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चार साल में फेज दो के लिए दो कदम भी न बढ़ पाई लखनऊ मेट्रो

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Published : Sep 11, 2021, 4:42 PM IST

27 सितंबर 2014 को ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन तक साढ़े आठ किलोमीटर के साथ लखनऊ में मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू हुआ. चार साल पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पांच सितंबर 2017 को मेट्रो का वाणिज्यिक संचालन शुरू हुआ था. मेट्रो के लिहाज से देखा जाए तो इन चार सालों में लखनऊ मेट्रो दो कदम भी आगे नहीं बढ़ी. जहां पर मेट्रो का निर्माण कार्य थमा था आज भी मेट्रो वहीं तक सीमित रह गई है.

चार साल में फेज दो के लिए दो कदम भी न बढ़ पाई लखनऊ मेट्रो
चार साल में फेज दो के लिए दो कदम भी न बढ़ पाई लखनऊ मेट्रो

लखनऊ : पांच सितंबर को लखनऊ मेट्रो के चार साल पूरे हो रहे हैं. शहर में मेट्रो चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया के बीच लगभग 23 किलोमीटर (22.87 किमी) में दौड़ रही है. मेट्रो का यह काम सपा सरकार में हुआ था, जबकि बीजेपी सरकार में इन चार सालों में फेज दो की शुरुआत तक नहीं हो पाई. यही वजह है कि चारबाग से वसंतकुंज के लिए मेट्रो का काम लटका रह गया. शहर में इन चार सालों में दो कदम भी मेट्रो आगे न बढ़ पाई.



चार साल पहले मिली मेट्रो की सौगात

27 सितंबर 2014 को ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन तक साढ़े आठ किलोमीटर के साथ लखनऊ में मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू हुआ. चार साल पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पांच सितंबर 2017 को मेट्रो का वाणिज्यिक संचालन शुरू हुआ था. पहली बार एयरपोर्ट से चारबाग तक मेट्रो की सौगात शहरवासियों को मिली थी. मार्च 2019 में करीब 23 किलोमीटर का कमर्शियल रन शुरू हुआ और यात्रियों को चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक मेट्रो की सुविधा मिलने लगी. इसके बाद बचे हुए शहर से मेट्रो को जोड़ना था, लेकिन काम ठप पड़ गया.

चार साल में फेज दो के लिए दो कदम भी न बढ़ पाई लखनऊ मेट्रो

मेट्रो के लिहाज से देखा जाए तो इन चार सालों में लखनऊ मेट्रो दो कदम भी आगे नहीं बढ़ी. जहां पर मेट्रो का निर्माण कार्य थमा था आज भी मेट्रो वहीं तक सीमित रह गई है. हां ये जरूर है कि सरकार ने इस कार्यकाल में दो अन्य शहरों में मेट्रो की नींव जरूर रखी है, जहां पर तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन लखनऊवासियों को पूरे शहर में मेट्रो की सौगात देने में सरकार विफल हुई है. चारबाग से बसंत कुंज के लिए इतने सालों में भी बजट पास नहीं हो पाया, जिससे शहरवासियों को इन रूटों पर भी मेट्रो की सुविधा उपलब्ध हो पातीं.

मेट्रो पर अखिलेश करते रहे हैं दावा

सात साल पहले लखनऊ में पहली बार मेट्रो की नींव रखी गई थी. 27 सितंबर 2014 को साढ़े आठ किलोमीटर की दूरी के लिए निर्माण कार्य शुरू हुआ था. चार साल पहले कॉमर्शियल रन शुरू हुआ. आधे शहर में मेट्रो दौड़ रही है, लेकिन आधे शहर का काम पिछले चार साल से अधर में ही लटका हुआ है. शहर में मेट्रो के संचालन को हरी झंडी योगी सरकार में दिखाई गई, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार के मुखिया अखिलेश यादव यह दावा करते रहे कि उनकी सरकार में ही मेट्रो का निर्माण शुरू हुआ. मेट्रो संचालन के लिए तैयार हुई, योगी सरकार फीता काटकर इसका श्रेय ले रही है.

शायद इस वजह से सेकेंड फेज का रुका है काम

चारबाग से बसंतकुंज के बीच मेट्रो के निर्माण का काम शायद इस वजह से योगी सरकार ने शुरू नहीं कराया, क्योंकि लखनऊ में पहले से ही मेट्रो का संचालन हो रहा है. इसे चुनाव में भुनाया नहीं जा सकता. ऐसे में दो अन्य शहरों आगरा व गोरखपुर में नए सिरे से मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू कराकर सरकार चुनावी साल में अपने चुनावी एजेंडे में दो शहरों को शामिल कर लाभ लेने की फिराक में है. इन दोनों शहरों में मेट्रो की नींव रखकर वोट बैंक को अपनी तरफ आकर्षित करेगी.


इतने स्टेशनों पर दौड़ रही है मेट्रो

चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अमौसी, ट्रांसपोर्ट नगर, कृष्णा नगर, शृंगार नगर, आलमबाग, आलमबाग (आईएसबीटी), मवैया, दुर्गापुरी, चारबाग, हुसैनगंज, सचिवालय, हजरतगंज, केडी सिंह बाबू स्टेडियम, लखनऊ यूनिवर्सिटी, आईटी कॉलेज, लेखराज, महानगर, बादशाहनगर, आरएस मिश्रा नगर, इंदिरानगर, मुंशी पुलिया.

इस रूट पर शुरू होना था सेकंड फेज का काम

चारबाग, गौतमबुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेयगंज, लखनऊ सिटी स्टेशन, मेडिकल कॉलेज क्रॉसिंग, नवाबगंज, बालागंज, ठाकुरगंज, सरफराजगंज, मूसाबाग, बसंतकुंज.

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