैठते हैं और सभी मंत्री गण यहां पर रहते हैं अब यह देखने वाली बात होगी कि राजधानी लखनऊ में प्रशासन की यह लापरवाही कितनी बड़ी गलती को दावत दे रही है


Conclusion: इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए हमने लखनऊ बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ अमरकांत सिंह जी जानकारी जुटाई तो उन्होंने पहले तो कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है मैं 1 साल पहले गया गाजीपुर प्राथमिक विद्यालय में गया था तब तो ऐसी कोई समस्या नहीं थी और बरामदा भी ठीक-ठाक था वही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है पूछा गया अगर ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है तो आप क्या करेंगे तो उन्होंने इस मामले को संज्ञान में लेकर सुधार करने की बात कही अब देखने वाली बात होगी के शिक्षा विभाग इस गंभीर लापरवाही के मामले को आखिर संज्ञान में लेने के बाद क्या करेगा वही अध्यापिका अर्चना चौधरी का कहना है कि हम जर्जर बिल्डिंग की शिकायत कर चुके हैं और यह पहले से ही अनुपयुक्त बिल्डिंग घोषित कर दी गई है लेकिन पर्याप्त रूम ना होने के और चारों तरफ गंदगी होने के कारण हमें मजबूरी पर बच्चों को बिठाना पड़ता है और इस वजह से वजह से हम बच्चों को इसमें खाना खिला देते हैं वही राज्य वित्तमंत्री सुरेश खन्ना से विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं संवाददाता सत्येंद्र शर्मा 81 93 86 4012 खबर से संबंधित विजुअल रेप से भेज रहा हूं नोट यह खबर स्पेशल है
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