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Kakori Police Arbitrariness : थाने से 11 बार वापस लौटने वाली महिला का दर्ज हुआ मुकदमा, जानिए क्या है वजह

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Published : Feb 20, 2023, 10:42 PM IST

काकोरी थाना क्षेत्र के कठिंगरा गांव के पूर्व प्रधान पर व्हाट्सएप पर अभद्र मैसेज भेजे जाने का आरोप लगा कर एफआईआर दर्ज करने वाली महिला की फरियाद न सुनने पर महिला ने थाने के बाहर ही फांसी लगाने की धमकी दे डाली. इस दौरान महिला थाने के बाहर पेड़ पर रस्सी लेकर चढ़ गई. इसका संज्ञान आने पर पुलिस अधिकारियों ने आरोपी पूर्व प्रधान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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लखनऊ : काकोरी थाने के बाहर लगे पेड़ पर चढ़कर फांसी लगाने की बात कहने वाली महिला की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. महिला ने गांव के ही पूर्व प्रधान पर आरोप लगाते हुए कई दिनों से शिकायत लेकर वह थाने के चक्कर लगा रही थी, मगर पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी. एफआईआर दर्ज न किए जाने से परेशान होकर वह पेड़ पर चढ़ कर फांसी लगाने लगी थी.

थाने से 11 बार वापस लौटने वाली महिला का दर्ज हुआ मुकदमा
थाने से 11 बार वापस लौटने वाली महिला का दर्ज हुआ मुकदमा
बता दें, रविवार को काकोरी थाना अंतर्गत कठिंगरा गांव की रहने वाली एक महिला ने गांव के ही पूर्व प्रधान रिजवान पर उसके मोबाइल पर अभद्र मैसेज भेजे जाने की शिकायत पुलिस से की थी. महिला का आरोप है कि वह 11 बार से लगातार थाने के चक्कर काट रही है. इसके बावजूद पुलिस की ओर से अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. रिपोर्ट न लिखे जाने से परेशान महिला ने काकोरी थाने के बाहर पेड़ पर रस्सी लेकर चढ़ गई और कहने लगी अगर मेरी एफआईआर दर्ज नहीं हुई तो वह पेड़ पर ही फांसी लगाकर अपनी जान दे देगी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार अधिकारियों ने महिला को समझाकर नीचे उतारा और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. थाना प्रभारी काकोरी विजय कुमार यादव ने बताया कि महिला ने पूर्व प्रधान के ऊपर व्हाट्सअप पर अभद्र मैसेज भेजे जाने का आरोप लगाया था. जिसके आधार पर पूर्व प्रधान रिजवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर किया गया है. महिला द्वारा दिए गए व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट के मुताबिक मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.

वॉट्सएप या फेसबुक पर यह है खतरनाक : वॉट्सएप या फेसबुक पर कम्युनल मैसेज फॉर्वर्ड करना जिससे किसी को खतरा हो या किसी भी धर्म या जाति की भावनाओं को ठेस पहुंचे. या कोई दंगा भड़क जाए. अगर आप कसम खाते हैं या किसी के नाम पर गाली देते हैं तो उसे भी मानहानी के तहत माना जाएगा. सोशल मीडिया पर किसी को ऐसा कुछ कहा है जो आपके कैरेक्टर पर सवाल उठाता है तो आप आईटीएक्ट 2000 के सेक्शन 66A के सबसेक्शन A के तहत उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. कुछ भी ऐसी बात या मैसेज जिससे किसी इंसान की मानहानी होती है, रेप्युटेशन को नुकसान पहुंचता है उसे भी कानूनी माना जाएगा. किसी भी इंसान के बारे में कोई झूठी अफवाह फैलाना (वॉट्सएप या फेसबुक पर गॉसिप करना जिससे कैरेक्टर पर उंगली उठ सकती हो) भी साइबर क्राइम के अंतरगत आता है. बेइज्जती करने वाले शब्द या सिम्बल ऐसे जिससे कैरेक्टर को कोई नुकसान हो या सार्वजनिक तौर पर किसी इंसान की छवि खराब हो ऐसे शब्द भी डिफेमेशन माने जाएंगे. सोशल मीडिया या वॉट्सएप पर अगर कोई गालियां दे रहा है तो उसे भी साइबर क्राइम की श्रेणी में रखा जा सकता है. किसी की आपत्तीजनक फोटो फेसबुक पर डालना या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए वायरल करना भी साइबर क्राइम के अंतरगत आता है. अगर आप वॉट्सएप पर कोई फोटो फॉर्वर्ड करते हैं जिसके बारे में आपको पता ना हो तो या फिर जानकर आप किसी की गलत फोटो वायरल कर रहे हैं तो भी आपको जेल हो सकती है. इसमें फोटो मॉर्फ करना भी शामिल है. किसी भी इंसान की फोटो मॉर्फ करना या फिर किसी और के जरिए मॉर्फ की गई फोटो वायरल करना भी इस कैटेगरी में आता है. इस कैटेगरी में वो तस्वीरें भी आती हैं जिनमें किसी को कैंसर बताया जाता है तो किसी को रेलवे स्टेशन पर खोया हुआ बच्चा, ऐसी तस्वीरें आधी से ज्यादा फेक होती हैं. किसी को वॉट्सएप, फेसबुक या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर धमकी देना भी आपको भारी पड़ सकता है. ये सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर आपने ऐसी कोई बात कही है तो सामने वाला इंसान इसे आधार बनाकर आपके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकता है.

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