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लखनऊः राम बारात यात्रा में इस बार नहीं दिखेगी भारत नेपाल मैत्री बस

राम बारात 21 नवंबर को अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए रवाना होगी. 10 माह तक भारत नेपाल मैत्री बस का संचालन हुआ, लेकिन अब यह बस सेवा सितंबर माह से परमिट खत्म हो जाने के चलते ठप पड़ी हुई है. जिससे भारत और नेपाल के लोगों को मायूसी देखने को मिली.

डॉ राजशेखर, प्रबंध निदेशक, यूपीएसआरटीसी
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Published : Nov 21, 2019, 8:47 AM IST

लखनऊः अयोध्या में आयोजित होने वाली राम बारात यात्रा में इस बार भारत नेपाल मैत्री बस सेवा का संचालन नहीं हो पाएगा. परमिट की कार्रवाई अधूरी रह जाने के कारण इस बस सेवा का ऑपरेशन नहीं हो पाएगा. दरअसल पिछले साल ही लखनऊ से जनकपुर के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बस सेवा का उद्घाटन किया था. बस चलाने का मकसद यही था कि भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के बारे में नेपाल के लोग जान सकें.

जानकारी देते डॉ राजशेखर, प्रबंध निदेशक, यूपीएसआरटीसी.

राम बारात उत्सव के दौरान भी नहीं संचालित होगी भारत नेपाल मैत्री बस

  • भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा के तहत अयोध्या-जनकपुर के बीच जनरथ बस को सीएम योगी ने एक साल पहले लखनऊ के आलमबाग बस स्टेशन से हरी झंडी दिखायी थी.
  • परिवहन विभाग की सुस्त कार्य प्रणाली के चलते राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने निर्धारित समय सीमा के अंदर परमिट जारी नहीं किया.
  • राम बारात जैसे विशाल आयोजन की जानकारी एसटीए को मिली तो आनन-फानन में दोबारा परमिट जारी की जाएगी.
  • रोडवेज प्रबंधन के तैयार होने के बावजूद यह मैत्री बस सेवा ऐन मौके पर शुरू नहीं की जा सकेगी.
  • इस आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा तमाम कैबिनेट मंत्री और नेपाल से शाही परिवार भी शामिल होने आएगा.
  • राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि मंगलवार शाम तक हमारी तरफ से परमिट जारी कर दिया गया.

हर पांचवें साल निकाली जाती है राम बारात

  • राम बारात विश्व हिंदू परिषद व विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त तत्वावधान में अयोध्या (भारत-रामनगरी) से जनकपुर (नेपाल-सीतानगरी) के बीच निकाली जायेगी.
  • यह राम बारात हर पांचवें साल निकाली जाती है.
  • इस दौरान 108 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह भी सम्पन्न कराया जायेगा.
  • राम बारात विधि-विधान के साथ अवध से जनकपुरी के लिये जायेगी और फिर वहां से वापस भी लौटेगी.

अगर यही परमिट समय रहते मिल गया होता, तो इस अन्तर्राष्ट्रीय बस सेवा के संचालन के मद्देनजर भारत व नेपाल सरकार से अप्रूवल ले लेते. ऐसे भव्य आयोजन में बस का संचालन शुरू करा देते.

-डॉ राजशेखर, प्रबंध निदेशक, यूपीएसआरटीसी

लखनऊः अयोध्या में आयोजित होने वाली राम बारात यात्रा में इस बार भारत नेपाल मैत्री बस सेवा का संचालन नहीं हो पाएगा. परमिट की कार्रवाई अधूरी रह जाने के कारण इस बस सेवा का ऑपरेशन नहीं हो पाएगा. दरअसल पिछले साल ही लखनऊ से जनकपुर के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बस सेवा का उद्घाटन किया था. बस चलाने का मकसद यही था कि भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के बारे में नेपाल के लोग जान सकें.

जानकारी देते डॉ राजशेखर, प्रबंध निदेशक, यूपीएसआरटीसी.

राम बारात उत्सव के दौरान भी नहीं संचालित होगी भारत नेपाल मैत्री बस

  • भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा के तहत अयोध्या-जनकपुर के बीच जनरथ बस को सीएम योगी ने एक साल पहले लखनऊ के आलमबाग बस स्टेशन से हरी झंडी दिखायी थी.
  • परिवहन विभाग की सुस्त कार्य प्रणाली के चलते राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने निर्धारित समय सीमा के अंदर परमिट जारी नहीं किया.
  • राम बारात जैसे विशाल आयोजन की जानकारी एसटीए को मिली तो आनन-फानन में दोबारा परमिट जारी की जाएगी.
  • रोडवेज प्रबंधन के तैयार होने के बावजूद यह मैत्री बस सेवा ऐन मौके पर शुरू नहीं की जा सकेगी.
  • इस आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा तमाम कैबिनेट मंत्री और नेपाल से शाही परिवार भी शामिल होने आएगा.
  • राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि मंगलवार शाम तक हमारी तरफ से परमिट जारी कर दिया गया.

हर पांचवें साल निकाली जाती है राम बारात

  • राम बारात विश्व हिंदू परिषद व विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त तत्वावधान में अयोध्या (भारत-रामनगरी) से जनकपुर (नेपाल-सीतानगरी) के बीच निकाली जायेगी.
  • यह राम बारात हर पांचवें साल निकाली जाती है.
  • इस दौरान 108 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह भी सम्पन्न कराया जायेगा.
  • राम बारात विधि-विधान के साथ अवध से जनकपुरी के लिये जायेगी और फिर वहां से वापस भी लौटेगी.

अगर यही परमिट समय रहते मिल गया होता, तो इस अन्तर्राष्ट्रीय बस सेवा के संचालन के मद्देनजर भारत व नेपाल सरकार से अप्रूवल ले लेते. ऐसे भव्य आयोजन में बस का संचालन शुरू करा देते.

-डॉ राजशेखर, प्रबंध निदेशक, यूपीएसआरटीसी

Intro:राम बारात यात्रा में इस बार नहीं दिखेगी भारत नेपाल मैत्री बस, परमिट की कार्रवाई रह गई अधूरी

लखनऊ। अयोध्या में आयोजित होने वाली राम बारात यात्रा में इस बार भारत नेपाल मैत्री बस सेवा का संचालन नहीं हो पाएगा। परमिट की कार्रवाई अधूरी रह जाने के कारण इस बस सेवा का इस बार ऑपरेशन नहीं हो पाएगा। दरअसल, पिछले साल ही लखनऊ से जनकपुर के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बस सेवा का उद्घाटन किया था। बस चलाने का मकसद यही था कि भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के बारे में नेपाल के लोग जान सकें और भारत के लोग मां सीता की जन्म स्थली नेपाल के जनकपुर को करीब से देख सकें। करीब 10 माह तक इस बस का संचालन हुआ, लेकिन अब यह बस सेवा सितंबर माह से परमिट खत्म हो जाने के चलते ठप पड़ी हुई है। राज्य परिवहन प्राधिकरण की तरफ से परमिट की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई जिससे भारत और नेपाल के लोगों को भी मायूसी हो रही है।


Body:भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा के तहत अयोध्या-जनकपुर के बीच जिस एक जोड़ी जनरथ बस को सीएम योगी ने एक साल पहले लखनऊ के आलमबाग बस स्टेशन से हरी झंडी दिखायी थी अब वह मैत्री बस रामनगरी में गुरुवार को आयोजित हो रही भव्य राम बारात उत्सव के दौरान नहीं संचालित हो पाएगी। वजह, प्रदेश के परिवहन विभाग की सुस्त कार्य प्रणाली और इससे जुड़े राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर परमिट नहीं जारी कर पाना है। राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि मंगलवार शाम तक हमारी तरफ से परमिट जारी कर दिया गया, वहीं यूपी रोडवेज के एमडी डॉ. राजशेखर के अनुसार अगर यही परमिट समय रहते मिल गया होता तो इस अन्तर्राष्ट्रीय बस सेवा के संचालन के मद्देनजर भारत व नेपाल सरकार से अप्रूवल ले लेते और ऐसे भव्य आयोजन में बस का संचालन शुरू करा देते। एक साल के लिये परमिट मिला था, फिर इसके रिनुअल के लिये रोडवेज ने परिवहन विभाग को फाइल भेजी, लेकिन समय बीतता गया और इस पर ध्यान नहीं दिया गया। आखिरकार परमिट रिनुअल नहीं होने के कारण रोडवेज को इस बस सेवा को बंद करना पड़ा। अब इस बार अयोध्या के बदले हुए भव्य माहौल में जब राम बारात जैसे विशाल आयोजन की जानकारी एसटीए को मिली तो आनन-फानन में दोबारा परमिट जारी किया गया, लेकिन रोडवेज प्रबंधन के तैयार होने के बावजूद यह मैत्री बस सेवा ऐन मौके पर शुरू नहीं की जा सकेगी। बता दें कि इस आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा तमाम कैबिनेट मंत्री और नेपाल से शाही परिवार भी शामिल होने आएगा। इसके अलावा नेपाल से भी काफी लोग अयोध्या आ रहे हैं
लेकिन भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा के बजाय किन्ही अन्य साधनों से।






Conclusion:राम बारात विश्व हिंदू परिषद के संयोजन व धर्मयात्रा महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में अयोध्या (भाारत-रामनगरी) से जनकपुर (नेपाल-सीतानगरी) के बीच निकाली जायेगी। यह राम बरात हर पांचवें साल निकाली जाती है। इस दौरान 108 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह भी सम्पन्न कराया जायेगा। राम बारात विधि-विधान के साथ अवध से जनकपुरी के लिये जायेगी और फिर वहां से वापस भी लौटेगी।



पहले जब लखनऊ-जनकपुर के बीच यह बस सेवा शुरू की गई थी तो हमें 1 साल का परमिट मिला था जो सम्भवतः 10 सितंबर को खत्म हो गया था। इससे पहले ही हमारी तरफ से राज्य परिवहन प्राधिकरण से परमिट के नवीनीकरण को लेकर प्रस्ताव भेजा गया था। राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक भी हो गई थी लेकिन इसके लिए मिनट्स जारी नहीं किए गए थे जिसकी वजह से हम इसे आगे नहीं बढ़ा पाए। अब फिर से एसटीए ने अपनी तरफ से प्रक्रिया पूरी कर ली है और संभवत जल्दी मिनट्स जारी किए जाएंगे। इसके बाद हम अपनी तरफ से भारत सरकार को परमिट के लिए प्रस्ताव भेजेंगे और भारत सरकार की तरफ से नेपाल सरकार से परमिट की अवधि बढ़ाने के लिए संपर्क किया जाएगा। इसके बाद जैसे ही उधर से परमिट रिनुअल की अनुमति मिलेगी, हम दूसरे ही दिन बस का संचालन शुरू कर देंगे। अभी इसमें थोड़ा वक्त लगेगा।

बाइट: डॉ राजशेखर: प्रबंध निदेशक, यूपीएसआरटीसी
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