लखनऊः अयोध्या में आयोजित होने वाली राम बारात यात्रा में इस बार भारत नेपाल मैत्री बस सेवा का संचालन नहीं हो पाएगा. परमिट की कार्रवाई अधूरी रह जाने के कारण इस बस सेवा का ऑपरेशन नहीं हो पाएगा. दरअसल पिछले साल ही लखनऊ से जनकपुर के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बस सेवा का उद्घाटन किया था. बस चलाने का मकसद यही था कि भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के बारे में नेपाल के लोग जान सकें.
राम बारात उत्सव के दौरान भी नहीं संचालित होगी भारत नेपाल मैत्री बस
- भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा के तहत अयोध्या-जनकपुर के बीच जनरथ बस को सीएम योगी ने एक साल पहले लखनऊ के आलमबाग बस स्टेशन से हरी झंडी दिखायी थी.
- परिवहन विभाग की सुस्त कार्य प्रणाली के चलते राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने निर्धारित समय सीमा के अंदर परमिट जारी नहीं किया.
- राम बारात जैसे विशाल आयोजन की जानकारी एसटीए को मिली तो आनन-फानन में दोबारा परमिट जारी की जाएगी.
- रोडवेज प्रबंधन के तैयार होने के बावजूद यह मैत्री बस सेवा ऐन मौके पर शुरू नहीं की जा सकेगी.
- इस आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा तमाम कैबिनेट मंत्री और नेपाल से शाही परिवार भी शामिल होने आएगा.
- राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि मंगलवार शाम तक हमारी तरफ से परमिट जारी कर दिया गया.
हर पांचवें साल निकाली जाती है राम बारात
- राम बारात विश्व हिंदू परिषद व विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त तत्वावधान में अयोध्या (भारत-रामनगरी) से जनकपुर (नेपाल-सीतानगरी) के बीच निकाली जायेगी.
- यह राम बारात हर पांचवें साल निकाली जाती है.
- इस दौरान 108 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह भी सम्पन्न कराया जायेगा.
- राम बारात विधि-विधान के साथ अवध से जनकपुरी के लिये जायेगी और फिर वहां से वापस भी लौटेगी.
अगर यही परमिट समय रहते मिल गया होता, तो इस अन्तर्राष्ट्रीय बस सेवा के संचालन के मद्देनजर भारत व नेपाल सरकार से अप्रूवल ले लेते. ऐसे भव्य आयोजन में बस का संचालन शुरू करा देते.
-डॉ राजशेखर, प्रबंध निदेशक, यूपीएसआरटीसी