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किसानों की 'अंतिम अरदास' पर गरमाई सियासत, टिकैत निकालेंगे अस्थि कलश यात्रा

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Published : Oct 12, 2021, 9:03 AM IST

Updated : Oct 12, 2021, 10:16 PM IST

लखीमपुर खीरी में किसानों की अंतिम अरदास
लखीमपुर खीरी में किसानों की अंतिम अरदास

यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में चार किसान, एक पत्रकार और अन्य चार लोगों की मौत हुई थी. घटना में मृत चारों किसानों की 'अंतिम अरदास' (Antim Ardas) आज होगी. इस मौके पर प्रियंका-टिकैत समेत कई दिग्गजों का लखीमपुर में जमावड़ा है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम शहीद किसानों के अस्थि कलश यूपी के सभी 75 जिलों में लेकर जाएंगे.

लखीमपुर खीरी: जिले में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में मारे गए किसानों की 'अंतिम अरदास' (Antim Ardas) आज मंगलवार को शुरू हो चुका है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की अगुआई में बड़ी तादाद में किसान यहां जुटे हैं. कार्यक्रम के पहले भोग के बाद 'अंतिम अरदास' का कार्यक्रम शुरू हो चुका है. इसके पहले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने पूरे देश से किसानों को लखीमपुर पहुंचने का आह्वान किया है. वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी लखीमपुर खीरी के लिए निकल चुकी हैं. वे भी किसानों के 'अंतिम अरदास' में हिस्सा लेंगी. वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम शहीद किसानों के अस्थि कलश यूपी के सभी 75 जिलों में लेकर जाएंगे. देश के अलग-अलग प्रदेशों में भी किसानों के अस्थि कलश ले जाए जाएंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा का दावा है कि 50 हजार से ज्यादा किसान खीरी पहुंचेंगे. तिकुनियां गांव के पहले ही खेतों को खाली कराकर भारी-भरकम पंडाल लगाया गया है. किसान नेता राकेश टिकैत रात में ही व्यवस्थाओं को सुचारू करने के लिए तिकोनिया पहुंच चुके हैं. 18 गाड़ियों के साथ राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी के तिकुनिया पहुंचे हैं. आरएलडी नेता जयंत चौधरी भी समर्थकों के साथ लखीमपुर के लिए रवाना हो चुके हैं.

जानकारी देते किसान नेता राकेश टिकैत.

इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन के तमाम पदाधिकारी भी तिकोनिया पहुंच चुके हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेताओं के भी पहुंचने के आसार हैं. 'अंतिम अरदास' में कई राजनैतिक दलों के बड़े नेता भी एक एक करके पहुंच रहे हैं. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने किसी राजनैतिक दल को मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी है, लेकिन शोक प्रकट करने और आने की अनुमति है.

लखीमपुर खीरी में सुरक्षा चाक-चौबंद.
लखीमपुर खीरी में सुरक्षा चाक-चौबंद.


तिकोनियां और जिले में शांति व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिए आरएएफ और एसएसबी पैरामिलिट्री को भी भेजा गया है. भारी संख्या में पीएसी को भी तैनात किया गया है. सभी थानों की पुलिस और आस-पास के जिलों से भी पुलिस बल को बुलाया गया है. करीब 20 से 22 आईपीएस खीरी जिले में इस वक्त हैं. एक तरफ किसानों को थार से कुचलने के मामले में पुलिसिया जांच चल रही है. वहीं दूसरी तरफ किसान गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर आज एकजुट हो रहे हैं. भोग और अंतिम अरदास के बाद संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन को लेकर कुछ बड़े एलान भी करेगा और रणनीति का खुलासा भी करेगा.

लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी

संयुक्त किसान मोर्चा ने कॉल किया है कि जब तक गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा नहीं हो जाता, तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा. राकेश टिकैत ने तिकोनियां पहुंचकर बयान दिया है कि गृह राज्यमंत्री भी इस केस में शामिल हैं. इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो.

लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी


आज राष्ट्रपति से मिल सकती हैं प्रियंका गांधी


3 अक्टूबर को तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में लगातार सियासी दल भी मुखर होते चले जा रहे हैं. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस की ओर से भी बड़े बयान जारी किए गए हैं. इस पूरे मामले में कांग्रेस से प्रियंका गांधी काफी मुखर रही हैं. यहां सभी पार्टियां अपना राजनीतिक नफा देख रही हैं. प्रियंका गांधी किसान न्याय के नाम से लगातार संघर्ष कर रही हैं. वहीं मंगलवार को प्रियंका गांधी किसानों के 'अंतिम अरदास' में पहुंचने के अलावा कांग्रेस डेलिगेशन के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिल सकती हैं.

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लखीमपुर खीरी में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी के बगैर आंदोलन नहीं रुकेगा. उन्होंने कहा कि अभी तो सरकार का टेस्ट होना है. उन्होंने कहा मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी को रेड कारपेट की गिरफ्तारी थी. टिकैत ने कहा जिस तरीके से मंत्री के बेटे को गिरफ्तार किया गया है उससे नहीं लगता की जांच निष्पक्ष हो पाएगी. राकेश टिकैत ने कहा की कृषि कानूनों के लिए चल रहा आंदोलन तो चलता ही रहेगा, लेकिन लखीमपुर के पांच किसानों की मौत का यह मामला भी किसान दबने नहीं देंगे. जब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी नहीं हो जाती और वह जेल नहीं चले जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा. राकेश टिकैत ने कहा कि हम इन शहीद किसानों के अस्थि कलश यूपी के सभी 75 जिलों में लेकर जाएंगे. देश के अलग-अलग प्रदेशों में भी किसानों के अस्थि कलश ले जाए जाएंगे.

Last Updated :Oct 12, 2021, 10:16 PM IST
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