लखनऊ: गैंगस्टर की विशेष अदालत ने जिला कारागार के एक चक्राधिकारी व लंबरदार पर एक मुल्जिम से अप्राकृतिक दुष्कर्म करने के कथित मामले में दाखिल अर्जी को प्रकीर्ण वाद के रुप में दर्ज करने का आदेश दिया है. साथ ही इस मामले को निस्तारण के लिए सीजेएम की अदालत को भेज दिया है.
बीते 2 अगस्त को थाना विभुतिखंड से गैंगस्टर के एक मामले में निरुद्ध मुल्जिम ने विशेष अदालत में यह अर्जी दाखिल की थी. वह जेल से पेशी पर आया था. उसने अपनी अर्जी में जेल के एक चक्राधिकारी व लंबरदार पर अपने साथ अप्राकृतिक दुराचार करने का कथित आरोप लगाया. इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की मांग की है. उसके साथ जेल में हुई यह कथित घटना 26 जुलाई की है. उसने इस अर्जी में कहा है कि वह गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन बारी-बारी जबरिया उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया गया. उसे च्रकाधिकारी ने धमकी भी दी है कि यदि इसकी शिकायत किसी से भी करोगे, तो तुम्हें जेल में फांसी लगाकर मार डालेंगे.
गैंगस्टर की विशेष अदालत ने इस मामले में जेल अधीक्षक को व्यक्तिगत रुप से स्पष्टीकण के लिए उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन 3 अगस्त को वह उपस्थित नहीं हुए. लिहाजा विशेष अदालत ने उनके इस कृत्य को अवमानना करार देते हुए उन्हें 5 अगस्त को व्यक्तिगत रुप से तलब किया था. बीते शुक्रवार को अदालत के इस आदेश के अनुपालन में जेल अधीक्षक उपस्थित हुए थे. साथ ही इस पूरे मसले पर अपना स्पष्टीकरण भी दिया था. मुल्जिम के वकील मधुकर मिश्रा के मुताबिक सीजेएम की अदालत में इस मामले की सुनवाई 8 अगस्त को होगी.
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