लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रक्षा और एयरोस्पेस यूनिट लगाने के लिए डिफेंस कॉरिडोर में जमीन का आवंटन शुरू हो गया है. लखनऊ से अलीगढ़ तक सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक उद्योगपतियों को भी जमीन आवंटित की गई है. इसके लिए जमीन की सर्वाधिक मांग अलीगढ़ जिले में है. यहां 20 कंपनियों को जमीन की रजिस्ट्री भी की जा चुकी है. अभी सबसे अधिक जमीने लखनऊ और कानपुर में खाली हैं.
सिर्फ रक्षा उपकरणों से संबंधित उद्योगों को मिलेगी जमीन
डिफेंस कॉरिडोर में जमीन आवंटन के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शिरीष चंद्र वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है. जिसमें सेना के कर्नल स्तर का एक अधिकारी भी शामिल है. आवंटन से पूर्व एक तकनीकी समिति संबंधित कंपनी के प्रस्ताव का परीक्षण करती है. इसके बाद ही आवंटन समिति संबंधित कंपनी को जमीन आवंटित करती है. कॉरिडोर के लिए अलीगढ़ के अलावा झांसी-चित्रकूट कानपुर और लखनऊ में भी जमीनें अधिग्रहित की गई हैं. अब तक कुल 1321 हेक्टेयर से अधिक जमीन खरीदी जा चुकी है, जबकि 3796 हेक्टेयर जमीन खरीदने का लक्ष्य है. रक्षा गलियारे को वायु रेल सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है.
ऐसे बना डिफेंस कॉरिडोर
भारत सरकार ने 2018 में उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारे की स्थापना की घोषणा की थी. 11 अगस्त 2018 को अलीगढ़ में 3700 करोड़ के निवेश की घोषणा के साथ इसकी शुरुआत हुई. राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया. निर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए अब तक 35 समझौते पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं. इसके तहत 5071 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव है.
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