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सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय को नई एजेंसी की तलाश, यूपी डेस्को को पत्र लिखा

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Published : Jan 4, 2023, 1:34 PM IST

लखनऊ विश्वविद्यालय में परीक्षा का जिम्मा संभाल रही अजय मिश्रा की कंपनी से छात्रों का डाटा न मिलने के कारण सेमेस्टर परीक्षाओं (Semester Exam of Lucknow University) पर संकट गहरा गया है. दरअसर अजय मिश्रा के जेल में होने से लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों का पुराना डाटा नहीं मिल पा रहा है. विवि के पास केवल फर्स्ट इयर के छात्रों का ही डाटा है.

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लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय को सेमेस्टर परीक्षा शुरू कराने में विलंब होगा. दरअसल विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा कराने के लिए नई एजेंसी (New Agency for Semester Exam) के चयन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए यूपी डेस्को को पत्र लिखा है. वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय में काम कर रही पुरानी एजेंसी ने विश्वविद्यालय को अब तक पुराने छात्रों का डाटा ही नहीं दिया है. इस कारण जनवरी के पहले सप्ताह में प्रस्तावित सेमेस्टर परीक्षा के फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है. विश्वविद्यालय के एकेडमिक कैलेंडर (Academic Calendar of Lucknow University) के अनुसार जनवरी के आखिरी सप्ताह से विषम सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हो जानी चाहिए.

पुराने छात्रों का डाटा नहीं : लखनऊ विश्वविद्यालय में परीक्षा का काम देख रही अजय मिश्रा की कंपनी के पास विश्वविद्यालय का पुराना डाटा मौजूद है. मौजूदा समय में अजय मिश्रा जेल में है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन (Lucknow University does not have data of students) को पुराना डाटा अभी तक नहीं मिल पाया है. पुराना डाटा ना मिलने के कारण विश्वविद्यालय के पास फर्स्ट सेमेस्टर को छोड़कर शेष किसी भी सेमेस्टर के छात्रों का रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में परीक्षा फॉर्म भरवाने से पहले विश्वविद्यालयों को बाकी सभी सेमेस्टर के छात्रों डाटा पहले जमा करना होगा. अगर विश्वविद्यालय प्रशासन को पुराना डाटा नहीं मिलता है तो उसे सभी छात्रों के डाटा दोबारा से रिस्टोर करने में समय लग सकता है. मौजूदा समय में विश्वविद्यालय प्रशासन इसी उधेड़बुन में है कि किसी तरह से पुरानी कंपनी से छात्रों का डाटा प्राप्त कर परीक्षा को सुचारू रूप से शुरू कराया जा सके.

545 कॉलेजों के करीब सवा लाख से अधिक छात्रों का है डाटा : पुरानी कंपनी के पास विश्वविद्यालय में पढ़ रहे सभी कोर्सों के छात्रों का डाटा मौजूद है. कंपनी के पास 545 डिग्री कॉलेजों व लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में संचालित सभी कोर्सों के हर वर्ष में पढ़ रहे करीब सवा लाख छात्रों का डाटा है. सूत्रों का कहना है कि अगर कंपनी डाटा विश्वविद्यालय को नहीं मुहैया कराती है तो विश्वविद्यालयों को सभी छात्रों के डाटा प्राप्त करने में समय लगेगा. इसमें सबसे बड़ी दिक्कत यह होगी पुराने छात्र किस विषय में फेल हैं, किस विषय में उनको बैक देना है, यह सब जानकारी इकट्ठा करना होगा. इसके बाद ही छात्रों को विषम सेमेस्टर के परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू कराई जा सकती है. इस मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी (Vidyanand Tripathi, Controller of Examinations, Lucknow University) का कहना है कि छात्रों का डाटा प्राप्त करने के लिए कंपनी को पत्र भेजा गया है. जल्दी वह हमें डाटा मुहैया करा देगी. साथ ही परीक्षा कराने के लिए नई कंपनी के चयन के लिए भी यूपी डेस्को को पत्र भेजा गया है.

कई विश्वविद्यालयों में आ रही है दिक्कत : कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक (Vice Chancellor of Kanpur University Prof. Vinay Kumar Pathak) के करीबी अजय मिश्रा के जेल जाने और उसकी कंपनी के काम बंद कर देने से राजधानी के कई विश्वविद्यालयों की सेमेस्टर परीक्षाओं पर संकट के बादल छा रहे हैं. हालत यह है कि विश्वविद्यालयों ने कई बार यूपी डेस्को को पत्र भेजा, लेकिन वहां से नई एजेंसी को लेकर कोई जवाब नहीं मिल रहा है. अब विश्वविद्यालय अपने स्तर पर तैयारी कर रहे हैं. इसी तरह ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि को भी परीक्षा के अलिए नई एजेंसी की तलाश है. विवि की सेमेस्टर परीक्षाएं इसी वजह से अटकी हुई हैं. विवि प्रशासन की ओर से भेजे गए पत्र के बाद यूपी डेस्को ने व्यस्तता का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया. अब विवि प्रशासन अपने स्तर से ही नई एजेंसी की चयन प्रक्रिया में जुट गया है.

विश्वविद्यालय की परीक्षा नियंत्रक डॉ. भावना मिश्र (University Controller of Examinations Dr. Bhawna Mishra) ने बताया कि यूपी डेस्को ने हमारे पत्र के जवाब में अपनी व्यस्तता का हवाला दिया है. इसके बाद विवि प्रशासन टेंडर के माध्यम से नई एजेंसी का चयन कर रहा है. जल्द इसका चयन कर परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय ने परीक्षा कराने के लिए नई कंपनी का चयन तो कर लिया, पर अभी तक पुरानी कंपनी ने छात्रों का डाटा विश्वविद्यालय को मुहैया नहीं कराया है. जिस कारण से विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों का स्पेशल कैरी ओवर एग्जाम व चैलेंज मूल्यांकन परीक्षा का परिणाम नहीं जारी कर पाया है. इसी कारण विश्वविद्यालय के छात्रों को शर्त के साथ सेमेस्टर परीक्षाओं में शामिल करना पड़ा.

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