लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) की सभी बसों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम डिवाइस (vehicle tracking system device) लगनी है. इससे बसों की लोकेशन ट्रैक हो सकेगी. रोडवेज प्रशासन की तरफ से वीटीएस लगाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे. टेंडर प्रक्रिया की आखिरी तारीख 23 दिसंबर है. इसके बाद जो कंपनी सफल होगी उसे रोडवेज बसों में वीटीएस लगाने का ठेका दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की 12 हजार बसों में जल्द ही व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके लिए परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ प्री बिड के लिए 16 कंपनियों के प्रतिनिधियों की बैठक हो चुकी है. अब तक कई कंपनियों ने यह डिवाइस बसों में लगाने के टेंडर के लिए आवेदन किया है. रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि बसों में वीटीएस लगने का फायदा यह होगा कि इससे कौन बस कहां पर है, इसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी. साथ ही अगर कोई ड्राइवर तेजी से बस चला रहा है तो उसे चेतावनी भी भेजी जाएगी. रैश ड्राइविंग करने के लिए ड्राइवर को दंडित किया जाएगा. अधिकारी बताते हैं कि उच्च क्वालिटी की वीटीएस डिवाइस इस बार बसों में लगाई जाएगी. तकनीकी का इस्तेमाल होगा जिससे बाहरी देश किसी कीमत पर बस का डाटा न ले पाएं. बसों की लोकेशन की मॉनिटरिंग करने के लिए परिवहन निगम मुख्यालय पर पहले से ही बने सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को और भी अत्याधुनिक किया जाएगा. इसका दायरा बढ़ाया जाएगा. यहीं से प्रदेश भर की बसों की मॉनिटरिंग होगी.
23 को फाइनल हो जाएगा टेंडर : परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (आईटी) यजुवेंद्र सिंह बताते हैं कि 16 कंपनियों ने प्री बिड की बैठक में हिस्सा लिया था. यह बैठक संपन्न हुई और इसके बाद टेंडर आमंत्रित किए गए. 23 दिसंबर आखिरी तारीख निर्धारित की गई है. उम्मीद है कि 16 कंपनियां तो टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेंगी ही अन्य भी कंपनियां टेंडर जरुर डालेंगी. जो भी बेहतर कंपनी होगी उसी को बसों में वीटीएस लगाने का ठेका दिया जाएगा. वीटीएस लगने से काफी फायदा मिलेगा.
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रोडवेज बसों में वीटीएस लगाने के लिए कई कंपनियों ने किया आवेदन, वीटीएस से पता चलेगी लोकेशन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की सभी बसों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम डिवाइस लगनी है. इससे बसों की लोकेशन ट्रैक हो सकेगी. रोडवेज प्रशासन की तरफ से वीटीएस लगाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे. टेंडर प्रक्रिया की आखिरी तारीख 23 दिसंबर है. इसके बाद जो कंपनी सफल होगी उसे रोडवेज बसों में वीटीएस लगाने का ठेका दिया जाएगा.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) की सभी बसों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम डिवाइस (vehicle tracking system device) लगनी है. इससे बसों की लोकेशन ट्रैक हो सकेगी. रोडवेज प्रशासन की तरफ से वीटीएस लगाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे. टेंडर प्रक्रिया की आखिरी तारीख 23 दिसंबर है. इसके बाद जो कंपनी सफल होगी उसे रोडवेज बसों में वीटीएस लगाने का ठेका दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की 12 हजार बसों में जल्द ही व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके लिए परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ प्री बिड के लिए 16 कंपनियों के प्रतिनिधियों की बैठक हो चुकी है. अब तक कई कंपनियों ने यह डिवाइस बसों में लगाने के टेंडर के लिए आवेदन किया है. रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि बसों में वीटीएस लगने का फायदा यह होगा कि इससे कौन बस कहां पर है, इसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी. साथ ही अगर कोई ड्राइवर तेजी से बस चला रहा है तो उसे चेतावनी भी भेजी जाएगी. रैश ड्राइविंग करने के लिए ड्राइवर को दंडित किया जाएगा. अधिकारी बताते हैं कि उच्च क्वालिटी की वीटीएस डिवाइस इस बार बसों में लगाई जाएगी. तकनीकी का इस्तेमाल होगा जिससे बाहरी देश किसी कीमत पर बस का डाटा न ले पाएं. बसों की लोकेशन की मॉनिटरिंग करने के लिए परिवहन निगम मुख्यालय पर पहले से ही बने सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को और भी अत्याधुनिक किया जाएगा. इसका दायरा बढ़ाया जाएगा. यहीं से प्रदेश भर की बसों की मॉनिटरिंग होगी.
23 को फाइनल हो जाएगा टेंडर : परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (आईटी) यजुवेंद्र सिंह बताते हैं कि 16 कंपनियों ने प्री बिड की बैठक में हिस्सा लिया था. यह बैठक संपन्न हुई और इसके बाद टेंडर आमंत्रित किए गए. 23 दिसंबर आखिरी तारीख निर्धारित की गई है. उम्मीद है कि 16 कंपनियां तो टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेंगी ही अन्य भी कंपनियां टेंडर जरुर डालेंगी. जो भी बेहतर कंपनी होगी उसी को बसों में वीटीएस लगाने का ठेका दिया जाएगा. वीटीएस लगने से काफी फायदा मिलेगा.
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