ETV Bharat / state

छोटे गैस सिलेंडर सबसे घातक, अचानक हो जाते हैं ब्लास्ट, फायर विभाग से जानें बताव के उपाय

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 25, 2023, 1:11 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

राजधानी में करीब 3000 से भी अधिक हॉस्टल संचालित हो रहे हैं. यहां रहने वाले बच्चे अक्सर सामान्य छोटे गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं. जो मानकों के अनुसार नहीं होते. ऐसे में हादसे होते हैं.

छोटे गैस सिलेंडर सबसे घातक, अचानक हो जाते हैं ब्लास्ट.

लखनऊ : राजधानी के शहर के बीच हजरतगंज इलाके में बीते दिनों एक गर्ल्स हॉस्टल में सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया. हालांकि इस घटना में कोई भी हताहत नहीं हुआ. जिस हॉस्टल में यह ब्लास्ट हुआ था वहां 25 लड़किया रहती हैं. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि राजधानी में चल रहे सैकड़ों होस्टल जो किसी भी सरकारी दस्तावेज में अंकित नहीं हैं क्या वह सुरक्षित हैं और क्या वहां रहने वाले लड़के लड़कियां सिलेंडर में ब्लास्ट होनी की स्थिति से कैसे निपटें उसकी किसी भी प्रकार की तैयारी है. ये सवाल फायर सर्विस विभाग को भी परेशान कर रहा है यही वजह है अब फायर डिपार्टमेंट शहर में चल रहे हॉस्टल को चिन्हित कर वहां फायर सेफ्टी संबंधित ऑडिट करने की तैयारी कर रहा है.

छोटे गैस सिलेंडर सबसे घातक, अचानक हो जाते हैं ब्लास्ट.
छोटे गैस सिलेंडर सबसे घातक, अचानक हो जाते हैं ब्लास्ट.


जानकारी के अनुसार राजधानी में करीब 3000 से भी अधिक हॉस्टल संचालित हो रहे हैं. जहां नौकरी और पढ़ाई करने वाले लड़के लड़कियां रहती हैं. इसमें अधिकतम ऐसे हॉस्टल हैं जो बेहद ही भीड़ भाड़ इलाकों में हैं. यहां रहने वाले लड़के लड़कियां रूम में ही गैस सिलेंडर में खाना बनाते हैं. इनमें अधिकतम छोटे गैस सिलेंडर होते हैं. इस सिलेंडर में पाइप भी लोकल ही इस्तेमाल होता. यही वजह रही कि बीते दिनों हजरतगंज के नरही इलाके में मौजूद हॉस्टल में उस वक्त सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया जब दो लड़कियां खाना बना रही थीं. इस हादसे ने फायर विभाग की नींद उड़ा दी है.





हाॅस्टल का कोई आंकड़ा नहीं तो कैसे करें फायर सेफ्टी ऑडिट

सीएफओ लखनऊ मंगेश कुमार के मुताबिक हाॅस्टल में होने वाले ऐसे हादसों से बचने के लिए कई तरह की टेक्निक इस्तेमाल की जाती है, जिसकी बकायदा ट्रेनिंग दी जाती है. हाॅस्टल में रहने वाले बच्चों को भी इसकी भरपूर जानकारी होनी चाहिए, लेकिन शहर में कितने हॉस्टल संचालित हो रहे हैं. इसका कोई भी आंकड़ा मौजूद नहीं है. क्योंकि ये कहीं पर भी रजिस्टर्ड नहीं होते हैं. ऐसे में सभी हॉस्टल फायर विभाग को सूचित करें ताकि उनकी टीम हर जगह फायर सेफ्टी की जानकारी जुटा सके और वहां रहने वाले बच्चों को ट्रेनिंग भी दे सके.

यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री कुसुम योजना में फर्जी वेबसाइट के माध्यम से चल रहा धोखाधड़ी का खेल, रहें सतर्क

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.