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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दस लाख करोड़ का एमओयू कराने की कोशिश, मिलेंगे रोजगार के अवसर

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Published : Jan 4, 2023, 6:32 PM IST

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राजधानी में फरवरी महीने में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit 2023) का आयोजन किया जा रहा है. प्रदेश सरकार की कोशिश है कि 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक का एमओयू कराया जा सके.

जानकारी देते संवाददाता धीरज त्रिपाठी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) सरकार प्रदेश को विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा फोकस निवेश लाने पर कर रही है. 1 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को पहुंचने के लिए सरकार ने फरवरी महीने में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit 2023) का आयोजन करने का फैसला किया है. इसको लेकर सरकार के स्तर पर तेजी से पहल की जा रही है. मंत्रियों और अफसरों के विदेश दौरे हो चुके हैं. सरकार की कोशिश है कि 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू का निवेश इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हस्ताक्षरित कराया जाए और यूपी को विकास की राह पर तेजी से अग्रसर किया जाए, इससे लोगों को रोजगार दिए जाने में सहूलियत होगी. जानकारी के अनुसार, इन निवेश के धरातल पर उतरने में 7 लाख से अधिक रोजगार के अवसर मिल सकेंगे.


पिछले महीने सरकार के मंत्रियों और अफसरों की टीम ने जब अलग-अलग देशों में जाकर निवेशकों को आमंत्रित किया तो उसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं. शासन से मिली जानकारी के अनुसार, 16 देशों से उत्तर प्रदेश को ₹7 लाख 12 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. इन सबके विधिवत एमओयू इन्वेस्टर समिट में किए जाएंगे. शासन के अफसरों का कहना है कि टीम यूपी दुनिया भर के निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए विदेश गई थी, जिसमें अच्छी सफलता मिली. परिणाम यह रहे कि 16 देशों में हुए रोड शो से अब तक 7 लाख 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की बात हुई है, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) खुद मुम्बई जाकर देसी निवेशकों से मिलकर उन्हें आमंत्रित करने का काम कर रहे हैं.


विदेशों में जिन कंपनियों, संस्थाओं, औद्योगिक समूहों के साथ एमओयू हुआ है, उनसे लगातार संपर्क और संवाद करते हुए फालोअप करने के लिए भी कहा गया है. बेहतर फालोअप के उद्देश्य से हर देश के लिए वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करते हुए इनके नेतृत्व में एक डेडिकेटेड टीम बनाए जाने को भी कहा गया है, यह टीम निवेशकों की जरूरत अपेक्षाओं के अनुसार हर संसाधन उपलब्ध कराएगी.


इन क्षेत्रों में निवेश की तैयारी, ये हैं कंपनियां : जिन क्षेत्रों में ज्यादा निवेश करने की तैयारी की गई है और निवेशकों ने करार किया है उनमें हॉस्पिटैलिटी, फूड प्रोसेसिंग, ड्रग्स व फार्मा, मेडिकल डिवाइस, केमिकल, टूरिज्म, लॉजिस्टिक्स-वेयरहाउसिंग, रिवर बेसिन मैनेजमेंट आदि सेक्टर में निवेश के लिए विभिन्न औद्योगिक समूहों ने अपने निवेश के प्रस्ताव दिए हैं. डसाल्ट, सैफरॉन, ग्रीन हाइड्रोजन, ईवी बैटरी विनिर्माण, एमएसएमई, दुग्ध, शिक्षा, डिफेंस एंड एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर, ड्रोन विनिर्माण, कृषि, टेक्सटाइल, स्टील मैन्युफैक्चरिंग, हार्टिकल्चर, वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट, डेटा सेंटर, एयर लिक्विड, थॉमसन, सैंमीना कॉर्पोरेशन, कम्प्यूटिंग, एचएमआई ग्रुप, सैमसंग, आइकिया, एरिक्सन, मदरसन, एनटीटी ग्लोबल, मित्सुई जैसी कंपनियों ने यूपी में निवेश के लिए उत्साह दिखाया है. अब तक कुल निवेश प्रस्ताव ₹712,288 करोड़ का है, वहीं अब तक कुल 150 एमओयू हुए हैं.




उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (Finance Minister Suresh Kumar Khanna) ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि फरवरी महीने में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit 2023) का आयोजन किया जा रहा है. इन्वेस्टर सम्मिट को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह का माहौल है. उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था और निवेशकों को दी जाने वाली सहूलियत का ही असर है कि भारी पैमाने पर एमओयू के लिए बातचीत हुई है. हम निवेशकों को अच्छा माहौल, बेहतर कानून व्यवस्था देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. निवेशकों में अच्छा सन्देश जा रहा है.

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