ETV Bharat / state

विवेचना की अवैधानिकता का ट्रायल पर कोई असर नहीं: हाईकोर्ट

author img

By

Published : Nov 23, 2021, 10:18 PM IST

'विवेचना की अवैधानिकता का ट्रायल पर कोई असर नहीं'
'विवेचना की अवैधानिकता का ट्रायल पर कोई असर नहीं'

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि असक्षम अधिकारी द्वारा की गई विवेचना से ट्रायल कोर्ट के सामने परीक्षण पर कोई असर नहीं पड़ता है.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि असक्षम अधिकारी द्वारा की गई विवेचना से ट्रायल कोर्ट के सामने परीक्षण पर कोई असर नहीं पड़ता है. न्यायालय ने कहा कि विवेचना सक्षम अधिकारी द्वारा ही की जानी चाहिए. लेकिन अगर ये असक्षम अधिकारी द्वारा भी की गई है और उक्त विवेचना के कारण न्याय के विफल होने की आशंका नहीं है, तो मात्र इस तकनीकी कमी के कारण ट्रायल प्रक्रिया को खारिज नहीं किया जा सकता.

ये निर्णय न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने नितेश कुमार वर्मा की याचिका पर पारित किया. याची का कहना था कि उसके और अन्य के खिलाफ मारपीट और गाली-गलौज की एनसीआर पीड़ित ने दर्ज कराई. इसके बाद में मजिस्ट्रेट के आदेश पर मामले की विवेचना शुरू हुई. विवेचना के दौरान पीड़ित और अन्य गवाहों के बयानों के आधार पर मामले में दुराचार के प्रयास का अपराध भी सामने आने पर आईपीसी की धारा 376, 511 बढ़ा दी गई और चार्जशीट दाखिल कर दी गई.

दलील दी गई कि उक्त विवेचना तत्कालीन हेड कांस्टेबल ने की थी, जबकि राज्य सरकार के साल 1997 के एक नोटिफिकेशन के तहत ऐसे गम्भीर मामले की विवेचना हेड कांस्टेबल द्वारा नहीं की जा सकती थी. न्यायालय ने मामले पर बहस सुनने के बाद पारित अपने विस्तृत निर्णय में कहा कि मामले में निचली अदालत द्वारा चार्जशीट पर संज्ञान लिया जा चुका है. वर्तमान में मामले का ट्रायल भी चल रहा है. न्यायालय ने कहा कि संज्ञान और ट्रायल को तब तक निरस्त नहीं किया जा सकता. जब तक कि यह संतुष्टि न हो जाए कि असक्षम अधिकारी द्वारा की गई विवेचना से न्याय की विफलता हो सकती है.

इसे भी पढ़ें- किसान आंदोलन के रवैये पर भजन सम्राट ने उठाये सवाल, कहा- पाक, चीन और खालिस्तानी संगठन था सक्रिय

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.