ETV Bharat / state

यूपी की सियासत में अख्लियतों की अहमियत और सीएम योगी का आखिरी कार्ड...

author img

By

Published : Jan 18, 2022, 12:49 PM IST

यूपी की सियासत में मुस्लिम करीब 143 विधानसभा सीटों पर निर्णायक की भूमिका में हैं, लेकिन दलगत बिखराव और नेतृत्व के अभाव में ये असंगठित हैं. जिसका भाजपा को पिछले चुनाव में लाभ मिला था और कई मुस्लिम बहुल सीटों पर पार्टी जीत दर्ज करने में कामयाब हुई थी. वहीं, मोटे तौर पर सूबे में मुस्लिमों की अनुमानित आबादी 20 फीसद है. बावजूद इसके 2017 में केवल 23 मुस्लिम विधायक ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. हालांकि, मुस्लिम विधायकों की सबसे अधिक संख्या 2002 में 64 रही थी. इधर, 2022 के विधानसभा चुनाव में भी इनका वोट स्पष्ट रूप से विभाजित होता दिख रहा है.

Importance of Muslims in UP politics  lucknow latest news  etv bharat up news  यूपी की सियासत में अख्लियतों की अहमियत  Importance of Muslims in UP politics  सीएम योगी का आखिरी कार्ड  CM Yogi last bet  यूपी की सियासत में मुस्लिम  मुस्लिम बहुल सीट  मुस्लिम विधायकों की संख्या  असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम  2022 के विधानसभा चुनाव  भाजपा राष्ट्रवाद और विकास  धार्मिक ध्रुवीकरण की चेष्टा  समाजवादी विचारधारा  समाजवादी पार्टी  बहुजन समाज पार्टी  मुस्लिम राष्ट्रीय मंच  UP Assembly Election 2022  Uttar Pradesh Assembly Election 2022  UP Election 2022 Prediction  UP Election Results 2022  UP Election 2022 Opinion Poll  UP 2022 Election Campaign highlights  UP Election 2022 live  Akhilesh Yadav vs Yogi Adityanath  up chunav 2022  UP Election 2022  up election news in hindi  up election 2022 district wise  UP Election 2022 Public Opinion  यूपी चुनाव न्यूज  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव  यूपी विधानसभा चुनाव 2022
Importance of Muslims in UP politics lucknow latest news etv bharat up news यूपी की सियासत में अख्लियतों की अहमियत Importance of Muslims in UP politics सीएम योगी का आखिरी कार्ड CM Yogi last bet यूपी की सियासत में मुस्लिम मुस्लिम बहुल सीट मुस्लिम विधायकों की संख्या असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम 2022 के विधानसभा चुनाव भाजपा राष्ट्रवाद और विकास धार्मिक ध्रुवीकरण की चेष्टा समाजवादी विचारधारा समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच UP Assembly Election 2022 Uttar Pradesh Assembly Election 2022 UP Election 2022 Prediction UP Election Results 2022 UP Election 2022 Opinion Poll UP 2022 Election Campaign highlights UP Election 2022 live Akhilesh Yadav vs Yogi Adityanath up chunav 2022 UP Election 2022 up election news in hindi up election 2022 district wise UP Election 2022 Public Opinion यूपी चुनाव न्यूज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव यूपी विधानसभा चुनाव 2022

हैदराबाद: भले ही सूबे में भाजपा राष्ट्रवाद और विकास के नाम पर चुनाव लड़ने की बात कह रही हो, लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं के हालिया बयानों ने यह साफ कर दिया है कि अबकी भाजपा एक बार फिर जियारत पर सियासत के मूड में है यानी धार्मिक ध्रुवीकरण की चेष्टा चरम पर है. वहीं, सूबे की गैर भाजपा पार्टियों की निगाहें मुस्लिम वोटों पर टिकी हैं. इन वोटों का एक बड़ा हिस्सा समाजवादी पार्टी के पास रहा है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस भी इन वोटों में शेयरिंग करते रहे हैं. इस बार असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम इन वोटों की नई दावेदार है. गौर हो कि प्रदेश की 143 सीटों पर मुस्लिम मतदाता प्रभावी हैं.

यूपी में मुस्लिमों की अनुमानित आबादी करीब 20 फीसद है. वहीं, 2007 में बड़े पैमाने पर मुस्लिमों ने बसपा के पक्ष में मतदान किया था. इस चुनाव में ऐसा माना जा रहा है कि मुस्लिमों का वोट समाजवादी पार्टी को जाएगा. पर ये एक अनुमान मात्र है, क्योंकि कि एकमुश्त वोट होगा कि नहीं, ये बड़ा सवाल है. साल 2007 में इस समुदाय के मतदाताओं ने बसपा के पक्ष में मतदान किया था तो 2012 में इनका वोट सपा को गया था. लेकिन 2017 में यह सपा, कांग्रेस और बसपा के बीच विभक्त हो गए थे. 20 फीसद की बड़ी आबादी के बाद भी 2017 में केवल 23 मुस्लिम ही विधायक चुने गए थे.

यूपी की सियासत में अख्लियतों की अहमियत
यूपी की सियासत में अख्लियतों की अहमियत

मुस्लिम विधायकों की सबसे अधिक संख्या साल 2002 में 64 थी. वहीं, 40 सीटों पर मुस्लिमों की आबादी 30 फीसद से अधिक है. रामपुर, फर्रुखाबाद और बिजनौर ऐसे क्षेत्र हैं, जहां मुस्लिमों की संख्या करीब 40 फीसद है. एक अनुमान के मुताबिक सूबे की 143 सीटों में से 73 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिमों की संख्या 20 से 30 फीसद के बीच मानी जाती है और करीब 40 सीटों पर मुस्लिम आबादी 30 फीसद से अधिक है.

इसे भी पढ़ें - सीएम योगी पर प्रियंका का प्रहार, कहा- युवाओं की हताशा पर नहीं बोलेंगे योगी जी

यूपी में 1970 और 1980 के दशक में समाजवादी विचारधारा वाली पार्टियों के उदय और कांग्रेस के पतन के बाद पहली बार विधानसभा में मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व में वृद्धि हुई. यह संख्या 1967 में 6.6 फीसद से 1985 में 12 फीसद हो गई. 1980 के दशक के आखिर में भाजपा के उदय के साथ 1991 ये संख्या घटकर 5.5 फीसद हो गई है.

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के आंकड़ों की मानें तो सपा और बसपा ही मुस्लिम उम्मीदवारों को सबसे अधिक टिकट देते हैं. भाजपा यहां शायद ही किसी मुस्लिम को अपना प्रत्याशी नामांकित करती है. वहीं, कांग्रेस के मुस्लिम प्रत्याशी आमतौर पर हार ही जाते हैं. ऐसे में यूपी में अधिकांश मुस्लिम विधायक दो ही दलों के हैं. इसलिए जब सपा और बसपा अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो मुस्लिम प्रतिनिधित्व बढ़ता है और जब भाजपा अच्छा करती है तो ये संख्या घट जाती है.

अब संघ ने मुस्लिमों से भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील करके सबको चौंका दिया है. संघ की मुस्लिम शाखा ने मुस्लिम समुदाय से भाजपा को वोट देने की अपील की है. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दावा किया है कि कांग्रेस, सपा और बसपा शासन की तुलना में भाजपा के राज में मुस्लिम अधिक सुरक्षित और खुशहाल हैं.

एमआरएम ने केंद्र और राज्यों में भाजपा सरकारों की ओर मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए लागू की गई विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा देश में मुस्लिमों की सबसे बड़ी शुभचिंतक है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.