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PCS के लिए चिन्हित पदों पर IAS अफसरों का बढ़ रहा कब्जा

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Published : Mar 11, 2021, 11:02 AM IST

उत्तर प्रदेश शासन
उत्तर प्रदेश शासन

प्रदेश में पीसीएस अधिकारियों के लिए चिन्हित पदों पर आईएएस अधिकारियों को ज्यादा तैनाती दी जा रही है. इसको लेकर PCS अफसरों में नाराजगी व्यापत हो रही है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रमोटिव आईएएस अधिकारियों की संख्या जिलाधिकारी और मंडलायुक्त के पदों पर तैनाती कम की गई है. इसी तरह नगर निगम में नगर आयुक्त, विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष और मुख्य विकास अधिकारी के पदों पर पीसीएस अधिकारियों की तैनाती न्यूनतम स्तर तक पहुंचती जा रही है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन से लेकर कई विभागों में पीसीएस अधिकारियों के लिए चयनित पदों पर आईएएस अधिकारियों को पिछले कुछ समय से तैनाती मिल रही है. ऐसे में पीसीएस संवर्ग के अधिकारियों में नाराजगी बढ़ रही है, लेकिन सरकार के स्तर से आईएएस अफसरों को दी जा रही तवज्जो को देखते हुए पीसीएस अधिकारी खुलकर कुछ बोल नहीं पा रहे हैं.


प्रमोटिव आईएएस अधिकारियों की तरह पीसीएस अफसरों के पदों पर कम हुई तैनाती
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रमोटिव आईएएस अधिकारियों की संख्या जिलाधिकारी और मंडलायुक्त के पदों पर तैनाती कम की गई है. इसी तरह नगर निगम में नगर आयुक्त, विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष और मुख्य विकास अधिकारी के पदों पर पीसीएस अधिकारियों की तैनाती न्यूनतम स्तर तक पहुंचती जा रही है. इसके पीछे शासन के वरिष्ठ अधिकारी यह तर्क देते हैं कि शासन व सरकार की विकास से जुड़ी योजनाओं और गवर्नेंस में सुधार से जुड़े पदों पर युवा आईएएस अफसरों को ज्यादा काम करने को लेकर ज्यादा अवसर यानी महत्वपूर्ण तैनाती दी जा रही है.


आईएएस अधिकारियों को मिल रही है तैनाती
खास बात यह है कि विकास प्राधिकरण में प्रमोटिव आईएएस अधिकारी छाए रहते थे. पिछले समय में तमाम महत्वपूर्ण पदों पर इन प्रमोटिव आईएएस अधिकारियों को तैनाती मिलती रही है. पिछले दिनों आईएएस कैडर रिव्यू में गाजियाबाद और लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का पद आईएएस काडर के लिए चिन्हित कर दिया गया था.


विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद पर 12 आईएएस अधिकारियों को मिली है तैनाती
बाकी सभी पद अब पीसीएस संवर्ग के लिए निर्धारित हैं, लेकिन वर्तमान समय में अयोध्या विकास प्राधिकरण और झांसी विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष का पद पीसीएस अधिकारियों के जिम्मे है, जबकि अयोध्या के नगर आयुक्त विशाल सिंह के पास विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी अतिरिक्त प्रभार के रूप में है. 12 शहरों के विकास प्राधिकरण की कमान आईएएस अधिकारियों को सौंपी जा चुकी है.


नगर आयुक्त के पदों पर भी आईएएस अधिकारियों को मिली है तैनाती
इसी प्रकार नगर निगमों में नगर आयुक्त के सभी पद पीसीएस संवर्ग के लिए चिन्हित हैं, लेकिन फिरोजाबाद,मुरादाबाद और अयोध्या, शाहजहांपुर नगर निगम के आयुक्त पद पर ही पीसीएस अधिकारी तैनात हैं, जबकि 11 अन्य नगर निगमों के नगर आयुक्त पद पर युवा आईएएस अफसरों को तैनाती दी जा चुकी है. इसी प्रकार संयुक्त विकास आयुक्त, मुख्य विकास अधिकारी, अपर संयुक्त प्रोजेक्ट प्रशासक क्षेत्र विकास के 25 पद आईएएस अधिकारियों के लिए चिन्हित कर दिया गए हैं.

49 जिलों में सीडीओ पद पर आईएएस को मिली है पोस्टिंग
इसी प्रकार अन्य पदों पर पीसीएस और प्रादेशिक विकास सेवा संवर्ग के अधिकारी तैनात होने चाहिए. वर्तमान समय में 49 जिलों में मुख्य विकास अधिकारियों के पदों पर आईएएस अफसरों की तैनाती है, सिर्फ 6 जिलों में ही पीसीएस संवर्ग के अधिकारियों के रूप में तैनात हैं.इससे पता चलता है कि पीसीएस संवर्ग के लिए चिन्हित पदों पर आईएएस अधिकारियों को ज्यादा तवज्जो मिली है.


पीसीएस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बाबा हरदेव पीसीएस संवर्ग के लिए चिन्हित पदों पर आईएएस अधिकारियों को मिल रही अधिक तैनाती को लेकर कहते हैं कि यह स्थिति पीसीएस अफसरों के लिए ठीक नहीं है. इस संवर्ग के अधिकारियों को इस बारे में चिंतन करना चाहिए और मुख्य सचिव के स्तर पर अपनी बात रखनी चाहिए. इससे संवर्ग में यह चर्चा होनी चाहिए कि महत्वपूर्ण पदों पर उनकी भूमिका को क्यों सीमित होती जा रही है, जो पद जिसका काडर के लिए निर्धारित हैं, उन पर भी तैनाती ना मिलने की वजह क्या है? यदि काडर में कोई कमी आई है तो उसे भी दूर करने का प्रयास होना चाहिए. बिना किसी ठोस वजह अगर ऐसा हो रहा है, तो नीति नियामकों व राजनीतिक नेतृत्व से संवाद करना चाहिए, जिससे पीसीएस संवर्ग को सम्मान मिलेगा तो तैनाती भी मिलेगी.

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