ETV Bharat / state

World Hepatitis Day : संक्रमित महिला बच्चे को करा सकती है स्तनपान, बस इन बातों का रखना होगा ध्यान

author img

By

Published : Jul 28, 2023, 8:47 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

हेपेटाइटिस से संक्रमित मरीज के लिवर में सूजन आ जाती है. यह बीमारी अनुवांशिक कारणों, वायरस, ऑटो इम्यून या विषैले तत्वों की वजह हो जाती है. आधुनिक चिकित्सा पद्धति में बीमारी का काफी हद तक इलाज संभव है. बशर्ते मरीज समय रहते विशेषज्ञ डाॅक्टरों की निगरानी में इलाज शुरू कर दे.

हेपेटाइटिस से संक्रमित महिला बच्चे को करा सकती है स्तनपान. देखें खबर

लखनऊ : हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण लिवर में सूजन आती है और उसे नुकसान पहुंचता है. यह अनुवांशिक कारणों, वायरस, ऑटो इम्यून या विषैले तत्वों के कारण होता है. हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस लोगों को इस बीमारी से बचाव के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. हेपेटाइटिस में ए, बी, सी, डी और ई पांच तरह की होती है. इस बीमारी का खतरा खराब खानपान, शराब पीने, नशा करने या फिर कमजोर इम्यूनिटी की वजह से बढ़ जाता है. मानसून में यह बीमारी तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाती है. हालांकि इसके संक्रमण को रोकने के लिए हेपेटाइटिस के इंजेक्शन लगाएं जाते हैं. इस वर्ष विश्व हेपेटाइटिस दिवस का थीम 'वी आर नॉट वेटिंग' रखा गया है.

विश्व हेपेटाइटिस दिवस.
विश्व हेपेटाइटिस दिवस.



हेपेटाइटिस ए व ई : हेपेटाइटिस ए और ई दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलता है जबकि हेपेटाइटिस बी और सी शरीर के संक्रमित द्रव्य जैसे संक्रमित खून, सीमन, योनि के स्राव और लार से फैलता है. इसके साथ ही असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई के उपयोग से फैलता है. हेपेटाइटिस ए और ई के संक्रमण को व्यापक साफ सफाई रखकर कर रोका जा सकता है. इसके साथ ही हेपेटाइटिस ए का टीका भी उपलब्ध है. वहीं हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण को सुरक्षित यौन संबंध, एक व्यक्ति के साथ ही शारीरिक संबंध बनाना, उचित बाॅयोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण, पहले से उपयोग की गई सुइयों के प्रयोग से बचाव कर हम रोक सकते हैं.

विश्व हेपेटाइटिस दिवस.
विश्व हेपेटाइटिस दिवस.

हेपेटाइटिस-बी : हेपेटाइटिस बी का टीका उच्च जोखिम वाले समूह जैसे डायबिटिक, लेस्बियन, असुरक्षित यौन संबंध बनाने वालों, सेक्स वर्कर को दिया जा सकता है. हेपेटाइटिस बी से संक्रमित होने के बाद उससे बचाव के लिए हेपेटाइटिस बी के साथ हेपेटाइटिस सी इम्यूनोग्लोबिन के रूप में दिया जाता है. नवजात में इसके संक्रमण को रोकने के लिए जन्म के 12 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया जाता है. गर्भवती अगर हेपेटाइटिस से ग्रसित है तो बच्चेदानी की झिल्ली फट सकती है, जन्म से पहले बच्चे का जन्म हो सकता है. इसके अलावा प्रसव के बाद रक्तस्राव, लिवर संबंधी दीर्घकालिक बीमारी, आंवल का अलग होना, भ्रूण की वृद्धि में रुकावट आ सकती है.

विश्व हेपेटाइटिस दिवस.
विश्व हेपेटाइटिस दिवस.
विश्व हेपेटाइटिस दिवस.
विश्व हेपेटाइटिस दिवस.






भारत सरकार के द्वारा चलाया जा रहा एक प्रोग्राम : केजीएमयू के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉ. सुमित रोंगटा ने बताया कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया हेपेटाइटिस बी और सी दोनों की ही दवाएं उपलब्ध कराती है. हेपेटाइटिस बी के मरीज पूरे देश में सबसे अधिक हैं. उत्तर प्रदेश में भी हेपेटाइटिस बी के मरीज सबसे अधिक हैं. हेपेटाइटिस बी की दवाओं की सप्लाई गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के द्वारा लगातार चल रही है. हेपेटाइटिस सी में दो दवाई होती है. जिसमें से एक दवा सरकार के द्वारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और दूसरी दवा कुछ समय के लिए शॉर्टेज हुई है. डॉ. सुमित के अनुसार हेपेटाइटिस बी और सी वायरल इंफेक्शन है जो लीवर को डैमेज करते हैं. गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने भारत में बढ़ते पीड़ित मरीजों को देखते हुए नेशनल वायरल हेपिटाइटिस प्रोग्राम की शुरुआत की. यह प्रोग्राम बहुत ही अच्छे तरीके से पूरे भारतवर्ष में चल रहा है. इसके तहत बहुत सारे मरीज लाभान्वित हो रहे हैं और उन्हें इलाज मुहैया हो रहा है. उत्तर प्रदेश में लखनऊ के केजीएमयू को नोडल सेंटर स्थापित है. इसके अलावा बीएचयू मेरठ गोरखपुर झांसी एवं अन्य जिलों में भी मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर चल रहे हैं.


यह भी पढ़ें : पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हुए हमले के मामले में सुनवाई पूरी, 4 अगस्त को कोर्ट सुनाएगा फैसला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.