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यूपी के पुलिसकर्मियों की करतूत से बार-बार दागदार हो रही खाकी, अपराधियों से ज्यादा किए घिनौने काम

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 11, 2023, 5:26 PM IST

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मर्डर, लूटपाट, हिंसा, उगाही का नाम आते ही अपराधियों की छवि दिमाग में आती है, लेकिन हम बात कर रहे हैं अपराधी यूपी पुलिस की. जी हां, उत्तर प्रदेश पुलिस के कई कारनामे ऐसे हैं जिनसे महकमे की छवि अपराधियों से कमतर नहीं है.

लखनऊ : बीती 29 नवंबर को आजमगढ़ के बिजनौर से राजधानी लखनऊ में तैनात पुलिसकर्मी कपड़ा व्यापारी को लखनऊ ले आए और फिर यहां एक गेस्ट हाउस में ले जाकर उसके साथ लूटपाट की. किसी तरह जान छुड़ा कर व्यापारी ने हसनगंज थाने में तहरीर दी, लेकिन वहां भी उसकी सुनवाई नहीं हुई. जब यह बात उच्च अधिकारियों तक पहुंची तो दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ उन्हीं के थाने में एफआईआर दर्ज की गई. हालांकि इसी तरह के कई मामले यूपी पुलिस ने किए जो महकमे के लिए शर्मिंदगी की वजह बन गए. एक नहीं बल्कि कई घटनाओं में पुलिस अपराधी बनकर उभरी और लूटपाट, हिंसा, मर्डर जैसी संगीन घटनाओं को अंजाम दिया.

पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश.
पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश.



जिस थाने में तैनात है वहीं दारोगा सिपाही पर दर्ज हुई FIR : ताजा मामला है लखनऊ का है. 29 नवंबर को आजमगढ़ के बिजनौर भोगनवाला निवासी कपड़ा व्यापारी इश्तियाक को कुछ लोग खुद को पुलिसकर्मी बता कर लखनऊ के एक गेस्ट हाउस लाए. यहां उसके साथ लूटपाट की किसी तरह व्यापारी जान बचाते हुए निकला और हसनगंज थाने में शिकायत की. जांच में सामने आया कि व्यापारी के साथ लूट करने वाला हसनगंज थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर अनुराग द्विवेदी, सिपाही यूसुफ और बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव शामिल थे. विभाग की संलिप्तता आने पर हसनगंज इंस्पेक्टर ने मामले को रफा दफा करने की कोशिश करने लगा. सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची तो दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर जेल भेजा गया. मामले को छुपाने और कार्रवाई न करने वाले हसनगंज इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया.

  • वीडियो वायरल करने में नपे : 8 सितंबर को राजधानी के आलमबाग थाने में तैनात तैनात रहे सब इंस्पेक्टर अमरेश सिंह पर एक महिला ने आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई कि आरोपी दारोगा उसे एक होटल में कई बार ले कर गया. जहां आपत्तिजनक स्थिति में उसका वीडियो बनाया और फिर उसे ब्लैकमेल करने लगा. वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी में आने के बाद दारोगा के खिलाफ उसी के थाने में एफआईआर दर्ज की गई.
  • एसटीएफकर्मी बनकर ऐंठ ली थी रकम : 16 अप्रैल 2022 को राजधानी के मड़ियांव थाने के तीन पुलिसकर्मियों ने इलाके के एक प्रॉपर्टी डीलर को रोका और उसे खुद को एसटीएफ कर्मी बताकर 19 हजार रुपये लूट लिए. इतना ही नहीं कार्रवाई से बचाने के लिए प्रॉपर्टी डीलर से पांच लाख की डिमांड करने लगे. बाद में जब आरोपी पुलिसकर्मियों का राज खुला तो तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई.
  • मई 2022 को राजधानी में तैनात दो कांस्टेबल ने चौक इलाके में बर्थडे पार्टी कर रहे कुछ युवकों को जेल भेजने को धमकी दी और फिर उनके पास मौजूद 15 हजार रुपये छीन लिए. पीड़ित युवक ने इस पूरे वारदात को कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया में वायरल कर दिया. जिसके बाद दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर जेल भेजा गया.
  • 27 सितम्बर 2021 को कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर गए थे. मनीष जिस होटल में अपने दोस्तों के साथ रुके हुए थे, वहां पुलिस ने छापेमारी की और वहां मनीष की पीट-पीट कर हत्या कर दी. इस मामले में थाना प्रभारी समेत छह पुलिसकर्मियों को जेल भेजा गया.
  • महोबा में खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार की वसूली से परेशान था. एसपी व्यापारी को धमकी देता था कि यदि वसूली को रकम समय से नहीं पहुंची तो उसे फर्जी मुकदमे में जेल भेज दिया जाएगा. आखिर में धमकियों से व्यापारी आजिज आ गया तो उसने सुसाइड कर लिया. आईपीएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. दो वर्ष बाद उसे जेल भेजा गया अब वह बर्खास्त हो चुका है.
  • नोएडा में सेक्टर 44 में पुलिस राहगीरों को दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने की धमकी देती है और फिर उनसे पैसे वसूलती थी. इसकी जानकारी एसएसपी को मिलने पर चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर मुकदमा दर्ज करवाया गया.
  • राजधानी लखनऊ के 8 पुलिसकर्मियों ने वर्ष 2021 में लखनऊ से कानपुर जाकर सट्टेबाजी के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया और फिर उससे 40 लाख रुपये लूट लिए. पीड़ित ने वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की तो उसकी सुनी नहीं गई. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. हालांकि इस मामले को बाद में रफा दफा कर दिया गया.
  • अक्टूबर 2021 को अयोध्या में एक महिला बैंककर्मी ने खुदकुशी कर ली और सुसाइड नोट लिख कर इसका जिम्मेदार आईपीएस आशीष तिवारी, विवेक गुप्ता और एक अन्य पुलिसकर्मी अनिल रावत को बताया. इस मामले में तीनों के खिलाफ हत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया था.
  • वर्ष 2018 को लखनऊ में एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक त्रिपाठी को दो सिपाहियों ने तलाशी लेने के बहाने परेशान किया. जिसका विरोध करने पर सिपाही संदीप ने विवेक की गोली मार कर हत्या कर दी.
  • वर्ष 2013 में राजधानी लखनऊ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर संजय राय ने इकतरफा प्यार के चलते एक ट्रेनी महिला सब इंस्पेक्टर के मासूम ममेरे भाई को गोलियों से छलनी करवा दिया था. छानबीन के बाद इंस्पेक्टर संजय राय पर हत्या का मामला दर्ज हुआ और जेल जाना पड़ा.
  • ललितपुर में 13 साल लड़की अपने साथ हुए दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने थाने गई थी. 27 अप्रैल 2022 को उसे पाली थाने में इंस्पेक्टर तिलकधारी सरोज ने बयान के लिए बुलाया और कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. नाबालिग को जब चाइल्ड लाइन को सौंपा गया तो मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद आरोपी इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया.



ठेकेदार को पुलिस चौकी पर बुलाया वसूली की फिर दिया थर्ड डिग्री टॉर्चर : आठ माह पहले लखनऊ के सरोजनीनगर थाना अंतर्गत आने वाली बदली खेड़ा चौकी के प्रभारी दिनेश कुमार और सिपाही रवि ने 21 अप्रैल की रात नादरगंज के रहने वाले ठेकेदार सुधीर मौर्य को पुलिस चौकी पर बुलाया. जहां उससे घर निर्माण करने के एवज में छह लाख रुपये की डिमांड की. ठेकेदार के पैसे देने से मना करने पर दारोगा और सिपाही ने रात भर दारोगा उसकी पिटाई की और उसे हवालात में बंद कर दिया. इतना ही नहीं उसे छोड़ते समय उसके यूपीआई से 15 हजार रुपये भी ट्रांसफर करा लिए. आलाधिकारियों तक बात पहुंचने पर दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए उन्हीं के थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया.




कानपुर में व्यापारी से पुलिस ने लूट लिए पैसे : फरवरी माह में कानपुर देहात के सिकंदरा के रहने वाले कारोबारी सत्यम शर्मा रात को पांच लाख 30 हजार रुपये लेकर उन्नाव से अपने घर आ रहा था. तभी एक ढाबे के पास कानपुर के डीसीपी वेस्ट कार्यालय में तैनात दारोगा यतीश कुमार, हेड कांस्टेबल अब्दुल और सचेंडी थाने में तैनात दारोगा रोहित सिंह ने कारोबारी की गाड़ी रुकवाई. कारोबारी को सभी पुलिसकर्मियों ने धमकाया और मारपीट कर 5 लाख 30 हजार रुपये लेकर फरार हो गए. मामला कमिश्नर कानपुर तक पहुंचने पर तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर गिरफ्तार करवाया गया.







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