लखनऊ : राजधानी के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. अमित नायक का गुरुवार देर रात संदिग्ध हालात में मौत हो गई. पुलिस ने शुक्रवार सुबह कमरे का दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला. शव के पास कई इंजेक्शन पड़े थे. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह साफ होगी. मामला इंदिरानगर सेक्टर 14 का है. कुछ डॉक्टरों के मुताबिक ड्यूटी के प्रेशर की वजह से यह घटना हुई है. डाॅ. अमित नायक गोरखपुर के गगहा चवरियां गांव के रहने वाले थे.
ईएमओ डॉ. राहुल के मुताबिक डाॅ. अमित एमबीबीएस एनेस्थीसिया पीजी फर्स्ट ईयर में थे. सीनियर डॉ. दीपक दीक्षित ने इमरजेंसी ड्यूटी के लिए डाॅ. अमित को शुक्रवार सुबह 6:30 बजे फोन लगाया था, लेकिन फोन स्विच ऑफ था. इस पर उन्होंने सीनियर कंसल्टेंट इंचार्ज दीपक को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके बाद डाॅ. अमित के जानने वालों से उसके बारे में पता किया गया, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली. इसके बाद डॉ. शुभेंदु, डॉ. शोएब और डॉ. अनिल मौके पर (डाॅ. अमित के घर) पहुंचे. जहां दरवाजा खटखटाने पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. डॉक्टरों ने खिड़की से झांक कर देखा तो डॉक्टर बेड पर डाॅ. अमित अचेत अवस्था में पड़े थे. इसके बाद डॉक्टरों ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर डाॅ. अमित को बाहर निकाला. पुलिस आननफान डॉक्टर अमित को लोहिया अस्पताल ले गई. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अमित के परिजन दिल्ली के जहांगीरपुरी में रहते हैं. उन्हें सूचना दी गई है. वे लखनऊ के लिए रवाना हो गए हैं.
इधर डाॅक्टरों के मुताबिक लोहिया अस्पताल में जूनियर रेजीडेंट से डॉक्टर तक लगातार ड्यूटी से तनाव में हैं. शहर में ही रहकर कई-कई दिनों तक घर नहीं जा पाते हैं. इससे नींद तो दूर दैनिक दिनचर्या पूरी तरह से बिगड़ गई है. इसको लेकर कई बार जूनियर रेजीडेंट से लेकर डॉक्टर तक ने सीनियर से कई बार शिकायत की. कई बार विवाद की स्थिति बन गई, लेकिन उन्हें नौकरी और कॅरियर के नाम पर दबा दिया गया. डॉ. अमित की मौत के बाद दोबारा ड्यूटी को लेकर तनाव की बात सामने आ रही है. एक डॉक्टर के मुताबिक डाॅ. अमित को भी कई दिन से छुट्टी नहीं मिल रही थी. इससे उनकी नींद भी पूरी नहीं हुई थी. लगातार ड्यूटी से तनाव के चलते शायद उन्होंने किसी दवा की ओवरडोज ले ली हो, जिससे उनकी मौत हो गई.