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ओपी राजभर को बड़ा झटका, कई नेताओं ने थामा निषाद पार्टी का दामन

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Published : Mar 4, 2023, 9:17 PM IST

सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के कई नेताओं ने ओपी राजभर का साथ छोड़ निषाद पार्टी का दामन थाम लिया है. वहीं, इस दौरान निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने सभी को सदस्यता दिलाई है.

निषाद पार्टी का दामन
निषाद पार्टी का दामन

लखनऊ: समाजवादी पार्टी और बीजेपी से राजनीतिक संबंध तोड़ चुके सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के कई नेता अब अपनी पार्टी का साथ छोड़ रहे है. शनिवार को पार्टी के करीब आधा दर्जन पदाधिकारियों ने निषाद पार्टी की सदस्यता को ग्रहण किया. निषाद पार्टी ज्वाइन करने वालों में सुभासापा के उपाध्यक्ष और सचिव शामिल है. इन सभी नेताओं को निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद ने सदस्यता दिलाई है.

इस मौके पर निषाद पार्टी सुप्रीमों संजय निषाद ने कहा कि सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर पार्टी की नीति और सिद्धान्तों से भटक गए हैं. उन्होंने कहा कि एक निजी यूट्यूब चैनल पर ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर द्वारा कश्यप समाज को भिखमंगा कहा, जिससे कश्यप, निषाद, केवट, मल्लाह, बिंद समेत अन्य सभी जातियां आहत हुई हैं. इसके चलते पार्टी के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं, समाज में द्वेषता फैलाने वालों की जनता आगामी चुनाव 2024 में सबक जरूर सिखाएगी.

शनिवार को राजधानी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी छोड़ कर निषाद पार्टी में शामिल होने वाले में रमाकांत कश्यप (राष्ट्रीय सचिव, सुभासपा), सीपी निषाद (प्रदेश उपाध्यक्ष, सुभासपा), विवेक शर्मा (प्रदेश महासचिव, सुभासपा) हैं. रमाकांत कश्यप ने निषाद पार्टी ज्वाइन करने के बाद कहा की वो और उनके साथी बीते कई दिनों से लगातार सुभासपा प्रमुख से देश की महान भिभूतियों पर की जा रही टिप्पणी को रोकने और सामाजिक समरसता को आगे बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन सामाजिक समरसता तो दूर की बात है. हमारे समाज में जन्मे ऋषि मुनियों को गाली देने की परम्परा शुरू कर दी है. अरुण राजभर को समझना होगा की महार्षि कश्यप एक वैदिक ऋषि थे. सप्त ऋषियों में से एक ऋषि हैं. महर्षि कश्यप और हम उनके वंशज होने के नाते हम अपने कुल का अपमान और अपमानित करने वालो के साथ एक पल साथ भी नहीं रह सकते. जिसके चलते हम सब आज सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं.

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