लखनऊ: राज्य सरकार और एचसीएल फाउंडेशन ने समुदाय परियोजना के तहत अपने मौजूदा करार की अवधि पांच साल तक बढ़ाने की घोषणा की है. यह एमओयू सतत और समेकित ग्रामीण विकास के लिए एचसीएल के फ्लैगशिप सीएसआर अभियान एचसीएल समुदाय के तहत है. ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव के. रविंद्र नायक, मिशन निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योगेश कुमार और एचसीएल फाउंडेशन आलोक वर्मा की उपस्थिति में एमओयू का आदान-प्रदान किया गया है.
ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हरदोई जिले में एचसीएल समुदाय का योगदान सराहनीय है. इस कार्यक्रम के तहत अनेक प्रयासों का जमीनी स्तर पर बड़ा प्रभाव देखने को मिला है. अब इन मॉडल्स को अन्य क्षेत्रों में आसानी से क्रियान्वित किया जा सकता है. ग्रामीण उत्तर प्रदेश के संपूर्ण विकास के लिए एचसीएल फाउंडेशन की प्रतिबद्धता में हमें यह साझेदारी अगले पांच वर्षों तक बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने हरदोई के तर्ज पर ही प्रतापगढ़ तथा बुंदेलखंड में भी कार्य करने को कहा.
अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 2015 में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में लांच किया गया एचसीएल समुदाय इस समय हरदोई जिले के तीन विकास खंडों कचैना, बहन्दर और कोथावां में काम कर रहा है. यहां पर छह क्षेत्रों कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा, आजीविका और वाश (वाटर सैनिटाइजेशन एवं हाइजीन) में समेकित ग्रामीण विकास का मॉडल लागू किया गया है. इस समय एचसीएल समुदाय 164 ग्राम पंचायतों के 765 गांव में काम कर रहा है. 90 हजार घरों के लगभग छह लाख लोगों को लाभान्वित कर रहा है.
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास के. रविंद्र नायक ने बताया कि एमओयू के विस्तार के साथ एचसीएल समुदाय और उत्तर प्रदेश के अन्य गांवों में अपने कार्यक्रमों का विस्तार करने पर केंद्रित हो सकेगा और टेक्नोलॉजी संचालित कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करेगा. हरदोई के ग्रामीण घरों में सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित कर चुके हैं. इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के व्यावहारिक, आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए एक रिप्लीकेबल और स्केलेबल मॉडल एक सोर्स कोड का विकास करना है. उन्होंने कहा कि समस्त प्रयास सतत व समेकित ग्रामीण विकास के लिए भारत सरकार के उद्देश्य के अनुरूप डिजाइन किए गए हैं.
30 से ज्यादा कार्यक्रमों में 260 करोड़ का निवेश
एचसीएल फाउंडेशन के निदेशक आलोक वर्मा ने बताया कि समुदाय एचसीएल का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों में एचसीएल फाउंडेशन ने एचसीएल समुदाय के तहत 30 से ज्यादा कार्यक्रमों के लिए लगभग 260 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इन कार्यक्रमों में 41 गांवों में 74 किलोमीटर के ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क के साथ 32 सोलर मिनी ग्रिड, बिजली कट जाने पर भी निरंतर बिजली की आपूर्ति करने के लिए 125 प्राथमिक स्कूलों एवं 12 स्वास्थ्य सुविधाओं में रूफटॉप सोलर एनर्जी सिस्टम शामिल है. एचसीएल समुदाय के कार्यक्रमों से तीन टेलीमेडिसिन एवं टेलीडायग्नोस्टिक्स केंद्रों द्वारा 22 हजार से ज्यादा मरीजों को लाभ पहुंचा है. तीन ब्लॉक में 387 प्राथमिक स्कूलों में 38,000 से ज्यादा बच्चों को स्मार्ट क्लासेस की सुविधा मिली है.
40 हजार से ज्यादा किसानों को विभिन्न कृषि संबंधी कार्यक्रमों का लाभ मिला है, जिनमें 2500 से ज्यादा घरों में न्यूट्रिशन गार्डन स्थापित कर पोषण युक्त भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा दो हजार से ज्यादा अंशधारकों के साथ किसान उत्पादक कंपनी की स्थापना शामिल है. कंपनी 685 करोड़ रुपये का बिज़नस टर्नओवर हासिल कर चुकी है. स्वयं सहायता समूह की क्षमता वृद्धि, बकरी पालन, मुर्गी पालन, डेयरी विकास, हैंडीक्राफ्ट करण, बुनाई, कौशल प्रशिक्षण, सेवा योजनाएं, स्वरोजगार जैसी नवाचार उद्यमों के माध्यम से 22,830 महिला-पुरुष लाभान्वित हुए हैं.
आलोक वर्मा, निदेशक, एचसीएल फाउंडेशन