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आरोग्य मेले में बुखार मरीजों के सैंपल एलाइजा जांच के लिए बड़े सेंटर भेजे जाएंगे, प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच शुल्क तय

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 11, 2023, 6:33 PM IST

डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखते हुए स्वास्थ्य विभाग जांच व इलाज को लेकर अलर्ट मोड पर है.

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लखनऊ : प्रदेश में डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग जांच व इलाज को लेकर अलर्ट मोड में है. सभी सरकारी अस्पतालों में जांच और इलाज के पुख्ता इंतजाम के अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों द्वारा प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच शुल्क निर्धारित कर दिये गये हैं. साथ ही रविवार को लगने वाले आरोग्य मेले में बुखार मरीजों के सैंपल, एलाइजा जांच के लिए बड़े सेंटर पर भेजने के निर्देश दिये गये हैं.

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि 'हर साल की भांति इस साल भी डेंगू मरीज बढ़ रहे हैं. लखनऊ, कानपुर, गोंडा, बस्ती और बहराइच समेत कई जिलों में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. संख्या बढ़ने का दूसरा कारण है कि पहली बार प्राइवेट पैथोलॉजी ने भी स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर पॉजिटिव मरीजों की संख्या अपडेट करनी शुरू कर दी है. सरकारी और प्राइवेट पैथोलॉजी के मरीजों की संख्या मिलने से शनिवार तक पूरे प्रदेश में अब तक करीब 3600 मरीज मिल चुके हैं. बीते रविवार को 97 मरीज मिले थे.'

उन्होंने बताया कि 'आरोग्य मेला में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जांच किट कम पड़ रही हैं, इसलिए डेंगू मरीजों की शत-प्रतिशत पुष्टि हो, इसके लिए सीबीसी जांच व डेंगू एलाइजा टेस्ट कराने के निर्देश दिये गये हैं. मेले में आने वाले मरीजों के सैंपल इकठ्ठा कर उच्च संस्थान स्थित लैब में भेजे जायेंगे, जांच में पुष्टि होने के बाद रोगी को अवगत कराने के साथ ही इलाज भी दिया जा रहा है.'

इन अस्पतालों में बढ़े मरीज : हजरतगंज स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में बीते एक हफ्ते में त्वचा रोग विभाग की ओपीडी में 35 प्रतिशत मरीज बढ़े हैं. बलरामपुर अस्पताल में 20 से 30 फीसदी तो लोकबंधु अस्पताल में 30 फीसदी मरीज ज्यादा आ रहे हैं, कहीं लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि 'इस समय अस्पताल में कंजक्टिवाइटिस के रोजाना 40 से 50 आ रहे हैं, वहीं सिविल अस्पताल में 35 से 50 मरीज आ रहे हैं, बलरामपुर अस्पताल में भी आई फ्लू के मरीज काफी बढ़े हैं.'



बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल अग्निहोत्री ने बताया कि 'यहां कंजक्टिवाइटिस के रोजाना सात से आठ मरीज ही आ रहे हैं. बिना इलाज फंगल इंफेक्शन ठीक नहीं होता है. इस मौसम में कीड़ों के काटने से भी फंगल इफेक्शन स्किन एलर्जी होती है. इससे त्वचा में सूजन और रैशेज हो सकते हैं. कभी-कभी जी मिचलाना या हल्का बुखार भी हो सकता है.'

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