हाथरस कांड : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुकदमे के ट्रांसफर से किया इनकार

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Published : Aug 29, 2021, 11:03 PM IST

हाथरस कांड

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बहुचर्चि हाथरस कांड के मामले में मुकदमे को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने हाथरस मामले में स्वतः संज्ञान द्वारा 'गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार' टाइटिल से दर्ज जनहित याचिका पर आदेश पारित किया.

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बहुचर्चि हाथरस कांड के मामले में सुनवाई को स्थगित करने या कहीं अन्यत्र ट्रांसफर करने से फिलहाल इनकार कर दिया है. हालांकि न्यायालय ने कहा कि सीबीआई चाहे तो विचारण स्थानांतरित करने के लिए अलग से प्रार्थना पत्र दाखिल कर सकती है.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने हाथरस मामले में स्वतः संज्ञान द्वारा 'गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार' टाइटिल से दर्ज जनहित याचिका पर आदेश पारित किया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद न्यायालय पूरे मामले की मॉनीटरिंग भी कर रही है. पिछली सुनवाई 19 मार्च को पीड़ित परिवार की अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर हाथरस कोर्ट में उन्हें धमकी मिलने व सम्बंधित अदालत में मामले के विचारण के दौरान कुछ उपद्रवियों के द्वारा बाधा खड़ा करने का आरेप लगाया गया था. इसके बाद उन्होंने मौखिक रूप से कहा गया था कि ऐसे हालात में विचारण अन्यत्र ट्रांसफर कर दिया जाए. हालांकि इसके बाद कोविड महामारी के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो पाई. इस बार की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पूर्व के आदेश के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश हाथरस, एससी-एसटी एक्ट के विशेष जज व सीआरपीएफ की ओर से 5 मार्च 2020 की कथित घटना को लेकर प्रेषित जांच रिपोर्ट रिकॉर्ड पर लिया. न्यायालय ने रिपोर्ट को देखने के बाद कहा कि मामले में न तो विचारण पर स्थगन की आवश्यकता है और न ही उसे कहीं अलग ट्रांसफर करने की. मामले की संवेदनशीलता के कारण न्यायालय ने जांच रिपोर्ट्स का उल्लेख अपने आदेश में नहीं किया.

आपको बता दे कि हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में 14 सितंबर को चार दबंग युवकों ने 19 साल की दलित लड़की के साथ खेत में गैंगरेप किया था. शुरुआत में इस मामले में पुलिस ने लापरवाही भरा रवैया अपनाया और रेप की धाराओं में केस ना दर्ज करते हुए छेड़खानी का मुकदमा दर्ज किया और एक युवक को गिरफ्तार किया. जिसके बाद बाद उसके खिलाफ धारा 307 (हत्या की कोशिश) में मुकदमा दर्ज किया गया. लेकिन घटना के 9 दिन बीत जाने के बाद होश में आने पर पीड़िता ने अपने साथ हुई आपबीती अपने परिजनों को बताई. इसके बाद हाथरस पुलिस ने गैंगरेप का केस दर्ज आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. इस बीच पीड़िता की इलाज के दौरान दिल्ली में मौत हो गई. जिसके बाद पुलिस ने देर रात पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करा दिया. इस मामले के मीडिया में आने के प्रदेश में राजनीतिक भूचाल आ गया और ये मामला काफी दिनों तक मीडिया में सुर्खियां बना रहा. जिसके बाद सरकार ने पहले इस मामले की जांच की लिए एसआईटी का गठन किया और बाद में दबाव बढ़ने पर सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.

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