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केजीएमयू को मिली 50 से अधिक मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी को डेवलप करने की जिम्मेदारी

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Published : Jul 24, 2023, 11:17 PM IST

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) को यूजीएमईबी-एनएमसी ने नोडल सेंटर घोषित कर दिया है. ऐसे में अब 50 से अधिक मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी को डेवलपमेंट करने की जिम्मेदारी केजीएमयू को मिली है.

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केजीएमयू को मिली 50 से अधिक मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी को डेवलप करने की जिम्मेदारी .

लखनऊ : विश्वभर में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) अपनी बेहतर चिकित्सा के लिए जाना जाता है. अब मेडिकल एजुकेशन के लिए केजीएमयू को यूजीएमईबी-एनएमसी ने नोडल सेंटर घोषित कर दिया है. किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के चिकित्सा शिक्षा विभाग को एनएमसी द्वारा नोडल केंद्र में अपग्रेड किया गया है. नेशनल मेडिकल कमीशन के तहत वर्ष 2011 से केजीएमयू में मेडिकल एजुकेशन प्रोग्राम चला रहा है. अब 50 से अधिक मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी को डेवलपमेंट करने की जिम्मेदारी केजीएमयू को मिली है. केजीएमयू के ब्राउन हॉल में सोमवार को कार्यक्रम आयोजित हुआ. इसमें 30 प्रतिभागी उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में संकाय अध्यक्ष हैं.

केजीएमयू को मिली जिम्मेदारी.
केजीएमयू को मिली जिम्मेदारी.



यूजीएमईबी-एनएमसी की अध्यक्ष प्रो. अरुणा वी. वाणीकर ने कहा कि इन जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी देश के सबसे मेडिकल यूनिवर्सिटी है. अभी देश में मेडिकल टीचर्स बढ़ते जा रहे हैं हमें यह देखना है कि देश के मेडिकल टीचर्स न केवल स्टूडेंट्स को पढ़ाएं और अच्छे विद्यार्थी बनाएं. यह जो टीचर्स ट्रेंड होंगे पूरी दुनिया में इनका नाम रोशन करेंगे और इनकी ट्रेनिंग के लिए केजीएमयू रीजनल सेंटर भी था. उसका बेहतर काम और दायित्व को देखते हुए केजीएमयू को नोडल सेंटर घोषित किया है. अब केजीएमयू को और ज्यादा जिम्मेदारी मिली है. इसके तहत केजीएमयू डॉक्टर्स को ट्रेंड करेंगे, ताकि वह और अच्छा पढ़ाएं.

केजीएमयू को मिली 50 से अधिक मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी को डेवलप करने की जिम्मेदारी
केजीएमयू को मिली 50 से अधिक मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी को डेवलप करने की जिम्मेदारी


केजीएमयू कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि केजीएमयू के अच्छे कामों को देखते हुए डॉक्टरों को ट्रेंड करने की जिम्मेदारी के अलावा यूजीएमईबी-एनएमसी ने केजीएमयू को नोडल सेंटर घोषित किया गया है, जो अपने आप में एक बड़ी बात है. ऐसा होने से बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. नेशनल मेडिकल कमिशन के तहत वर्ष 2011 से केजीएमयू में मेडिकल एजुकेशन प्रोग्राम चला रहे हैं. अब 50 से अधिक मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी को डेवलपमेंट करना है. यह अपने आप में बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन हम समझते हैं कि मेडिकल एजुकेशन की तरफ केजीएमयू प्रशासन ने सालों से काम किया है. जहां पर हमने अपने टीचर्स, फेकल्टी और मेडिकल एजुकेशन की नई टेक्नोलॉजी को समझाई है. फेकल्टी प्रोग्राम भी आयोजित किए हैं. यह सभी चीजें हमारे केजीएमयू की बड़ी उपलब्धियां हैं.

केजीएमयू के ब्राउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागी.
केजीएमयू के ब्राउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागी.



यूजीएमईबी-एनएमसी के सदस्य प्रो. विजयेंद्र कुमार ने कहा कि केजीएमयू विश्व भर में अपनी बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए जाना जाता है. यह जो टीचर्स है उन्हें गुरु बनाना है और यह जो मैनपावर है वह विश्व में जाना जाने वाला है. जैसे सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी विश्व में हम नंबर वन है वैसे ही आगे आने वाले सालों में मेडिकल ग्रैजुएट्स की इतनी संख्या बढ़ी है कि वह मेडिकल मैनपावर में हम नंबर वन बनने वाले हैं पूरे विश्व का हेल्थ हमारे हाथ में आने वाला है तो उसके लायक यानी कि उसके योग्य डॉक्टर्स बने उसकी जिम्मेदारी मेडिकल एजुकेशन यूनिट की है. मेडिकल एजुकेशन के लिए केजीएमयू विश्व में जाना जाता है और अब वह विश्व में मेडिकल एजुकेशन के लिए ब्रांड के रूप में आगे आएगा. इसके हिसाब से केजीएमयू और पुदुचेरी को रीजनल सेंटर से नोडल सेंटर में बदला गया है. सालों साल इसका असर देखने को मिलेगा.

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