लखनऊ : सिविल अस्पताल में संतान न होने की परेशानी से जूझ रहीं महिलाओं के लिए इनफर्टिलिटी क्लीनिक की शुरुआत की गई थी, लेकिन इसका फायदा मरीजों को नहीं मिल रहा है. जिस डॉक्टर पर इस विभाग की जिम्मेदारी थी, वो डॉक्टर ही रिटायर हो गई हैं और क्लीनिक पूरी तरह ठप हो गया है. क्लीनिक में कुछ महिला रोग विशेषज्ञ तो हैं, लेकिन क्लीनिक में कोई काम नहीं होता है. सबसे खास बात ये है कि यहां पर जो जांचें विशेषज्ञ कराने के लिए बोलती हैं वह जांच ही अस्पताल में नहीं होती है.
सिविल अस्पताल के डायरेक्टर डाॅ. नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि 'इनफर्टिलिटी क्लीनिक डॉ. अनीता नेगी की देखरेख में शुरू की गई थी. फिलहाल वह अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं. उनके रिटायर होने के बाद फिलहाल क्लीनिक में कोई महिला रोग विशेषज्ञ नहीं है.' उन्होंने कहा कि 'क्लीनिक को नई डॉक्टर मिल गई हैं और जल्द ही क्लीनिक दोबारा शुरू किया जाएगा.' इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि 'तीन महिला रोग विशेषज्ञ जो इस समय इनफर्टिलिटी क्लीनिक में तैनात हैं उनको एक महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेज दिया गया है.'
अन्य जिला अस्पताल में नहीं है इनफर्टिलिटी क्लीनिक : बता दें कि राजधानी लखनऊ के जिला अस्पतालों में कहीं भी इनफर्टिलिटी क्लीनिक नहीं खोला गया है. हजरतगंज में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल ही एक मात्र ऐसा अस्पताल है जहां पर संतान सुख से वंचित दंपत्ति के बारे में सोचा गया और यहां पर इनफर्टिलिटी क्लीनिक शुरू की गई. अस्पताल के निदेशक का कहना है कि 'जल्द ही सारी सुविधाएं महिलाओं को यहां पर मिल पाएंगी. धीरे-धीरे करके चीजों को व्यवस्थित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाकी अस्पतालों में इनफर्टिलिटी क्लीनिक क्यों नहीं हैं इसके बारे में तो हम नहीं कह सकते हैं, लेकिन जिला अस्पतालों में होना जरूर चाहिए.'
50 से अधिक पहुंच रहीं महिलाएं : सिविल अस्पताल स्थित इनफर्टिलिटी क्लीनिक में संतान सुख न प्राप्त कर पाने वाली करीब 50 से अधिक महिलाएं रोजाना इलाज के लिए पहुंच रही हैं. इन दंपत्तियों में अस्पताल में इनफर्टिलिटी क्लीनिक होने के कारण एक उम्मीद तो जगती है, लेकिन महिला रोग विशेषज्ञ न होने की वजह से उम्मीदें टूट जाती हैं.
आईवीएफ (IVF) प्रणाली है महंगी : बताते चलें कि निजी सेंटरों पर आईवीएफ प्रणाली काफी महंगी पड़ती है. जिसमें करीब चार से पांच लाख रुपये खर्च करना पड़ता है. जो संपन्न परिवार से है उन्हें इस विधि द्वारा ट्रीटमेंट कराने में कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन वह दंपत्ति ताउम्र निसंतान रहते हैं जिनके पास लाखों रुपए नहीं हैं. बरेली की रहने वाली दीप्ति यादव सोमवार को सिविल अस्पताल की इनफर्टिलिटी क्लीनिक पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने महिला रोग विशेषज्ञ से बातचीत की. उन्होंने बताया कि 'हमें एक रिश्तेदार ने बताया कि लखनऊ के सिविल अस्पताल में इनफर्टिलिटी क्लीनिक की शुरुआत हुई है जहां पर हम दिखा सकते हैं. महिला ने कहा कि बड़ी उम्मीद से हम यहां पर आए, लेकिन यहां पर जरूरी जांचें नहीं हो पाएंगी. इसके लिए उन्होंने क्वीन मैरी अस्पताल के लिए कहा है. महिला ने यह भी बताया कि मौजूदा समय में क्वीन मेरी महिला अस्पताल में भी इनफर्टिलिटी से संबंधित ट्रीटमेंट कुछ समय के लिए बंद किया गया है. ऐसे में यहां पर आना हमारा मकसद सफल नहीं हुआ.'
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