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बसपा का सॉफ्ट हिंदुत्व : मायावती का दावा, हम संवारेंगे अयोध्या-काशी-मथुरा

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Published : Oct 9, 2021, 10:46 AM IST

Updated : Oct 9, 2021, 9:57 PM IST

बसपा रैली
बसपा रैली

बसपा प्रमुख मायावती ने आज अपने मार्गदर्शक रहे कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित की. कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर बसपा ने रैली आयोजित की. रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने यूपी और दिल्ली सरकार पर जमकर हमला बोला.

लखनऊ: बसपा ने शनिवार को पार्टी संस्थापक कांशीराम की याद में उनके परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर रैली का आयोजन किया. इस दौरान राजधानी के कांशीराम स्मारक स्थल पर कार्यकर्ताओं का हुजूम जुटा. बसपा प्रमुख मायावती ने अपने मार्गदर्शक रहे कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही कांशीराम के विचारों को समर्थकों से साझा किए. उन्होंने योगी और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार पर जुबानी हमला कर कार्यकर्ताओं में संघर्ष के लिए जोश भरा. वहीं सर्वजन हिताय के मूल मंत्र से वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव का शंखनाद किया. साथ ही अयोध्या-काशी-मथुरा जैसे अहम धर्मिक स्थलों के विकास का दावा कर पार्टी के 'सॉफ्ट हिंदुत्व' के ट्रैक पर चलने का भी संकेत दिया.

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि भाजपा-सपा दोनों सरकारों में जनता पर अत्याचार हुआ है. ऐसे में जनता बसपा के शासनकाल को याद कर रही है. बसपा की सरकार बनना तय है. कार्यकर्ता विपक्षियों के षड्यंत्रों से सतर्क रहें. वह बसपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए तमाम हथकंडे अपनाएंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सर्वे करने वाली एजेंसी पर रोक लगे. उन्होंने समर्थकों से कहा कि सर्वे के झांसे में न आएं. मायावती ने कहा कि बीजेपी हिन्दू-मुस्लिम कर चुनाव जीतने की कोशिश करेगी. उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को किसान विरोधी बताया.

रैली को संबोधित करतीं मायावती.

बसपा प्रमुख ने कहा कि आप नेता अब यूपी में लंबी चौड़ी बात कर रहे हैं. वहीं कोरोना काल में यूपी वालों को दिल्ली सरकार ने अपनी हालत पर छोड़ दिया था, उनकी कोई मदद नहीं की थी. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल का यूपी की जनता को मुफ्त बिजली और रोजगार का दावा छलावा है. उन्होंने जनता से अपील की कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के भ्रामक वादों में न फंसे. कोरोना काल में यूपी के लोगों के साथ दिल्ली सरकार का व्यवहार यहां के लोग भूले नहीं हैं.

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गरीब, दलित, युवा और छात्रों पर फोकस

कांशीराम को श्रद्धांजलि के दरम्यान मायावती ने 2022 के विधानसभा चुनाव का एजेंडा भी साफ कर दिया है. उन्होंने बेरोजगारों को रोजगार, दलित, गरीबों, छात्रों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने का दावा किया. साथ ही गांवों के विकास के लिए अम्बेडकर, कांशीराम के नाम पर फिर से योजनाएं चलाने का दावा किया.

बसपा का नहीं होगा घोषणा पत्र, क्षेत्र में निकलेंगी मायावती

मायावती ने कहा कि बसपा घोषणा पत्र में विश्वास नहीं रखती. वह सिर्फ काम करती है. मौजूदा सरकार कई योजना अपनी गिना रही हैं, जबकि वह योजनाएं और काम बसपा के वक्त के हैं. वहीं, मायावती ने 31 अक्टूबर से बूथ स्तर तक मजबूती से कार्यकर्ता की टीम खड़ी करने को कहा. इस मिशन की जमीनी हकीकत जानने के लिए खुद क्षेत्र पर निकलेंगी. इसमें लापरवाही मिलने पर सेक्टर प्रभारी व अन्य पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी.

मुस्लिमों के हितैषी का ढोंग रच रहे ओवैसी

मायावती ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा ओवैसी मुस्लिमों के हितैषी नहीं हैं. वह चुनाव के वक्त राज्य में ढोंग रच रहे हैं, बाद में गायब हो जाएंगे. वह मुस्लिमों का भला नहीं कर सकते हैं. बसपा ही एक ऐसी पार्टी है जो मुस्लिमों के साथ-साथ समाज के सभी वर्ग को एक साथ लेकर चलती है, ऐसे में मुस्लिम समाज को भी ऐसे नेताओं से सतर्क रहने की जरूरत है.

राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त

मायावती ने कानून व्यवस्था को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त है. आम लोगों की हत्याएं की जा रही हैं, उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में लोग बसपा के शासनकाल को याद कर रहे हैं. बसपा उन्हें फिर विश्वास दिलाती है कि सरकार बनते ही राज्य में कड़ाई से कानून का पालन होगा, गुंडे- माफिया जेल में पहुंचेंगे और आम समाज भय मुक्त जीवन यापन करेगा.

चुनाव में बीजेपी के हथकंडों से रहें सावधान

मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा तमाम हथकंडे अपनाएगी, इसमें वह हिंदू-मुस्लिम एजेंडा को भी भुनाने की कोशिश करेगी. वह बड़े पूंजीपतियों के जरिए धन का लालच भी देगी, तमाम तरीके से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करेगी. कार्यकर्ताओं को भाजपा की इन सभी चालों से सतर्क रहने की जरूरत है. उनको किसी प्रलोभन में नहीं आना है. कोरोना नियमों का हवाला देकर सरकार कार्यकर्ताओं को फंसाने का काम करेगी, इसका भी ध्यान रखना होगा.

दरअसल, भाजपा दबे पांव बसपा के मूल वोटरों में सेंध लगा रही है. इसमें एक तरफ बीजेपी जहां डॉ. भीमराव अंबेडकर आदि महापुरुषों के नाम पर स्मारक स्थल निर्माण के जरिए दलित समुदाय पर छाप छोड़ने की कोशिश कर रही है, वहीं उज्ज्वला योजना, आवास योजना, जन-धन खाता, मुफ्त अनाज योजना के जरिए घर-घर उसके मूल वोटरों में पैठ बनाने में जुटी है. इसके अलावा राष्ट्रवाद-राममंदिर, धर्मपरिवर्तन जैसे हिंदुत्व के मुद्दे को फिर से धार देने में जुट गई है. ऐसे में कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर बसपा प्रमुख मायावती ने भी भाजपा की नीति पर दांव चल दिया. उन्होंने एक तरफ जहां राज्य में मजबूत कानून व्यवस्था का दावा किया, वहीं अयोध्या, काशी, मथुरा समेत अन्य धार्मिक स्थल पर अधूरे विकास कार्यों को पूरा कराने व नए काम कराने का दावा किया.

Last Updated :Oct 9, 2021, 9:57 PM IST
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