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सुल्ली-बुल्ली मामले से पीड़ित है लखनऊ की कई महिलाएं....

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Published : Jan 12, 2022, 11:04 PM IST

'बुल्ली बाई एप या सुल्ली डिल्स एप' देश भर में इन दोनों एप की चर्चा हो रही है. पुलिस ने इन विवादित एप से जुड़े कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. लखनऊ में भी कई महिलाएं बुल्ली सुल्ली की शिकार हुई हैं, पूरी रिपोर्ट पढ़िए...

ईटीवी भारत
सुल्ली-बुल्ली मामले से पीड़ित है लखनऊ की कई महिलाएं

लखनऊ : आज कल बुल्ली बाई एप्प का मामला चर्चा में है. Bulli Bai App या Sulli Deals, ये दो शब्द टीवी न्यूज से लेकर अखबारों तक की सुर्खियों में छाए हैं. Bulli Bai एक सोशल मीडिया एप का नाम है. जिसका इस्तेमाल मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के लिए किया जा रहा है. दरअसल इस एप पर ट्विटर से लेकर दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से महिलाओं की तस्वीर ली जाती है. साथ में उनका प्रोफाइल और उनसे जुड़ी जानकारियां भी दी जाती हैं.

इसके बाद इन महिलाओं के लिए अभद्र टिप्पणी करते हुए इनकी ऑनलाइन बोली लगाई जाती है. Bulli Bai App पर महिलाओं की तस्वीरें फैलाई जाती है और फिर उस पर बोली लगाने के लिए कहा जाता है. ठीक इसी प्रकार सुल्ली डील एप्प(Sulli deal app) भी चर्चा में है. पुलिस इन दोनों खतरनाक एप के मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है. इस मामले में पुलिस ने देश के अलग-अलग हिस्सों से कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है.

क्या है Sulli Deals ?

सुल्ली महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाले अपमानजनक शब्द है. इसे भी अज्ञात ग्रुप ने गिटहब पर ही बनाया था. इस एप के जरिए भी मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया जाता था और Bulli Bai App की तरह ही महिलाओं की तस्वीरें और प्रोफाइल को पोस्ट करके उनकी ऑनलाइन नीलामी की जाती थी.

जुलाई 2021 में ट्विटर पर सुल्ली डील्स के नाम से कई स्क्रीनशॉट शेयर हुए. यहां भी महिलाओं की तस्वीरें सोशल मीडिया से ही ली गई थीं. इस एप में 'सुल्ली डील ऑफ द डे' (Sulli Deal of the day) की टैगलाइन के साथ महिलाओं की तस्वीरों के साथ शेयर की जाती थी.

लखनऊ की कई महिलाएं हो चुकीं हैं शिकार

बुल्ली बाई एप (Bulli Bai App) की तरह सुल्ली बाई एप(Sulli Deal App) पर कुछ दिनों पहले लगभग 120 मुस्लिम महिलाओं को ऑनलाइन बिक्री के लिए रखा गया था. महिलाओं की इस ऑनलाइन बिक्री में लखनऊ की भी कई महिलाएं शामिल थीं. सुल्ली-बुल्ली एप पर नीलामी की बात जब पीड़ित महिलाओं को पता चली, तो उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत की.

ईटीवी भारत की टीम ने इस एप से पीड़ित महिलाओं से बातचीत की. बातचीत के दौरान इन महिलाओं ने बताया कि वह मुस्लिम धर्म से हैं. सुल्ली एप से पीड़ित एक लॉ स्टूडेंट ने बताया कि सोशल मीडिया पर कई बार फेक आईडी से उसके पास मैसेज आते थे. इन मैसेज में अभद्र बातें और नग्न तस्वीरें शामिल होतीं थीं.

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सोशल मीडिया से कई बार वीडियो कॉल भी आए. पीड़ित छात्रा ने बताया कि जब उसके पास इस प्रकार के संदेश व कॉल आए, तब तक उन्हें सुल्ली-बुल्ली एप के बारे कुछ भी पता नहीं था. कुछ दिनों बाद उसकी और आपत्तिजनक फोटो वायरल होने की जानकारी हुई. तब परेशान होकर उसने पुलिस से सहायता ली, पुलिस को सूचना देने के बाद उसे ऑनलाइन महिलाओं की बिक्री की बात पता चली.

सुल्ली एप डील से पीड़ित एक अन्य महिला ने बताया कि किसी व्यक्ति ने उसकी फेकबुक आईडी हैग कर ली. उसके बाद कई बार अनजाने नंबर से कॉल आने लगे.

पीड़िता की फ्रेंड लिस्ट में शामिल कुछ लोगों के पास गंदे व अभद्र मैसेजेस भी भेजे गए. पीड़िता की सहेलियों से यह बात उसे पता चली. पीड़िता बताती है कि जब वह फोन उठाती थी, तो उधर से किसी का रिश्पॉन्स नहीं मिलता था. अनजान कॉल से परेशना होकर पीड़िता ने लखनऊ के गाजीपुर थाने में पुलिस को तहरीर दी.

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बुल्ली सुल्ली एप से पीड़ित महिलाओं का कहना है कि सोशल मीडिया पर गंदी हरकतें होने की वजह से वह काफी हताश हैं. इन महिलाओं की मांग है कि बुल्ली सुल्ली एप और उससे जुड़ी अन्य गतिविधियों को, जो महिलाओं को टारगेट करके साजिश करते हैं. ऐसे मामले को जल्द निपटाया जाए. महिलाओं का कहना है कि वह सोशल मीडिया से हो रही गंदी हरकतों की वजह से मानसिक तनाव में हैं.

इस मामले पर लखनऊ के नोर्थ जोन के डीसीपी प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि लखनऊ में अभी हाल फिलहाल में जितने भी सुल्ली बुल्ली से संबंधित शिकायतें आई हैं. वह कई क्षेत्रों की पुलिस चौकियों से प्राप्त हुई हैं.

पुलिस इन अपराधियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है. जब भी कोई साइबर क्राइम से संबंधित मामले आते हैं. खासकर महिलाओं से संबंधित, तो उसे पूरी निष्पक्षता के साथ सुलझाया जाता है. अभी हाल में ही साइबर क्राइम से संबंधित कुछ लोगों को अरेस्ट किया है और तहकीकात जारी है.

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