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पैकेज्ड वाटर पीकर कैसे बताएंगे ग्राउंड वाटर बचाने की विधि

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Published : Mar 26, 2021, 3:51 PM IST

यूपी के लखनऊ में शुक्रवार को भूजल संकट से निपटने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मंचासीन अधिकारियों ने पैकेज्ड वाटर पीया. ऐसे में पैकेज्ड वाटर पीकर अधिकारी ग्राइंड वाटर बचाने के विधि कैसे बताएंगे.

पैकेज्ड वाटर
पैकेज्ड वाटर

लखनऊः देश में लगातार गिरते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए राजधानी लखनऊ के सिंचाई विभाग में भू-जल संकट से निपटने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता अशोक कुमार सिंह सहित प्रदेश के बड़ी संख्या में ग्राउंड वाटर एक्सपर्ट शामिल हुए, जिन्होंने प्रदेश की जनता से भूजल का दोहन न करने की अपील करते हुए कहा कि यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में देश व प्रदेश की जनता को भूजल के संकट का सामना करना पड़ सकता है. भूजल दोहन रोकने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में जिस तरह से अधिकारियों के लिए पैकेज्ड वाटर की व्यवस्था की गई थी. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल निगम व सिंचाई विभाग भूजल के दोहन को रोकने के लिए कितना गंभीर है.

अधिकारियों ने कार्यशाला में पैकेज्ड वाटर पीया.

भूजल के दोहन पर लोगों को किया जागरूक
राजधानी के सिंचाई भवन मुख्यालय में भोजन बचाने के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई. इस कार्यशाला में सिंचाई विभाग और जल निगम के अभियंताओं के साथ-साथ ग्राउंड वाटर एक्सपर्ट को भी आमंत्रित किया गया था. जिन्होंने लगातार बढ़ते भूजल के दोहन पर लोगों को जागरूक किया और इसके दुष्प्रभाव के बारे में अवगत कराया पर जिस तरह से इस कार्यक्रम में भी अधिकारियों कर्मचारियों के लिए पैकेज्ड वाटर की व्यवस्था की गई थी. उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल निगम सिंचाई विभाग भूजल दोहन की जागरूकता के प्रति कितना गंभीर है.

प्रधानमंत्री ने कल दिया था 'कैच द रेन' पर भाषण
लगातार बढ़ते जल संकट को ध्यान में रखते हुए विश्व जल दिवस के अवसर पर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'कैच द रेन' पर भाषण देकर देश की जनता से भूजल का संकट न हो इसके लिए पानी बचाने की अपील की थी. इसी को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को यह कार्यक्रम भी आयोजित किया गया.

ग्राउंड वाटर एक्सपर्ट ने दी सफाई
भूजल दोहन के कार्यक्रम में पैकेज्ड वाटर के प्रयोग के सवाल पर ग्राउंड वाटर एक्सपर्ट आरएस सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि निश्चित रूप से पानी के प्रयोग में बदलाव आया है. पहले हम लोग कॉन्फ्रेंस और कार्यक्रमों में एक लीटर की बोतल का प्रयोग करते थे पर लगातार जागरूकता के कारण अब 100 एमएल की बोतल का प्रयोग करने लगे हैं. ग्राउंड वाटर एक्सपर्ट का कहना है कि आजकल कार्यक्रमों में पानी देने के लिए मैन पावर नहीं है और गिलासों में पानी वेस्ट होता है. यही कारण है की बोतल में पानी दिया जाता है. सबसे खास बात यह है कि जिन लोगों को बोतल में पानी दिया जाता है अथवा लोग बोतल अपने साथ ले जाते हैं, गिलास का पानी भी वेस्ट होता है.

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बताते चलें कि राजधानी के सिंचाई भवन में आयोजित भूजल दोहन के कार्यक्रम में जिस तरह से अधिकारियों कर्मचारियों के लिए पैकेज्ड वाटर की व्यवस्था की गई थी. इस पैकेज्ड वाटर को पीकर सिंचाई विभाग जल निगम के अधिकारियों के साथ-साथ ग्राउंड वाटर के एक्सपर्ट जल को बचाने की नसीहत दे रहे थे. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है विभाग के अधिकारी भूजल दोहन को बचाने के प्रति कितना गंभीर है. जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रत्येक गांव को जल से नल से जोड़ने की योजना पर कार्य कर रहे हैं. वही सरकार के अधिकारी ही सरकार की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

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