लखनऊ: प्रदेश के 100 इंजिनियरिंग संस्थानों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के नवाचारों को बढ़ावा देने और उनमें उद्यमिता की संस्कृति को विकसित करने के उद्देश्य से इंजिनियरिंग संस्थानों में भी इन्क्यूबेशन सेंटर बनाने की तैयारी है. इससे स्टूडेंट्स के नवाचारों को उड़ान मिलेगी, साथ ही रोजगार का भी सृजन होगा. डॉ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) ने अपने सेंटर ऑफ एडवांस स्टडीज (सीएएस) इन्क्यूबेशन सेंटर के बाद प्रदेश के हर इंजिनियरिंग संस्थान में एक इन्क्यूबेशन सेंटर बनाने की तैयारी की है.
एकेटीयू अधिकारियों ने बताया कि एकेटीयू से तकरीबन 750 इंजिनियरिंग और मैनेजमेंट संस्थान जुड़े हैं. पहले चरण में यूपी के 100 इंजिनियरिंग संस्थानों में इन्क्यूबेशन सेंटर (Incubation centers in 100 engineering institutes of UP) बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. दूसरे चरण में अन्य इंजिनियरिंग संस्थानों में भी इन्क्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे. वन डिस्ट्रिक्ट, वन इन्क्यूबेशन सेंटर के तहत सभी इंजिनियरिंग संस्थानों में इसे खोला जाएगा. एकेटीयू जनसंपर्क अधिकारी डॉ पवन कुमार त्रिपाठी ने बताया कि एकेटीयू में पहले से प्रदेश का एक इन्क्यूबेशन सेंटर मौजूद है.
यहां पर कई कोर्स भी संचालित होते हैं. इस सफल प्रयास के बाद एकेटीयू कुलपति की अध्यक्षता में इनोवेशन हब की ओर से संस्थानों के निदेशकों और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के प्रिंसिपल संग भी कार्यशाला आयोजित हुई है जिसमें सम्बद्ध संस्थानों और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में भी इन्क्यूबेशन सेंटर खोलने की रूपरेखा पर चर्चा हुई. कुलपति जेपी पांडेय ने बताया कि यूपी स्टार्टअप पॉलिसी 2020 के लक्ष्य को पाने में विश्वविद्यालय स्तर से भी सहयोग दिया जाएगा.
इन्क्यूबेशन सेंटर से स्टूडेंट्स अपने स्टार्टअप को लेकर कई तरह की जानकारियां मिलेंगी. स्टूडेंट्स को अपने नवाचारों को लेकर भटकना नहीं पड़ेगा. उनके आइडियाज को मूर्त रूप तक पहुंचाने में इन्क्यूबेशन सेंटर से मदद मिलेगी. इससे पहले स्टूडेंट्स को कंपनी की धारा सेक्शन 8 में कंपनी बनानी होगी. जिसके बाद इन्क्यूबेशन सेंटर में उनके आइडियाज को साझा किया जा सकेगा.